सरसों की फसल भारत में उगाई जाने वाली चौथे नंबर की तिलहनी फसल है और तिलहनी फसलों में सरसों का हिस्सा 28.6 % है। सरसों की फसल में पीली सरसों रबी के समय आसाम, बिहार, उड़ीसा, पश्चिमी बंगाल में उगाई जाती है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश में लाभ वाली फसल के रूप में उगाई जाती है। किसान भाइयो फसल से प्रति एकड़ अच्छा उत्पादन लेने के लिए सरसों के प्रमुख कीट एवं रोग नियंत्रण करना बहुत जरुरी हे।
सरसों के प्रमुख कीट एवं रोग | Mustard Pests & Diseases Details in Hindi
आइये किसान भाइयो अब हम अपने इस लेख में सरसों के कीट एवं रोग नियंत्रण(Mustard Pests & Diseases Details in Hindi) पर विस्तार से चर्चा करते है। अब हम जानते है सरसों के प्रमुख रोगो के बारे में -
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सरसों के फसल के प्रमुख रोग | Major diseases of Mustard crop Details in Hindi
सरसों की फसल में अनेक प्रकार के रोग लगते है, किन्तु कुछ रोग फसल को जाय्दा नुकसान पहुंचाते है। यदि इनका सही समय पर नियंत्रण नहीं किया गया तो फसल को बहुत ही छति पहुंचाते है जिससे किसानो को बहुत ही ज्यादा उपज में नुकसान उठाना पड़ता है। सरसों की फसल में लगने वाले प्रमुख रोगो के बारे में तथा उनके रोकथाम के बारे में जानते है -
सरसों का सफेद रोली रोग | White Rust Disease in Mustard Details in hindi
यह सरसों की फसल में लगने वाला सबसे ज्यादा भयंकर रोग है। यह रोग मृदा और बीज जनित है। इस रोग के लझण बुवाई के 30-40 दिनो के बाद पोधो की पतियों की निचली सतह पर सफेद रंग के ऊभरे हुए धब्बे बने फफोले दिखाई देते है। रोग की समस्या ज्यादा होने पर सफेद रंग के ऊभरे हुए फफोले पतियों की दोनो सतह पर फैल जाते है। इस रोग से बने फफोलो के फट जाने पर सफेद चूर्ण पतियों पर फैल जाता है और इसी के साथ पीले रंग के धब्बे आपस मे मिलकर पतियों को पूरी तरह से ढक लेते है। फूल व फलियाँ पूरी तरह से विकृत हो जाती है। जिनमे फल्लियो में दाने नही बनते है।
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सरसों का सफेद रोली रोग का नियंत्रण -
- टाटा रैलिस मास्टर (मेटालेक्सिल 4%+मनकोज़ेब 64% WP) 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में डाल कर छिड़काव करें
- जीएसपी वेस्पा प्राइकोनज़ोल 13.9% + डिफेनोकोनाज़ोल 13.9% ईसी 1 मिली प्रति लीटर पानी में डाल कर छिड़काव करें
क्या आप भी सरसों की फसल में लगने वाले सफ़ेद रोली रोग से है परेशान ? तो चिंता छोड़े भारत अग्रि के साथ फ्री होम डिलीवरी और भारी डिस्काउंट रेट पर कृषि उत्पाद को आर्डर करें और सरसों के सफ़ेद रोली रोग से छुटकारा पाए।
प्रोडक्ट का नाम |
मार्केट रेट |
भारतॲग्री रेट |
₹457 |
₹371 |
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₹952 |
₹685 |
सरसों का आर्द्र-गलन रोग | Mustard wet rot disease Details in Hindi
आर्द्र-गलन रोग एक कवक जनित रोग है जो की पौधे के भूमि के सतह या भूमि के अन्दर वाले भाग में आक्रमण करता है जिससे जड़ पर जल सिक्त धब्बे बनते है और पौधो का तना कमजोर हो जाता है। जिस कारन वस् तना सुख जाता है और अंत में पौधा भूमि में गिर कर मर जाता है।
सरसों का आर्द्र-गलन रोग नियंत्रण -
- धानुका विटावॅक्स पॉवर (कार्बोक्सिन 37.5% + थिरम 37.5% डी.एस) 2 - 3 ग्राम प्रति किलो बीज में डाल कर बीज को उपचारित करें
- खड़ी फ़सल मे रोग के लक्षण दिखाई देने पर धानुका सिक्सर कार्बेन्डाजिम12% + मेन्कौजेब 63% के मिश्रण का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में डाल कर छिड़काव करें। आवश्यकता पड़ने पर 15 दिन के अन्तराल पर छिड़काव को दोहराए। या फिर
- बायोस्टैड रोको (थियोफानेट मिथाइल 70% WP ) 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में डाल कर छिड़काव करें।
क्या आप भी सरसों की फसल में लगने वाले आर्द्र-गलन रोग से है परेशान ? तो चिंता छोड़े भारत अग्रि के साथ फ्री होम डिलीवरी और भारी डिस्काउंट रेट पर कृषि उत्पाद को आर्डर करें और सरसों के आर्द्र-गलन रोग से छुटकारा पाए।
प्रोडक्ट का नाम |
मार्केट रेट |
भारतॲग्री रेट |
₹246 |
₹199 |
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₹372 |
₹369 |
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₹875 |
₹735 |
सरसों का छाछया रोग | Powdery mildew Disease in Mustard Details in hindi
छाछया रोग यह एक कवक जनित रोग है, इस रोग के लक्षण शुरूआती अवस्था मे पौधे की पतियों व टहनियों पर मटमेले सफेद चूर्ण के रूप मे दिखाई देते है। समस्या ज्यादा होने पर जो बाद मे सफेद चूर्ण सम्पूर्ण पौधे पर फैल जाती है। जिसके कारण पतियों में पीला पन आ जाता है और पौधा प्रकाश संश्लेषण की क्रिया करना बंद कर देता है जिससे पौधो को उचित भोजन न मिलने के कारन पत्तिया झड़ना शुरू हो जाती है।
सरसों का छाछया रोग नियंत्रण -
- इंडोफिल अवतार (हेक्साकोनाज़ोल 4% + ज़िनेब 68%WP ) 2 - 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में डाल कर छिड़काव करें
- बायर लूना एक्सपीरियंस (फ्लुओपिरम 17.7% + टेबुकोनाज़ोल 17.7% 400 एससी) 1 मिली प्रति लीटर पानी में डाल कर छिड़काव करें
- जीएसपी वेस्पा प्राइकोनज़ोल 13.9% + डिफेनोकोनाज़ोल 13.9% ईसी 1 मिली प्रति लीटर पानी में डाल कर छिड़काव करें
क्या आप भी सरसों की फसल में लगने वाले छाछया रोग से है परेशान ? तो चिंता छोड़े भारत अग्रि के साथ फ्री होम डिलीवरी और भारी डिस्काउंट रेट पर कृषि उत्पाद को आर्डर करें और सरसों के छाछया रोग से छुटकारा पाए।
प्रोडक्ट का नाम |
मार्केट रेट |
भारतॲग्री रेट |
₹618 |
₹531 |
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₹800 |
₹689 |
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₹952 |
₹685 |
सरसों का अंगमारी रोग | Blight Disease in Mustard Details in hindi
यह एक कवक जनित रोग है इस रोग के लझण पतियों पर कत्थई भूरे रंग के उभरे हुये धबे दिखाई देते है, यह धब्बे किनारे से पिले रंग लिए होते है । देखने मे यह धब्बे आँख की तरह दिखाई देते है। रोग की समस्या ज्यादा होने पर धब्बे आपस में मिल जाते है और पत्तिया सुख कर झड़ने लगती है।
सरसों का अंगमारी रोग नियंत्रण -- धानुका सिक्सर कार्बेन्डाजिम12% + मेन्कौजेब 63% के मिश्रण का 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में डाल कर छिड़काव करें।
- टाटा रैलिस मास्टर (मेटालेक्सिल 4%+मनकोज़ेब 64% WP) 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में डाल कर छिड़काव करें
- बीएएसएफ एक्रोबैट (डिमेथोमोर्फ 50% डब्ल्यूपी) 1-1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में डाल कर छिड़काव करें
- बायर एंट्राकोल (प्रोपीनेब 70% डब्लू पी) 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में डाल कर छिड़काव करें
क्या आप भी सरसों की फसल में लगने वाले अंगमारी रोग से है परेशान ? तो चिंता छोड़े भारत अग्रि के साथ फ्री होम डिलीवरी और भारी डिस्काउंट रेट पर कृषि उत्पाद को आर्डर करें और सरसों के अंगमारी रोग से छुटकारा पाए।
प्रोडक्ट का नाम |
मार्केट रेट |
भारतॲग्री रेट |
₹372 |
₹369 |
|
₹457 |
₹371 |
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₹1420 |
₹1379 |
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₹430 |
₹422 |
सरसों के फसल के प्रमुख कीट | Major Pest of Mustard crop Details in Hindi
चलिए सरसों की फसल के प्रमुख कीटों के बारे में विस्तार से जानें -
सरसों का माहू या चेपा कीट | Aphid insect in Mustard Details in hindi
सरसों की फसल में लगने वाला मुख्य कीट माहू यानी चेपा होता है, यह हल्के हरे-पिले रंग के होते है जिसकी लम्बाई 1.0 से 1.5 मि.ली होती है। इस कीट के प्रौढ़ एवं शिशु पत्तियों की निचली सतह और फूलों की टहनियों पर समूह बना कर रहते है। कीट पौधों के कोमल तनों, पत्तियों, फूलों एवं नई फलियों से रस चूसकर उसे कमजोर एवं क्षतिग्रस्त करते है, और साथ में रस चूसते समय पत्तियों पर मधुस्राव भी करते हैं जिस कारन काले रंग का कवक का प्रकोप हो जाता है। इस कीट का प्रकोप दिसम्बर-जनवरी से लेकर मार्च तक बना रहता है। इस कीट के प्रकोप से फसल की वृद्धि रुक जाती है और पैदावार कम होती है।
सरसों का माहू या चेपा कीट नियंत्रण
- फसल में पीले रंग के स्टिकी ट्रैप 15 प्रति एकड़ के हिसाब से लगवाए।
- नीम तेल का 2 से 5 मिली प्रति लीटर के हिसाब से छिड़काव करे।
- धानुका अरेवा (थियामेथोक्सम 25% डब्ल्यूजी) 60 - 80 ग्राम प्रति एकड़ की हिसाब से छिड़काव करें।
- बायर कॉन्फिडोर इमिडाक्लोप्रिड 200 एसएल(17.8% ww) 100 मिली प्रति एकड़ की हिसाब से छिड़काव करें।
- एफएमसी मार्शल (कार्बोसल्फान 25% ईसी) 40 मिली प्रति एकड़ की हिसाब से छिड़काव करें।
- पीआय ओशीन (डिनोटेफुरान 20% एसजी) 0.5 ग्राम प्रति पंप के हिसाब से छिड़काव करें।
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प्रोडक्ट का नाम |
मार्केट रेट |
भारतॲग्री रेट |
₹300 |
₹273 |
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₹465 |
₹379 |
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₹216 |
₹190 |
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₹400 |
₹349 |
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₹735 |
₹391 |
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₹450 |
₹335 |
सरसों का आरा मक्खी कीट | saw fly insect in Mustard Details in hindi
सरसों की फसल में आरा मक्खी कीट की सूड़िया काले स्लेटी रंग की दिखाई देती है जो पत्तियों को किनारों से तथा पौधो की पत्तियों में छेद कर तेजी से खाती है, इसके अधिक प्रकोप से पौधो की पत्तिया पूरी ख़राब हो जाती है और अधिक आक्रमण के समय सुण्डियां तने की छाल तक भी खा जाती है।
सरसों का आरा मक्खी कीट नियंत्रण -
- गर्मियों में खेत की गहरी जोताई करें ।
- सुण्डियों को पकड़ कर नष्ट कर दें ।
- फसल की सिंचाई करने से कीड़े की सुण्डियां डूब कर मर जाती है।
- एफएमसी मार्शल (कार्बोसल्फान 25% ईसी) 40 मिली प्रति एकड़ की हिसाब से छिड़काव करें।
- पीआय रॉकेट (प्रोफेनोफॉस 40% + साइपरमेथ्रिन 4% ईसी) 400 मिली प्रति एकड़ की हिसाब से छिड़काव करें।
क्या आप भी सरसों की फसल में लगने वाले आरा मक्खी कीट से है परेशान ? तो चिंता छोड़े भारत अग्रि के साथ फ्री होम डिलीवरी और भारी डिस्काउंट रेट पर कृषि उत्पाद को आर्डर करें और सरसों के आरा मक्खी कीट से छुटकारा पाए।
प्रोडक्ट का नाम |
मार्केट रेट |
भारतॲग्री रेट |
₹735 |
₹391 |
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₹631 |
₹599 |
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