Soybean Fertilizer Dose

Soybean Fertilizer Dose: सोयाबीन में उर्वरक प्रबंधन जानें बेस्ट खाद।

किसान भाइयों नमस्कार, स्वागत है BharatAgri Krushi Dukan वेबसाइट पर। आज हम जानेंगे, के Soybean Fertilizer Dose के बारे संपूर्ण जानकारी। अधिक उपज के लिए सोयाबीन की खेती में संतुलित उर्वरकों का प्रयोग करना उत्तम होता है। सोयाबीन की फसल में कीट व रोग से बचाव करना चाहिए। उच्च सोयाबीन उत्पादन के लिए उर्वरक प्रबंधन के लिए निम्नलिखित जानकारी हैं।

 

सोयाबीन का उर्वरक प्रबंधन | Fertilizer Management in Soybean Crop 

1. बुवाई से 10 से 15 दिन बाद सोयाबीन का उर्वरक प्रबंधन: 

👉 किसान भाइयों फसल उगने के 10 से 15 दिन बाद एनपीके 19:19:19 खाद (महाधन 19:19:19) 5 ग्राम प्रति लीटर और ह्यूमिक एसिड (प्राइम 1515) 2 मिली प्रति लीटर के हिसाब से फसल पर छिड़काव करें।

उपयोग के फायदे - इन दवाइयों का उपयोग करने से पौधों की जड़ों का विकास होगा और पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी तथा पौधों की जड़े मिट्टी में गहराई तक जाएगी। 

 

2. बुवाई से 20 से 25 दिन बाद सोयाबीन का उर्वरक प्रबंधन: 

👉 किसान भाइयों फसल उगने के 20 से 25 दिन बाद एनपीके 12:61:00 खाद (महाधन 12:61:00) 5 ग्राम प्रति लीटर पानी , समुद्री शैवाल या Seaweed (सी रूबी) 1 से 1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स इंस्टाफर्ट कॉम्बी 1 से 1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी मैं डाल कर फसल में छिड़काव करें।

उपयोग के फायदे - इन दवाइयों का उपयोग करने से पौधों का वृद्धि विकास और बड़वार तथा पौधों में नई शाखाओं का फूटाव अच्छा होगा और पौधों में किसी भी प्रकार के सूक्ष्म पोषक तत्व की कमी नहीं आएगी। 

 

 

3. बुवाई से 30 से 35 दिन बाद सोयाबीन की फसल में उर्वरक प्रबंधन: 

👉 किसान भाइयों फसल उगने के 30 से 35 दिन बाद एनपीके 00:52:34 खाद (महाधन 00:52:34) 5 ग्राम प्रति लीटर पानी, धनजाइम गोल्ड 2 मिली प्रति लीटर पानी, और बोरान 20% इंस्टा बोर 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में डालकर फसल में छिड़काव करें।

उपयोग के फायदें - इन दवाइयों का उपयोग करने से आपके सोयाबीन की फसल में फूल अधिक मात्रा में आएंगे तथा सोयाबीन की फसल में फूलों के झड़ने की समस्या नहीं आएगी। 

 

4. बुवाई से 45 से 50 दिन बाद सोयाबीन का उर्वरक प्रबंधन: 

👉 किसान भाइयों फसल उगने के 45 से 50 दिन बाद एनपीके 13:00:45 खाद (महाधन 13:00:45) 5 ग्राम प्रति लीटर पानी, समुद्री शैवाल अर्क (प्राइम 7525) 2 मिली प्रति लीटर पानी,और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स इंस्टाफर्ट कॉम्बी 1 से 1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में डालकर फसल में छिड़काव करें

उपयोग के फायदें - इन दवाइयों का उपयोग करने से सोयाबीन की फसल में फलियों की संख्या में वृद्धि होगी तथा दानों का आकार भी अधिक मात्रा में बढ़ेगा और इससे के साथ दानों में चमक बनी रहेगी। 

 

5. बुवाई से 55 से 60 दिन बाद सोयाबीन का उर्वरक प्रबंधन: 

👉 किसान भाइयों फसल उगने के 55 से 60 दिन बाद एनपीके 00:00:50 खाद (महाधन 00:00:50) 5 ग्राम प्रति लीटर पानी, वनस्पति अर्क (प्राइम काइरॉन) 2 मिली प्रति लीटर पानी, और बोरान 20% इंस्टा बोर 1 से 1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी में डालकर फसल में छिड़काव करें।

उपयोग के फायदें - इन दवाइयों का उपयोग करने से फलियां समान आकार की रहेगी और दानों में अच्छे चमक के साथ प्रति एकड़ से उत्पादन भी बढ़ेगा |

 

किसानों द्वारा बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न: 

1. सोयाबीन के लिए सबसे अच्छा खाद कौन सा है?

उत्तर- रासायनिक खाद के अलावा नडेप खाद, गोबर की खाद, अधिकतम जैविक संसाधन (10-20 टन/हेक्टेयर) या वर्मीकम्पोस्ट (5 टन/हेक्टेयर) का प्रयोग करें। 20:60-80:40:20 (नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश और सल्फर) की संतुलित मात्रा में रासायनिक खाद का प्रयोग करें।

2. सोयाबीन में कितना यूरिया डालना चाहिए?

उत्तर- बुवाई के समय, प्रति एकड़ 4 टन अच्छी तरह से सड़ी हुई गाय का गोबर, 12.5 किलोग्राम नाइट्रोजन (28 किलोग्राम यूरिया) और 32 किलोग्राम फास्फोरस (200 किलोग्राम सिंगल सुपरफॉस्फेट) डालें।

3. सोयाबीन में खाद कब डालना चाहिए?

उत्तर- सोयाबीन की फसल बुवाई के लगभग 20 से 30 दिनों के बाद ही खाद डालें।

4. सोयाबीन में सल्फर का क्या काम होता है?

उत्तर- सोयाबीन की फसल में सल्फर खाद बहुत जरूरी हैं, सल्फर पौधों की वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक 17 प्रमुख तत्वों में से एक है।

5. पोटाश का उपयोग कब करना चाहिए?

उत्तर- सामान्यतः पोटाश उर्वरक का प्रयोग बुवाई या रोपाई के समय करना चाहिए, लेकिन इसका उपयोग हल्की मिट्टी, जैसे रेतीली मिट्टी में भी किया जा सकता है।

 

सारांश: 

किसान भाइयों BharatAgri Krushi Dukan वेबसाईट - “Soybean Fertilizer Dose” यह ब्लॉग ( लेख ) आपको कैसा लगा? आशा करते है की आपको सारी जानकारी पसंद आई है और आपको आने वाला मौसम मे इसका फायदा भी होगा। सोयाबीन की खेती के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे  BharatAgri App को विज़िट करें। धन्यवाद !

 

लेखक,

भारतअ‍ॅग्री कृषि एक्सपर्ट

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