amrud ki kheti in hindi

Amrud Ki Kheti: अमरूद की खेती की सम्पूर्ण जानकारी

अमरूद एक ऐसा लोकप्रिय फल है जो स्वादिष्ट होने के साथ ही कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसे गुआवा के साथ ही कई स्थानीय नामों जैसे जामफल, बिही से जाना जाता है। रिसर्च की मानें तोअमरूद विटामिन सी, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो इसे सेहत के लिए बेहद लाभकारी बनाते हैं। इसकी खेती करना न केवल लाभदायक है, बल्कि इसे कम लागत और कम मेहनत में भी सफलतापूर्वक किया जा सकता है। भारतअ‍ॅग्री के माध्यम से जानें अमरूद की खेती (Amrud Ki Kheti) का समय, बेस्ट किस्में, बीज दर, उर्वरक, खरपतवार, कीटों और रोगों का नियंत्रण की सम्पूर्ण जानकारी के बारें में।  

 

अमरूद की खेती भारत में कहां की जाती है | Guava Farming in India -

अमरूद की खेती भारत के लगभग सभी राज्यों में की जाती है, लेकिन विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, और कर्नाटक में इसकी खेती व्यापक रूप से होती है। इन क्षेत्रों में अमरूद का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है, जिसे कारण यह किसानों के लिए एक प्रमुख नकदी फसल बन चुकी है।


अमरूद की खेती का समय | Guava Fruit Season in India -

अमरूद की खेती के लिए पौधों की रोपाई का समय बारिश के मौसम के दौरान, जून से अगस्त तक, सबसे अच्छा माना जाता है। वहीं, कुछ क्षेत्रों में इसकी रोपाई फरवरी-मार्च में भी की जाती है।


अमरूद की खेती के लिए मौसम और जलवायु -

1. अमरूद की खेती के लिए उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु सबसे उपयुक्त मानी जाती है। 

2. इसकी खेती के लिए आदर्श तापमान 15°C से 35°C के बीच होता है। इसके अलावा, अमरूद के पौधे को पर्याप्त धूप की आवश्यकता होती है और यह शुष्क मौसम में भी अच्छी तरह से फलता-फूलता है। 

3. हालांकि, पौधों की बढ़वार और फलों की गुणवत्ता के लिए पर्याप्त नमी और सिंचाई की भी आवश्यकता होती है।


अमरूद की खेती के लिए खेत की तैयारी -

1. अमरूद की खेती के लिए खेत की तैयारी के दौरान खेत को गहरी जुताई करके खरपतवार और पुरानी फसलों के अवशेषों को निकाल देना चाहिए। 

2. खेत को समतल और जल निकासी के लिए उपयुक्त बनाना चाहिए। 

3. अमरूद की खेती के लिए खेत में 2-3 बार जुताई करके मिट्टी को भुरभुरी बनाना आवश्यक होता है। 

4. इसके बाद, खेत में 10-12 टन सड़ी हुई गोबर की खाद प्रति एकड़ की दर से मिलानी चाहिए।


अमरूद की खेती किस प्रकार की मिट्टी में की जाती है -

1. अमरूद की खेती के लिए बलुई दोमट, जलोढ़ और अच्छे जल निकास वाली मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। 

2. इसकी खेती में मिट्टी का pH स्तर 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए। 

3. अत्यधिक क्षारीय या अम्लीय मिट्टी में अमरूद की फसल का उत्पादन कम हो सकता है, इसलिए मिट्टी की जांच और सुधार जरूरी होता है।


अमरूद की प्रमुख टॉप किस्मे | Amrud Varieties -

अमरूद की प्रमुख वैरायटी 

अमरूद की हाइब्रिड किस्म 

इलाहाबादी सफेदा

आर्का अमूल्य

लखनऊ 49 (सरदार)

आर्का किरण

लालित

हाइब्रिड जी.वी. - 82

बनारसी

अर्का मृदुला

चित्तरंजन अमरूद

अर्का पूनम

हफसी

अर्का सुभद्रा

धारीदार

अर्का भास्कर

लाल सुपारी

अर्का रश्मि

सफेदा मुरादाबादी

सीआईएसएच जी-2

सिधारा

सीआईएसएच जी-1


प्रति एकड़ पौधों की संख्या और दुरी  | Guava Spacing -

1. अमरूद की खेती में प्रति एकड़ 200-220 पौधे लगाए जाते हैं। 

2. पौधों की मात्रा खेत की स्थिति और पौधों की दूरी पर निर्भर करती है।

3. अमरूद के पौधों की रोपाई के लिए जुलाई-अगस्त का समय सबसे उपयुक्त होता है। 

4. पौधों के बीच की दूरी 5x5 मीटर या 6x6 मीटर होनी चाहिए। 

5. इस दूरी पर पौधों को रोपित करने से पौधों को पर्याप्त स्थान मिलता है और वे अच्छे से विकसित हो सकते हैं।


खाद और उर्वरक की प्रति एकड़ मात्रा -

1. गोबर की खाद: 10-15 टन प्रति एकड़, रोपाई से पहले।

2. नाइट्रोजन (N): 200 ग्राम प्रति पौधा, दो बार (फरवरी और अगस्त) में।

3. फॉस्फोरस (P): 100 ग्राम प्रति पौधा, साल में एक बार।

4. पोटाश (K): 100 ग्राम प्रति पौधा, साल में एक बार।

5. जिंक सल्फेट: 50 ग्राम प्रति पौधा, साल में एक बार।


अमरूद की फसल में  कीटों की समस्या -

कीटों की समस्या 

कीटनाशक का नाम 

उपयोग मात्रा 

फल मक्खी

बायर फेनॉक्स क्विक कीटनाशक

100 मिली प्रति एकड़ 

स्टेम बोरर

एफएमसी कोराजन कीटनाशक 

60 मिली प्रति एकड़ 

लीफ माइनर

सिंजेटा अलिका कीटनाशक 

80 मिली प्रति एकड़ 

मिली बग

नागार्जुन प्रोफेक्स सुपर 

400 मिली प्रति एकड़ 

माहू 

धानुका फैक्स कीटनाशक 

300 मिली प्रति एकड़ 

रेड स्पाइडर माइट

बायर ओबेरॉन कीटनाशक

150 मिली प्रति एकड़ 

थ्रिप्स

बायर कॉन्फिडोर कीटनाशक

100 मिली प्रति एकड़ 

गार्डल बीटल

धानुका ईएम-1 कीटनाशक  

80 ग्राम प्रति एकड़ 


अमरूद की फसल में रोगों की समस्या -

रोगों के नाम 

बेस्ट फफूंदनाशी 

उपयोग मात्रा 

एन्थ्रेक्नोज

बयार एंट्राकोल फफूंदनाशी 

400 ग्राम प्रति एकड़ 

विल्ट

धानुका कोनिका फफूंदनाशी 

500 ग्राम प्रति एकड़ 

रूट रोट

आईएफएससी ट्रायको शील्ड

500 ग्राम प्रति एकड़ 

डाई बैक

सिंजेन्टा अमिस्टार टॉप फफूंदनाशी 

200 मिली प्रति एकड़ 

लीफ स्पॉट

यूपीएल साफ फफूंदनाशी  

300 ग्राम प्रति एकड़ 

पाउडरी मिल्ड्यू

धानुका स्पेक्ट्रम फफूंदनाशी 

300 मिली प्रति एकड़ 

अल्टरनेरिया ब्लाइट

सिंजेंटा रिडोमिल गोल्ड 

300 ग्राम प्रति एकड़ 

कॉलर रोट

क्रिस्टल बाविस्टिन फफूंदनाशी 

250 ग्राम प्रति एकड़ 

फलों की सड़न

बीएएसएफ कैब्रियो टॉप फफूंदनाशी 

450 मिली प्रति एकड़ 

लीफ रस्ट

इंडोफिल अवतार फफूंदनाशी 

300 ग्राम प्रति एकड़ 


अमरूद की तुड़ाई और समय -

अमरूद की फसल की कटाई फल के पूरी तरह पक जाने पर की जाती है। कटाई का समय किस्म और क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग हो सकता है, लेकिन सामान्यत: अक्टूबर से फरवरी के बीच कटाई होती है। फल को हल्का हरा और सख्त अवस्था में ही तोड़ना चाहिए ताकि वह परिवहन के दौरान सुरक्षित रहे।

अमरूद का प्रति एकड़ उत्पादन | Guava Yield Per Acre

अमरूद की फसल का उत्पादन प्रति एकड़ 10-12 टन तक हो सकता है। उत्पादन की मात्रा मिट्टी की गुणवत्ता, किस्म, जलवायु, उर्वरक और फसल की देखभाल पर निर्भर करती है।


सारांश -

1. अमरूद की खेती किसानों के लिए एक लाभकारी व्यवसाय साबित हो सकती है। 

2. इसकी खेती में न्यूनतम लागत और प्रयास से अधिकतम उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। 

3. उपयुक्त जलवायु, सही किस्म का चयन, खेत की तैयारी और पौधों की उचित देखभाल के साथ, किसान अमरूद की खेती से अच्छे मुनाफे की उम्मीद कर सकते हैं। 

4. अच्छी बाजार मांग और पोषण से भरपूर होने के कारण अमरूद की खेती का भविष्य उज्ज्वल है।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न -

1. अमरूद की खेती भारत में कहां की जाती है?

उत्तर: उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, और अन्य प्रमुख राज्यों में।

2. अमरूद की रोपाई का सबसे अच्छा समय कौन सा है?

उत्तर: जून से अगस्त का समय सबसे उपयुक्त है।

3. अमरूद की खेती के लिए आदर्श जलवायु क्या है?

उत्तर: उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु।

4. अमरूद की खेती के लिए किस प्रकार की मिट्टी उपयुक्त है?

उत्तर: बलुई दोमट और अच्छे जल निकास वाली मिट्टी।

5. अमरूद की प्रमुख किस्में कौन-कौन सी हैं?

उत्तर: इलाहाबादी सफेदा, लखनऊ 49, और अर्का अमूल्य।

6. अमरूद की खेती में प्रति एकड़ कितने पौधे लगाए जाते हैं?

उत्तर: प्रति एकड़ 200-220 पौधे लगाए जाते हैं।

7. अमरूद की खेती के लिए उर्वरक की मात्रा क्या होनी चाहिए?

उत्तर: गोबर की खाद 10-15 टन प्रति एकड़ और अन्य उर्वरक जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश आदि।

8. अमरूद की फसल में कौन से प्रमुख कीट होते हैं?

उत्तर: फल मक्खी, स्टेम बोरर, लीफ माइनर आदि।

9. अमरूद की फसल में कौन-कौन से रोग होते हैं?

उत्तर: एन्थ्रेक्नोज, विल्ट, रूट रोट आदि।

10. अमरूद की तुड़ाई का समय कब होता है?

उत्तर: अक्टूबर से फरवरी के बीच, फल के पकने पर।


लेखक

BharatAgri Krushi Doctor


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