palak ki kheti kaise karen

Palak Ki Kheti: पालक की खेती की सम्पूर्ण जानकारी

पालक एक प्रमुख हरी पत्तेदार सब्जी है, जो अपनी पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण अत्यधिक लोकप्रिय है। इसमें विटामिन ए, सी, और आयरन की प्रचुर मात्रा होती है, जो इसे स्वास्थ्यवर्धक बनाती है। पालक का उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में किया जाता है जैसे सलाद, सूप, और सब्जी। यह फसल तेजी से उगाई जाती है और कई बार फसल ली जा सकती है। पालक की खेती को कम समय में अधिक मुनाफा देने वाली फसल के रूप में जाना जाता है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में पालक की खेती सफलतापूर्वक की जाती है।


भारत में पालक की खेती:

पालक की खेती भारत के अधिकांश हिस्सों में की जाती है। यह उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, मध्य प्रदेश, और कर्नाटक जैसे राज्यों में प्रमुख रूप से होती है। इन राज्यों के किसान पालक की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे हैं, जिससे देशभर में पालक की उपलब्धता बनी रहती है।


पालक की खेती का समय:

पालक की खेती सालभर की जा सकती है, लेकिन सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का होता है। यह फसल ठंडी मौसम में अच्छी तरह से बढ़ती है। गरमियों में भी पालक की खेती की जा सकती है, लेकिन उस दौरान नियमित सिंचाई की आवश्यकता होती है।


मौसम और जलवायु:

पालक ठंडे मौसम में उगाई जाने वाली फसल है। यह 15°C से 25°C तापमान के बीच अच्छी वृद्धि करती है। अत्यधिक ठंड या गर्मी पालक की गुणवत्ता पर असर डालती है। पालक की खेती के लिए अच्छा जल निकासी वाली मिट्टी और पर्याप्त नमी का होना आवश्यक है।


खेत की तैयारी:

पालक की खेती के लिए खेत की गहरी जुताई करके मिट्टी को भुरभुरी बनाया जाता है। इसके बाद खेत को समतल किया जाता है ताकि पानी का सही वितरण हो सके। खरपतवार को हटाने के लिए खेत की दो-तीन बार जुताई करना आवश्यक होता है। पालक की अच्छी फसल के लिए खेत की मिट्टी में कार्बनिक खाद जैसे गोबर की खाद या कम्पोस्ट मिलानी चाहिए।


पालक की खेती के लिए मिट्टी:

पालक की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है, जिसमें जल निकासी की अच्छी क्षमता हो। हल्की अम्लीय (pH 6.0 से 7.5) मिट्टी में पालक का विकास अच्छा होता है। इसके अलावा, खेत की मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की अच्छी मात्रा होनी चाहिए।


पालक की बेस्ट किस्म:

1. पूसा हरित (Pusa Harit): यह किस्म भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित की गई है और अत्यधिक उपज देने वाली है। यह जल्दी तैयार हो जाती है और इसमें पत्तियों का रंग गहरा हरा होता है।

2. आल ग्रीन (All Green): यह किस्म जल्दी से तैयार होने वाली है और बाजार में अधिक मांग वाली किस्मों में से एक है। इसके पत्ते चौड़े और हरे होते हैं।

3. जोय चॉइस (Joy Choi): यह किस्म ठंडे क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है। इसकी पत्तियां गहरे हरे रंग की होती हैं और यह अच्छी उपज देती है।

4. पूसा पालक (Pusa Palak): यह किस्म सूखे क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है और इसकी पत्तियां मोटी और रसीली होती हैं।

5. बॉम्बे पालक: यह किस्म खासकर महाराष्ट्र और इसके आस-पास के क्षेत्रों में प्रसिद्ध है। इसकी पत्तियां मोटी और स्वादिष्ट होती हैं।

6. हिसार सेलेक्शन 1 (Hisar Selection 1): यह किस्म हिसार कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई है। इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है।

7. पूसा ज्योति (Pusa Jyoti): यह किस्म उच्च उत्पादन क्षमता वाली है और जल्दी बढ़ने वाली है। यह उच्च गुणवत्ता की पालक प्रदान करती है।

8. फिरोजाबाद सेलेक्शन: यह किस्म उत्तर भारत के कई हिस्सों में उगाई जाती है और इसके पत्तों का स्वाद बहुत ही अच्छा होता है।

9. वृंदावन (Vrindavan): यह किस्म विशेष रूप से शीतकालीन फसल के लिए उपयुक्त है और इसकी पत्तियां गहरी हरी होती हैं।

10. पीएनआर पालक 1 (PNR Palak 1): यह किस्म पंजाब नेशनल रिसर्च द्वारा विकसित की गई है और यह बेहतर उपज और गुणवत्ता प्रदान करती है।


बीजदर प्रति एकड़ अनुसार:

पालक की फसल के लिए प्रति एकड़ 4-6 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। बीज को पंक्तियों में 2-3 सेंटीमीटर की गहराई पर बोया जाता है। बीज की अच्छी अंकुरण के लिए बीज उपचार करना लाभकारी होता है।


खाद और उर्वरक:

👉नाइट्रोजन (N): 40-50 किलो प्रति एकड़

👉फॉस्फोरस (P2O5): 20-25 किलो प्रति एकड़

👉पोटाश (K2O): 20-25 किलो प्रति एकड़

उर्वरक को तीन बार विभाजित करके देना चाहिए – पहली बार बुवाई के समय, दूसरी बार 20 दिनों बाद और तीसरी बार फसल के 40 दिन पूरे होने पर। इसके अलावा, जैविक खाद का उपयोग फसल की वृद्धि के लिए लाभकारी होता है।


पालक में प्रमुख कीटों की समस्या और नियंत्रण 

1. लीफ माइनर (Leaf Miner) - धानुका जैपेक कीटनाशक –80 मिली प्रति एकड़ उपयोग करें।  

2. तना छेदक (Stem Borer) - धानुका ईएम-1 कीटनाशक - 80 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें।  

3. माहू ( Aphid) - यूपीएल लांसर गोल्ड कीटनाशक -450 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें।  

4. तम्बाकू इल्ली (Cutterpillar) - सिंजेटा अलिका कीटनाशक -80 मिली प्रति एकड़ उपयोग करें।  

5. थ्रिप्स (Sunflower Thrips) - धानुका फैक्स कीटनाशक -400 मिली प्रति एकड़ उपयोग करें।  

6. ग्रासहॉपर (Grasshopper) -  बायर कॉन्फिडोर कीटनाशक - 100 मिली प्रति एकड़ 

7. फली छेदक (Pod Borer) - बायर फेनॉक्स क्विक कीटनाशक -100 मिली प्रति एकड़ उपयोग करें।  


पालक में प्रमुख रोगों की समस्या और नियंत्रण 

1. डाउनी मिल्ड्यू  (Downy Mildew) - इंडोफिल अवतार फफूंदनाशी 300 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें। 

2. ब्लाइट रोग  (Blight) - सिंजेंटा रिडोमिल गोल्ड 300 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें। 

3. उखटा रोग (Wilt)-  बायोस्टेड रोको फफूंदनाशी 300 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें। 

4. बैक्टेरियल स्पॉट (Bacterial Spot) - टाटा रैलिस ब्लिटोक्स फफूंदनाशी - 400 ग्राम प्रति एकड़ छिड़काव करें।  

5. लीफ स्पॉट (Leaf Spot) - यूपीएल साफ फफूंदनाशी 400 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें। 

 

पालक की फसल की कटाई और समय:

पालक की कटाई बुवाई के 30-40 दिन बाद शुरू की जाती है। पत्तियों को नरम और ताजा रखने के लिए सुबह-सुबह या शाम के समय कटाई करना बेहतर होता है। कटाई के बाद पालक को धूप से बचाकर ठंडी जगह पर रखा जाता है ताकि वह ताजा बना रहे।


पालक की फसल प्रति एकड़ उत्पादन:

एक एकड़ क्षेत्र से 100 - 120 क्विंटल तक पालक का उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है, जो कि फसल की किस्म और खेत की देखभाल पर निर्भर करता है। सही समय पर उर्वरक और सिंचाई देने से उत्पादन में वृद्धि होती है।


सारांश:

पालक की खेती एक लाभकारी व्यवसाय है, जिसे कम समय और कम लागत में किया जा सकता है। इसके लिए सही मौसम, उपयुक्त मिट्टी, और उचित उर्वरक की आवश्यकता होती है। खेत की सही तैयारी, खरपतवार नियंत्रण, और कीट-रोगों से बचाव से फसल का अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। पालक की कटाई के बाद फसल को ताजा बनाए रखने के लिए सही तरीके से भंडारण करना जरूरी होता है। भारत के विभिन्न राज्यों में पालक की खेती व्यापक रूप से की जाती है, जिससे इसकी बाजार में मांग भी हमेशा बनी रहती है।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: 

1. पालक की खेती के लिए सबसे उपयुक्त समय क्या है?

उत्तर - अक्टूबर से मार्च पालक की खेती के लिए सर्वोत्तम समय है।

2. पालक की सबसे उपयुक्त मिट्टी कौनसी होती है?

उत्तर - बलुई दोमट मिट्टी पालक के लिए सर्वोत्तम होती है।

3. पालक की प्रमुख किस्में कौनसी हैं?

उत्तर - पूसा हरित, आल ग्रीन, और बॉम्बे पालक प्रमुख किस्में हैं।

4. पालक में किस तापमान पर अच्छा उत्पादन होता है?

उत्तर - 15°C से 25°C तापमान पर पालक का उत्पादन अच्छा होता है।

5. पालक की खेती के लिए बीज दर प्रति एकड़ क्या है?

उत्तर - प्रति एकड़ 4-6 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

6. पालक में प्रमुख कीट कौनसे हैं और उनका नियंत्रण कैसे करें?

उत्तर - लीफ माइनर और तना छेदक कीट, जिनका नियंत्रण धानुका जैपेक और ईएम-1 कीटनाशकों से किया जाता है।

7. पालक की कटाई कब की जाती है?

उत्तर - पालक की कटाई बुवाई के 30-40 दिन बाद की जाती है।

8. पालक में कौनसे रोग होते हैं और उनका नियंत्रण कैसे करें?

उत्तर - डाउनी मिल्ड्यू और ब्लाइट रोग, जिनका नियंत्रण अवतार और रिडोमिल गोल्ड से किया जाता है।

9. पालक की खेती से प्रति एकड़ कितना उत्पादन मिलता है?

उत्तर - प्रति एकड़ 100-120 क्विंटल पालक का उत्पादन होता है।


लेखक 

BharatAgri Krushi Doctor

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