मिर्च की फसल में रस चूसक कीटों का नियंत्रण जानें !
नमस्कार किसान भाइयों आज हम मिर्च की खेती के बारे में बात करने वाले हैं। जिसमें हम मिर्च की फसल में लगने वाले प्रमुख रस चूसक कीट - माहू, थ्रिप्स, सफेद मक्खी, जैसिड के बारे में तथा उनके रासायनिक नियंत्रण के बारे में विस्तार से जानेंगे। मिर्च की खेती तीनों ही मौसम में की जाती है। अगर भारत में मिर्च की खेती की बात करें तो आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उड़ीसा, तमिलनाडु, बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान राज्यों में अत्यधिक मात्रा में मिर्च की पैदावार की जाती है।
मिर्च के प्रमुख रसचूसक कीट | chilli pest management
अब हम मिर्च की फसल को नुकसान पहुँचाने वाले प्रमुख कीटों तथा उनके निवारक उपाय और रासायनिक नियंत्रण के बारे में विस्तार से जानेंगे -
मिर्च का थ्रिप्स कीट | Thrips in chilli Crops
इस कीट का सबसे ज्यादा प्रभाव शुष्क मौसम में देखने को मिलता है। थ्रिप्स कीट पौधे की पत्तियों से रस चूस लेता है जिसके कारण मिर्च की पत्तियाँ ऊपर की ओर मुड़ कर नाव की आकार की दिखाई देती हैं। थ्रिप्स देखने में पीले, नारंगी, काले या सफेद-पीले रंग के दिखाई देते हैंI
मिर्च का थ्रिप्स कीट नियंत्रण | thrips control in chilli
अब हम जानते हैं मिर्च की फसल को नुकसान पहुँचाने वाले थ्रिप्स कीट के नियंत्रण के बारे में -
- मिर्च की फसल में नीले रंग के स्टिकी ट्रैप 15 प्रति एकड़ के हिसाब से लगवाएं।
- नीम तेल (neem oil) का 2 से 5 मिली प्रति लीटर के हिसाब से छिड़काव करें।
- मिर्च की फसल पर प्रभाव होने पर बायर कॉन्फिडोर (इमिडाक्लोप्रिड 17.8%SL) कीटनाशक का 100 मिली प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।
- धानुका फैक्स (फिप्रोनिल 5% एससी) को 400 मिली 150 - 200 लीटर पानी में घोल कर प्रति एकड़ फसल में छिड़काव करें।
- धानुका जैपैक (थियामेथोक्सम 12.6% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5% ZC ) को 80 मिली 150 - 200 लीटर पानी में घोल कर प्रति एकड़ फसल में छिड़काव करें।
- बायर कंपनी के एडमायर कीटनाशक (bayer admire insecticide) को 60 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।
- बायर कंपनी के जंप कीटनाशक (bayer jump insecticide) को 40 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।
मिर्च का सफेद मक्खी कीट | whitefly in chilli crop
इस कीट के शिशु एवं वयस्क पौधे से रस चूसते हैं जिससे पौधा कमजोर हो जाता है साथ ही ये विषाणु रोग के वाहक का भी काम करती है। व्हाइटफ्लाई पौधे के जिस भाग से रस चूसते हैं वहाँ पर चिपचिपे पदार्थ को छोड़ते हैं, जिस कारण वहाँ पर काली फफूँदी उग जाती है। जिससे पौधे में प्रकाश संश्लेषण क्रिया बाधित हो जाती है इस कीट के शिशु पत्तियों की निचली सतह से चिपके रहते हैं, इसका प्रकोप ज्यादातर गर्मियों में अधिक होता है। सफेद मक्खियाँ छोटी और तेज उड़ने वाली होती हैं तथा ये पीले शरीर और सफेद पंख वाली होती है। छोटा एवं हल्का शरीर होने के कारण ये कीट एक स्थान से दूसरे स्थान तक आसानी से चले जाते हैं। ये बहुत सारे विषाणु जनित रोगों के वाहक का काम करती हैं।
मिर्च का सफेद मक्खी कीट नियंत्रण | insecticide for whiteflies in chilli
अब हम जानते हैं मिर्च की फसल को नुकसान पहुँचाने वाले सफेद मक्खी कीट के नियंत्रण के बारे में -
- मिर्च की फसल पर प्रभाव होने पर बायर कॉन्फिडोर (इमिडाक्लोप्रिड 17.8%SL) कीटनाशक का 100 मिली प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।
- धानुका फैक्स (फिप्रोनिल 5% एससी) को 400 मिली 150 - 200 लीटर पानी में घोल कर प्रति एकड़ फसल में छिड़काव करें।
- धानुका जैपैक (थियामेथोक्सम 12.6% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5% ZC ) को 80 मिली 150 - 200 लीटर पानी में घोल कर प्रति एकड़ फसल में छिड़काव करें।
- बायर कंपनी के एडमायर कीटनाशक (bayer admire insecticide) को 60 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें।
- उलाला कीटनाशक (Ulala insecticide) के डोज़ को कितना लेना चाहिए तो 6 ग्राम प्रति 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं।
मिर्च का मिलीबग कीट | mealybug in chilli crop
मिलीबग कीट छोटे-छोटे अंडाकार मुलायम शरीर वाले रूई के सामान कीट होते हैं। इस कीट का रोकथाम करना थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि यह कीट अपने शरीर को मोमयुक्त पदार्थ से ढक लेता है। मिलीबग के चूसने और चुभाने वाले मुखांग (what causes mealybugs) होने के कारण यह पौधे के कोमल भागों, पत्तियों एवं तनों से रस चूस लेता है जिस कारण पौधा कमजोर हो जाता है तथा जहाँ से ये रसचूसते हैं वहाँ पर ये चिपचिपे मधुस्राव को छोड़ते हैं तो वहाँ पर चीटियाँ लगने लगती हैं। जहाँ पर ये मल का त्याग करते हैं वहाँ पर बाद में काली फफूँदी (shooti mould) लग जाती हैं, फिर पत्तियाँ पीली पड़कर सूख जाती हैं।
मिर्च का मिलीबग कीट नियंत्रण | best insecticide for mealybug
अब हम जानते हैं मिर्च की फसल को नुकसान पहुँचाने वाले मिलीबग कीट के नियंत्रण के बारे में
- मिलीबग कीट के नियंत्रण के लिए टाटा रैलिस टैफगोर (डाइमेथोएट ३०% ईसी) कीटनाशक का 2 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए।
- मिलीबग कीट के नियंत्रण के लिए यूपीएल लांसर गोल्ड (एसेफेट 50% + इमिडाक्लोप्राइड 1.8 % एसपी) कीटनाशक का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए।
- मिलीबग कीट के नियंत्रण के लिए धानुका एप्पल कीटनाशक (बुप्रोफेज़िन 25% एससी) को 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए।
किसान भाइयों मिर्च की फसल में रस चूसक कीट की पहचान और नियंत्रण के बारे में यह लेख पढ़कर कैसा लगा यह हमें कमेंट में बताना न भूलें और इस लेख को अपने अन्य किसान मित्रों के साथ भी शेयर करें। धन्यवाद!