कपास भारत की सबसे महत्वपूर्ण कृषि फसलों में से एक है। भारत कपास का दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है और पहला स्थान चीन का है। कपास भारत की सबसे महत्वपूर्ण नकदी फसल है, जो प्राकृतिक रेशों के उत्पादन के लिए कपास की खेती (Cotton Farming) की जाती है। कपास की खेती जो देश के औद्योगिक और कृषि क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कपास और कपास की खेती (Cotton Farming) के व्यापक उपयोग और कई अनुप्रयोगों के कारण कपास को "सफेद सोना" कहा जाता है। किसान भाइयों, मई के महीने से कपास की बुवाई शुरू हो जाती है। कपास की खेती सिंचित और असिंचित दोनों प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। कपास की खेती करके किसान अपनी आय को 2 गुना बढ़ा सकते हैं।
कपास की खेती के लिए मौसम/ जलवायु | Cotton Growing Season or Climate:
कपास की फसल (Cotton Crop) मई महीने के शुरू में लगाई जा सकती हैं यदि उपयुक्त सिंचाई सुविधाएँ प्रदान की जाएँ या पर्याप्त सिंचाई उपलब्ध न होने पर मानसून की पर्याप्त वर्षा होते ही कपास की फसलें लगाई जा सकती हैं। कपास के सफल उत्पादन (Cotton Production Per Acre) के लिए अनुकूल जलवायु की आवश्यकता होती है।
कपास की खेती के लिए अनुकूल तापमान | Temperature for Cotton Farming:
1. कपास की फसल के विकास के लिए कम से कम 16 डिग्री सेल्सियस और अंकुरण के लिए 32 से 34 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती हैं।
2. कपास के पौधे (Cotton Plant) 21 से 27 डिग्री फ़ारेनहाइट के तापमान पर इनकी सबसे अच्छी बढ़वार होती हैं।
3. कपास की फसल के लिए दिन का तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए।
4. कपास के लिए कम से कम 50 सेमी वर्षा की आवश्यकता होती है और 125 सेमी से अधिक की वर्षा कपास की खेती के लिए हानिकारक है।
कपास की खेती के लिए मिट्टी का चुनाव | Cotton Cultivation Soil Selection:
1. कपास के लिए पर्याप्त जल धारण और उचित जल निकास वाली मिट्टी की जरुरत होती है।
कपास की खेती के लिए गहरी काली मिट्टी की जरुरत होती हैं।
2. सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होने पर कपास की खेती बलुई और बलुई दोमट मिट्टी में भी कर सकते हैं।
3. मिट्टी के अनुसार (Cotton Soil) अम्लीय और क्षारीय दोनों मिट्टी में के लिए कपास की खेती (Cotton Farming For Soil) सबसे अच्छी मानी जाती हैं।
4. कपास की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी का pH 5.5 से 6.0 के बिच होना चाहिए। हालाँकि, कपास की बुवाई (Cotton Sowing) 8.5 तक के pH वाली मिट्टी पर भी की जा सकती हैं।
कपास के खेत की तैयारी | Cotton Field Preparation:
कपास की खेती मुख्य रूप से उत्तरी भारत में सिंचाई पर निर्भर है। इन स्थानों पर एक सिंचाई के बाद 1 से 2 गहरी जुताई, 3 से 4 हल्की जुताई करके पाटा लगाकर इसकी बुवाई कर देनी चाहिए।
कपास दक्षिणी और मध्य भारत में वर्षा आधारित गहरी मिट्टी में उगाई जाती है। इन स्थानों पर खेत तैयार करने के लिए रबी की फसल की कटाई के बाद मिट्टी पलटने वाले हल का प्रयोग करना चाहिए जिससे खरपतवार निकल जाए और खेत में अच्छी सफाई हो जाए। कपास की बिजाई से पहले खेत को समतल जरूर करना चाहिए जिससे कपास का अंकुरण बढ़ता है।
(नोट- कपास का खेत तैयार करते समय इस बात का ध्यान रखें कि खेत बिल्कुल समतल होना चाहिए ताकि मिट्टी की जल धारण क्षमता और जल निकासी की क्षमता दोनों अच्छी हो। कपास को बिना जुताई के या कम से कम जुताई के साथ उगाया जा सकता है यदि खेतों में खरपतवार की समस्या नहीं हो तो।)
कपास की खेती के लिए उन्नत किस्मे | Cotton Best Variety:
कपास की खेती के लिए उन्नत किस्मो का चुनाव कपास (Cotton Best Variety) के लिए मिट्टी, कपास के लिए जलवायु, कपास के लिए उचित तापमान, कपास में सिचाई, कपास की अवधि, कपास के लिए खाद आदि पर निर्भर करती हैं। कपास की टॉप 10 किस्म निम्न है -
👉 रासी 659 BGII
👉 रासी नियो BGII
👉 नुजिवीदु भक्ति
👉 कावेरी जादू बीजी II
👉 कावेरी मनी मेकर
👉 आदित्य मोक्ष
👉 नुजिवीडु गोल्ड कॉट
कपास की बीज दर | Cotton Seed Rate Per Acre:
कपास की Cotton Seed Rate प्रति एकड़ पौधों/फसल की दूरियों पर निर्भर करता हैं।
👉 2 पैकेट प्रति एकड़ या
👉 900 ग्राम बीज प्रति एकड़ अनुसार बिजाई करें।
कपास के बुवाई के तरीके | Cotton Sowing Methods:
1. बीटी कपास के बीज (डिबलिंग) को 108 और 60 सेमी, यानी 108 सेमी पंक्ति से पंक्ति और 60 सेमी पौधे से पौधे, या 67.5 और 90 सेमी की दूरी पर लगाएं।
2. अमेरिकी किस्मों के लिए पंक्ति से पंक्ति का अंतर 60 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 45 सेमी रखनी चाहिए।
3. देशी किस्मों में कतार से कतार की दूरी 45 सेंटीमीटर और पौधे से पौधे की दूरी 30 सेंटीमीटर रखनी चाहिए।
4. पॉलीथिन की थैलियों में पैक करके खाली स्थानों पर पौधे लगाकर आप मनचाही संख्या में पौधे रख सकते हैं।
5. यदि कपास की खेती लवणीय भूमि पर की जाती है तो मेड़ बनानी चाहिए तथा मेढ़ों के ढाल पर बीज बोने चाहिए।
कपास की खेती के लिए खाद एवं उर्वरक | Manures And Fertilizers for Cotton Crop:
1. उन्नत किस्म की कपास की संतोषजनक उपज के लिए नाइट्रोजन (80-120 किग्रा), फास्फोरस (40-60 किग्रा), पोटाश (20-30 किग्रा), और सल्फर (25 किग्रा) प्रति एकड़ में देना चाहिए।
2. हाइब्रिड और बीटी किस्मों के लिए नाइट्रोजन 150 किलोग्राम प्रति एकड़, फॉस्फोरस 75 किलोग्राम, पोटाशियम 40 किलोग्राम और सल्फर 25 किलोग्राम प्रति एकड़ है।
3. गंधक की पूरी मात्रा बुवाई के समय, 15 प्रतिशत नत्रजन बुआई के समय तथा शेष मात्रा (तीन बराबर भाग में) 30, 60 तथा 90 दिनों में देनी चाहिए।
4. इसके विपरीत, फास्फोरस और पोटेशियम की आधी मात्रा रोपण के समय और दूसरी आधी 60 दिनों के बाद डालनी चाहिए। अच्छी उपज के लिए अंतिम जुताई के समय प्रति एकड़ 7 से 10 टन गोबर की खाद डालें।
कपास की खेती में सिंचाई प्रबंधन | Irrigation Management in Cotton Crop:
बिजाई के बाद, खाद डालने के बाद और फूल आने के समय 5 से 6 बार सिंचाई करें। अंकुरण के 20 से 30 दिन बाद पहली बार सिंचाई करें। नतीजतन, पौधों की जड़ें गहरी हो जाती हैं। उसी समय पौधों की छंटाई करनी चाहिए। हर 20 से 25 दिनों में दोबारा सिंचाई करें।
सारांश:
😊 किसान भाइयों अगर आप को दी गई जानकारी अच्छी लगी तो कमेंट में अपनी प्रतिक्रिया जरूर दर्ज करें और आप को खेती सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए है, तो हमें नीचे दिए गए 🗨️ कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर दर्ज करें। 🙏
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न | people also ask:
1. कपास कौन से महीने में बोया जाता है?
उत्तर - कपास मई और जून में बोया जाता है।
2. 1 एकड़ में कितने क्विंटल कपास होता है?
उत्तर - एक एकड़ में 15 से 20 क्विंटल कपास निकलती है।
3. कपास की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है?
उत्तर - रासी 659 BGII,रासी नियो BGII, नुजिवीदु भक्ति, कावेरी जादू बीजी II, कावेरी मनी मेकर, आदित्य मोक्ष, नुजिवीडु गोल्ड कॉट, अजीत 155 BGII आदि किस्म अच्छी है।
4. कपास में कौन सा खाद डाला जाता है?
उत्तर - नाइट्रोजन 150 किलोग्राम + फॉस्फोरस 75 किलोग्राम + पोटाशियम 40 किलोग्राम और सल्फर 25 किलोग्राम प्रति एकड़ 2 से 3 बार डालना।
5. कपास कितने दिन में पक जाता है?
उत्तर - कपास 150 से 200 दिन तक cotton variety नुसार पक जाती है।
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लेखक
भारतअग्रि कृषि एक्सपर्ट