soyabean ki kheti करणे का स्मार्ट तरिका, १ एकड़ से निकाले 12 से 15 क्विंटल उपज

सोयाबीन की खेती ( Soyabean Ki Kheti ) करणे का स्मार्ट तरिका, १ एकड़ से निकाले 12 से 15 क्विंटल उपज

किसान भाइयों नमस्कार, स्वागत है BharatAgri Krushi Dukan वेबसाइट पर। आज हम जानेंगे, soyabean ki kheti के बारे संपूर्ण जानकारी। सोयाबीन की फसल (Soybean Crop Farming) को तिलहनी फसल के रूप में उगाया जाता है क्योंकि इसके बीजों से अधिक तेल प्राप्त होता है। सोयाबीन में पोषक तत्वों की उच्च मात्रा होती है। सोयाबीन में 44 प्रतिशत प्रोटीन, 21 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 22 प्रतिशत वसा, 12 प्रतिशत नमी और 5 प्रतिशत राख होती है। सोयाबीन का  सब्जी के रूप में किया जाता है, जबकि अनाज से एकत्रित तेल का सेवन किया जाता है और इसका उपयोग आयुर्वेदिक दवाईयां बनाने के लिए किया जाता है।


भारत में soyabean ki kheti का इतिहास - 

सोयाबीन की खेती (Soyabean Ki Kheti) भारत के कई राज्यों में की जाती हैं। सोयाबीन की खेती (Soybean Farming) भारत में सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में की जाती हैं। भारत 12 मिलियन मीट्रिक टन सोयाबीन का उत्पादन करता है। भारत में सोयाबीन की फसल खरीफ की मुख्य फसल है जिसकी खेती अनुसार मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान भारत में सबसे अधिक सोयाबीन का उत्पादन करते हैं। मध्य प्रदेश सभी सोयाबीन का 45 प्रतिशत उत्पादन करता है, जबकि महाराष्ट्र 40 प्रतिशत उत्पादन करता है। इसके अलावा बिहार में किसान इसकी खेती कर रहे हैं। इंदौर में मध्य प्रदेश का सोयाबीन अनुसंधान केंद्र है।


क्या आपको पता है Soybean nutrients के बारे में - 

किसान भाइयों सोयाबीन की फसल पोषक तत्वों से भरपूर होती है इस लिए किसान सोयाबीन की खेती पर ज्यादा जोर दे रहे है।  सोयाबीन में पाए जाने वाले मुख्य पोषक तत्व निम्न है - 

सोयाबीन में प्रोटीन, कैल्शियम, फाइबर, विटामिन ई, बी कॉम्प्लेक्स, थायमिन, राइबोफ्लेविन एमिनो एसिड, सैपोनिन, साइटोस्टेरॉल, फेनोलिक एसिड और कई अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें आयरन होता है, जो एनीमिया को ठीक करने में मदद करता है।

Soyabean बुवाई का सही समय क्या है ?

सोयाबीन की बुवाई (Soybean Seeds Sowing Time) खरीफ सीजन में की जाती हैं। सोयाबीन को मुख्य रूप से जून महीने के पहले सप्ताह में बुवाई की जाती हैं, लेकिन सोयाबीन की बुवाई का सही समय जून के तीसरे और चौथे सप्ताह और जुलाई के मध्य के बीच सोयाबीन की बुवाई (Soybean Sowing) करनी चाहिए।


Soyabean बुवाई के लिए उपयुक्त जलवायु कोनसा है ?

इसकी खेती का तापमान 26 से 32 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए। सोयाबीन की खेती के लिए अच्छे जल निकास वाली दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है। मिट्टी का पीएच 6.0 और 7.5 के बीच होना चाहिए।


सोयाबीन की किस्म ( Soybean Crop Variety ) - 

सोयाबीन की बेस्ट किस्म (Soybean Best Variety) इनकी बुवाई करके आप प्रति एकड़ उत्पादन ज्यादा ले सकते हैं -  JS 9560, JS 9305,  NRC 7, NRC 37, JS 335, JS 9752, JS 2029, JS 2069, JS 2034, आदि किस्मे देगी आप को 15 क्विंटल तक प्रति एकड़  उत्पादन।  


सोयाबीन बुवाई के लिए खेत की तैयारी कैसे करें ?

  1. रबी की फसल की कटाई के बाद हर तीन साल में रिवर्सिबल मोल्ड बोर्ड हल से खेत की गहरी जुताई करें और हर साल खेत को अच्छी तरह तैयार करें।
  2. गहरी जुताई के लिए कठोर कल्टीवेटर या मोल्ड बोर्ड हल का प्रयोग करें। हर तीन साल में खेत को समतल करें। गर्मियों में खेत की जुताई के बाद सोयाबीन की फसल लगानी चाहिए।
  3. सोयाबीन की बुवाई करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि इसे पहली फसल के मौसम में बोई गई फसल के साथ न बोयें। एक और बात: इसे तभी बोना चाहिए जब 100 मिमी बारिश हो चुकी हो। इससे कम वर्षा में इसकी बुआई नहीं करनी चाहिए।

सोयाबीन बुवाई के लिए बीज बीज दर कितना लें ? ( Soybean Seed Rate ) -

  1. सोयाबीन की बुआई के लिए प्रमाणित बीज का ही प्रयोग करना चाहिए। यदि आप अपने ही खेत में संग्रहित बीजों का अंतिम बार उपयोग कर रहे हैं तो उनका उपचार पहले ही कर लेना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि बाजार से खरीदे गए बीज असली हैं, उन्हें सहकारी बीज स्टोर से खरीदें और एक मान्य रसीद लें। 
  2. सोयाबीन की प्रति एकड़ बीज दर (Soybean Seed Rate) 30 से 40 किलो बीज की आवश्यकता होती हैं।  

सोयाबीन की बुवाई की विधि ( Sowing Method ) - 

फसलों की निराई-गुड़ाई को आसान बनाने के लिए किसानों को सोयाबीन की बुवाई कतारों में करनी चाहिए। किसान बीज बोने के लिए सीड ड्रिल का प्रयोग करें ताकि बीज और खाद आपस में मिल सके। सोयाबीन को सीड ड्रिलर या हल के पीछे 45 सेंटीमीटर से 65 सेंटीमीटर की दूरी पर बुवाई की जाना चाहिए। पौधे से पौधे की दूरी 4 सेमी से 5 सेमी होनी चाहिए।  


सोयाबीन में सिंचाई ( Soybean Crop Irrigation ) -

सोयाबीन की फसल खरीफ की फसल होने से इसमें सिंचाई की कम ही आवश्यकता पड़ती है। लेकिन यदि फली भरने के समय कोई लंबा सूखा पड़ता है, तो एक सिंचाई की आवश्यकता होती है। वहीं इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बरसात के दौरान खेत में जल का भराव नहीं होना चाहिए। 


सोयाबीन की कटाई ( Soybean Crop Harvesting ) -

सोयाबीन की फसल को पकने में 50 से 145 दिनों का समय लगता है जो उसकी किस्म पर निर्भर करता है। सोयाबीन की फसल जब परिपक्व हो जाती है तब उसकी पत्तियां पीली हो जाती हैं, और सोयाबीन की फली बहुत जल्दी सूख जाती है। कटाई के समय, बीजों में नमी की मात्रा लगभग 15 प्रतिशत होनी चाहिए। 


सोयाबीन में कीटों की समस्या ( Soyabean Crop Insect ) -

सोयाबीन में कई कीटों की समस्या आती हैं जिसमे प्रमुख कीट निम्न हैं।  इन कीटों में तने की मक्खी व चक्रभृंग (Soybean Stem Borer Insect ), तम्बाखू की इल्ली, फली छेदक (पत्ती भक्षक कीट) एवं सफेद मक्खी, जेसिडस, माइट्स और थ्रिप्स (रस चूसक) प्रमुख हैं।


सोयाबीन में कोनसे रोग आते है ? ( Soybean Crop Disease ) -

सोयाबीन में कई रोगों की समस्या आती हैं जिसमे प्रमुख रोग निम्न हैं। सोयाबीन फसल को प्रभावित करने वाले रोग पीला मोजेक रोग, सोयाबीन का अंगमारी रोग, पद गलन रोग (कॉलर रॉट), चूर्णिल आसिता, पत्ती धब्बा रोग, ब्लाइट रोग आदि हैं।  


Conclusion | सारांश - 

किसान भाइयों BharatAgri Krushi Dukan वेबसाईट हा हमारा - “soyabean ki kheti करणे का स्मार्ट तरिका” यह ब्लॉग ( लेख ) आपको कैसा लगा? आशा करते है की आपको सारी जानकारी पसंद आई है और आपको आने वाला मोसम मे इसका फायदा भी होगा। सोयाबीन की खेती के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे BharatAgri App को विज़िट करें। धन्यवाद ....



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