नमस्कार किसान भाइयों, स्वागत है BharatAgri Krushi Dukan वेबसाइट पर। हर साल की कपास में अनेक रस चूसक कीड़े नुकसान करते हैं इसमें सबसे ज्यादा सफेद मक्खी ज्यादा मात्रा में कपास के पत्तों का रस चूसकर नुकसान करती है इसीलिए आज हम कपास की सफेद मक्खी (Cotton whitefly) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे।
कपास में सफेद मक्खी (Cotton Whitefly)
कपास में सफेद मक्खी (Whitefly) देखने में छोटी और सफेद होती है इसका वैज्ञानिक नाम(cotton whitefly scientific name) एलेरोडिडे है। इनका आकार लगभग 1-2 मिलीमीटर होता है, और इनका शरीर सफेद या हल्के पीले रंग का होता है। पंख शरीर से बड़े होते हैं और मक्खियाँ उड़ने में सक्षम होती हैं। सफेद मक्खियों की आँखें काले या लाल रंग की होती हैं। इनके निम्फ पत्तियों की निचली सतह पर चिपके रहते हैं और आकार में छोटे तथा आमतौर पर पीले या हरे रंग के होते हैं। सफेद मक्खियाँ आमतौर पर पत्तियों की निचली सतह पर पाई जाती हैं, और इनका पहचानना उनके छोटे आकार और सफेद पंखों के कारण आसान होता है।
सफेद मक्खी का जीवन चक्र
सफेद मक्खी (Whitefly) एक छोटे आकार का कीट है जो पौधों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। कपास में सफेद मक्खी का जीवन चक्र (cotton whitefly life cycle) तीन मुख्य पार्ट में विभाजित होता है:
👉अंडा (Egg)
1. मादा सफेद मक्खी पत्तियों की निचली सतह पर छोटे-छोटे अंडे देती है।
2. अंडे आमतौर पर अंडाकार होते हैं और एक पीले या सफेद रंग के होते हैं।
3. यह अंडे से निम्फ निकलने में लगभग 6-10 दिन का समय लेता है, जो तापमान और पर्यावरणीय परिस्थितियों पर निर्भर करता है।
👉निम्फ (Nymph)
1. निम्फ (Nymph) में चार अवस्था होती है उसमे 1 इन्स्टार (instar- 1) यह 3-4 दिनों के बाद दूसरे चरण में बढ़ती है बाद 4-5 दिनों में तीसरे चरण में निम्फ प्रवेश करते हैं।
3 रे चरण से निम्फ 4 चरण में जाती है।
2. निम्फ अपेक्षाकृत स्थिर होता है और पौधे के रस को चूसना जारी रखा है।
3. निम्फ चौथा लगभग 6 से 10 दिन प्यूपा अवस्था में रहता है।
👉वयस्क (Adult)
1. निम्फ से वयस्क सफेद मक्खी उत्पन्न होती है।
2. वयस्क मक्खियाँ सफेद पंखों वाली होती हैं और उड़ सकती हैं।
3. वयस्क मक्खियाँ पौधों के रस को चूसने के अलावा अंडे भी देती हैं, जिससे नए जीवन चक्रवयस्क मक्खियाँ पौधों के रस को चूसने के अलावा अंडे भी देती हैं, जिससे नए जीवन चक्र की शुरुआत होती है।
4. वयस्क मक्खियों का जीवनकाल लगभग 30 से 40 दिन का रहता है।
सफेद मक्खी का प्रकोप
जब कपास में सफेद मक्खी का प्रकोप देखा जाता है, तो यह अक्सर तब होता है जब मौसम खराब होता है या बारिश कम होती है। इस समय, पौधों के पत्तों में प्रकाश-संश्लेषण क्रिया कम हो जाती है, जिससे पत्तों से अमीनो एसिड की सुगंध निकलने लगती है। यह सुगंध दूर तक फैल जाती है, जिससे सफेद मक्खियाँ आकर्षित होती हैं और पौधों पर आकर बैठ जाती हैं। सफेद मक्खियाँ पत्तियों का रस चूसती हैं और फिर अंडे डाल देती हैं, जिसके परिणामस्वरूप सफेद मक्खियों की संख्या बढ़ जाती है।
सफेद मक्खी कैसे करती है फसल को नुकसान?
1. आइए नीचे बिंदुओं में जानते हैं कि सफेद मक्खी कपास की फसल को कैसे नुकसान (cotton whitefly damage) पहुँचाती है और इसके बारे में विस्तार से जाने लेते हैं:
2. उत्तर भारत में, सफेद मक्खी पूरे वर्ष भर मौजूद रहती है और एक फसल से दूसरी फसल में स्थानांतरित होती रहती है।
3. सफेद मक्खी पत्तियों की निचली सतह से रस चूसती है, जिससे पत्तियां पीली होकर मुरझा जाती हैं।
4. रस चूसने के बाद, यह चिपचिपा हनीड्यू जैसा तरल छोड़ती है, जिससे ब्लैक सूटी मोल्ड रोग फैलता है और उत्पाद की गुणवत्ता में कमी आती है।
5. सफेद मक्खी कपास में पत्ती की कर्ल वायरस बीमारी (CLCUV) को प्रसारित करती है, जिसके लिए कोई नियंत्रण उपाय नहीं है।
6. कवक जनित और वायरस रोग से प्रभावित पौधे छोटे और कम बॉल वाले हो जाते हैं, जिससे उपज में कमी आती है।
7. सफेद मक्खी के निम्फ 80% और प्रोढ़ 20% पोधों का नुकसान करते हैं।
कपास में सफेद मक्खी के लिए रोकथाम
आइए हम कपास की सफेद मक्खी (whitefly) के एकीकृत कीट प्रबंधन के बारे में जानते हैं:
👉कल्चर मेथड -
1. कपास प्लॉट हमेशा साफ रखना।
2. आपके खेत में शुरुआती समय में इंडियन फार्मर कंपनी के पीले स्टिकी ट्रैप 10-15 प्रति एकड़ लगाना। ट्रैप 50 फीट की दूरी पर और पौधों से आधा फीट ऊंचाई पर लगाना।
👉जैविक नियंत्रण -
1. कपास में सफेद मक्खी को खाने वाले परजीवी कीड़ों (एन्कार्सिया फॉर्मोसा) आप उपयोग कर सकते हैं।
2. आप जैविक दवा में डॉ.बैक्टोज ब्रेव (ब्यूवेरिया बेसियाना) 75 मिली/ 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
👉रासायनिक नियंत्रण -
चलिए, नीचे दी गई टेबल में हम कपास में सफेद मक्खी के नियंत्रण के लिए उपयोग होने वाली सर्वश्रेष्ठ कीटनाशकों (best insecticides for whitefly in cotton) के नाम और उनकी डोज के बारे में जानकारी देखते हैं:
दवा का नाम |
कंपनी का नाम |
डोज/ एकर |
धानुका |
80 - 100 ग्राम |
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सिंजेन्टा |
250 ग्राम |
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यूपीएल |
60 ग्राम |
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बायर |
250 मिली |
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बीएएसएफ |
300 मिली |
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यूपीएल |
450 ग्राम |
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टाटा रैलिस |
300 ग्राम |
(आवेदन से पहले बारिश की जांच करें। यदि इसे आवेदन के 6 घंटे के भीतर बारिश होती है, तो कीटनाशक का प्रभाव नहीं होगा।)
सारांश -
सफेद मक्खी कपास की फसल के लिए एक गंभीर खतरा है, जो पत्तियों का रस चूसकर, हनीड्यू छोड़कर, और वायरस फैलाकर फसल की गुणवत्ता और उपज को प्रभावित करती है। इसके जीवन चक्र और प्रकोप के कारणों को समझना और नियंत्रित करना आवश्यक है। सफेद मक्खी की पहचान और नियंत्रण के लिए कल्चर मेथड, जैविक नियंत्रण, और रासायनिक नियंत्रण आवश्यक हैं। प्रारंभिक समय में पीले स्टिकी ट्रैप का उपयोग, परजीवी कीड़ों का उपयोग, और प्रभावी कीटनाशकों का छिड़काव इस कीट के प्रबंधन में सहायक हो सकते हैं। इन उपायों को सही समय पर लागू करके किसान अपनी कपास की फसल को सुरक्षित और उपजाऊ बना सकते हैं।
किसानों द्वारा अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न -
1. सफेद मक्खी से कौन सा रोग फैलता है?
उत्तर - सफेद मक्खी से ब्लैक सूटी मोल्ड और वायरस रोग को फैलता है।
2. सफेद मक्खी का वैज्ञानिक नाम क्या है?
उत्तर - सफेद मक्खी का वैज्ञानिक नाम एलेरोडिडे है।
3. सफेद मक्खी का जीवन चक्र कितना होता है?
उत्तर - सफेद मक्खी में अंडा,निम्फ और वयस्क अवस्था है।
4. सफेद मक्खी कैसी दिखती है?
उत्तर - सफेद मक्खी 1-2 लगभग मिलीमीटर, हल्के पीले या सफेद रंग और आंख काले या लाल रंग की दिखती है।
5. कपास में सफेद मक्खी के लिए सबसे प्रभावी नियंत्रण उपाय क्या है?
उत्तर - कपास में सफेद मक्खी के लिए सबसे प्रभावी नियंत्रण उलाला कीटनाशक है।
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लेखक
भारतअग्रि कृषि एक्सपर्ट