methi ki kheti kab kare

Methi Ki Kheti: मेथी की खेती की सम्पूर्ण जानकारी

मेंथी एक ऐसी फसल का जिसका उपयोग मुख्य रूप से मसालों और सब्जि के रूप में किया जाता है। यह भारतीय रसोई में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखती है, क्योंकि इसके पत्तों और बीजों का उपयोग विभिन्न व्यंजनों में किया जाता है। मेथी में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और खनिज तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। यह फसल पोषण के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी अत्यधिक लाभकारी मानी जाती है। इसमें मौजूद औषधिय गुणों के कारण इसका उपयोग  मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोगों के इलाज में किया जाता है।


भारत में मेथी की खेती: 

भारत में मेथी की खेती प्रमुख रूप से राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में की जाती है। राजस्थान मेथी उत्पादन में सबसे आगे है, और यहां इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाता है। इसके अलावा, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, और आंध्र प्रदेश में भी मेथी की खेती की जाती है।


मेथी की खेती का समय: 

मेथी की बुवाई का सही समय अक्टूबर से नवम्बर के बीच होता है। गर्मी और वर्षा के मौसम में भी कुछ क्षेत्रों में इसकी खेती की जाती है, लेकिन रबी मौसम में इसकी बुवाई अधिक सफल मानी जाती है।


मौसम और जलवायु: 

मेथी की फसल के लिए ठंडा और शुष्क मौसम सबसे उपयुक्त होता है। 15 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान इसके विकास के लिए आदर्श है। अधिक ठंड या पाला मेथी की खेती को नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए यह फसल रबी के मौसम में अधिक सफल मानी जाती है।


खेत की तैयारी: 

मेथी की खेती के लिए खेत की जुताई अच्छी तरह से करनी चाहिए। खेत को अच्छी तरह समतल और खरपतवार मुक्त रखें। पहले गहरी जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बनाएं और इसके बाद हल्की जुताई करके मिट्टी को बुवाई के लिए तैयार करें। जैविक खाद या कम्पोस्ट का इस्तेमाल मिट्टी की उर्वरकता बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।


मिट्टी का चयन : 

मेथी की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सर्वोत्तम होती है। मिट्टी का pH मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए। अधिक क्षारीय या अम्लीय मिट्टी में फसल का उत्पादन कम हो सकता है।


मेथी की किस्म :

👉पूसा अर्ली बंचिंग - यह किस्म कम समय में पकने वाली होती है और इसे हरी पत्तियों के लिए उगाई जाती है।

👉आरएमटी-143 - मेथी की एक नई किस्म, जिसे राजस्थान में विकसित किया गया है, यह उच्च उत्पादन क्षमता और बेहतर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाली है।

👉कस्तूरी मेथी - इसका उपयोग औषधीय गुणों के लिए किया जाता है। पत्तियों में सुगंध और स्वाद के लिए प्रसिद्ध।

👉पूसा कसूरी - इस किस्म को मसालों के लिए उगाई जाती है यह हरी पत्तियों की उच्च गुणवत्ता और सुगंध होती है।

👉गीता - यह एक उन्नत किस्म है, जो कम समय में तैयार होती है, इसके बीज और पत्तियां दोनों ही उपयोगी होते हैं।

👉आकाश - इसे विशेष रूप से बीज उत्पादन के लिए उपयुक्त, बीज की अच्छी गुणवत्ता और आकार होता है।

👉एनपी (नेशनल पैंट) - यह किस्म रोग प्रतिरोधक होती है और जल्दी तैयार होती है, यह पत्तियों और बीजों का उत्पादन अच्छा होता है।

👉गुजरात मेथी 1 - यह किस्म गुजरात के किसानों के बीच लोकप्रिय है, यह पत्तियों और बीजों का अच्छा उत्पादन देती है।

👉आरएमटी-305 - राजस्थान में विकसित एक और उन्नत किस्म, सूखे और गर्मी के प्रति सहनशील होती है।

👉केसर - इसे विशेष रूप से बीज उत्पादन के लिए उगाया जाता है, इसकी पत्तियों का रंग और गुणवत्ता बेहतर होती है।


बीज दर प्रति एकड़ अनुसार: 

मेथी की बुवाई के लिए 8 से 10 किलोग्राम बीज प्रति एकड़ की आवश्यकता होती है। बीजों को 2-3 सेमी गहराई में बोना चाहिए और बीजों के बीच उचित दूरी बनाए रखें।

मेथी की सीधी बुवाई से की जाती है। पौधों के बीच 10 से 15 सेमी और कतारों के बीच 20 से 25 सेमी की दूरी रखें। बुवाई के 7 से 10 दिन बाद अंकुरण शुरू होता है।


खाद और उर्वरक की प्रति एकड़ मात्रा और समय:

प्रति एकड़ में 10-15 टन गोबर की खाद या कंपोस्ट डालें। नाइट्रोजन 20 किलो, फास्फोरस 40 किलो और पोटाश 20 किलो प्रति एकड़ दें। बुवाई के समय फास्फोरस और पोटाश की पूरी मात्रा डालें और नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई के समय और बाकी आधी 30-40 दिन बाद दें।


मेथी में प्रमुख कीटों की समस्या और नियंत्रण 

1. लीफ माइनर (Leaf Miner) - धानुका जैपेक कीटनाशक –80 मिली प्रति एकड़ उपयोग करें।  

2. तना छेदक (Stem Borer) - धानुका ईएम-1 कीटनाशक - 80 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें।  

3. माहू ( Aphid) - यूपीएल लांसर गोल्ड कीटनाशक -450 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें।  

4. तम्बाकू इल्ली (Cutterpillar) - सिंजेटा अलिका कीटनाशक -80 मिली प्रति एकड़ उपयोग करें।  

5. थ्रिप्स (Sunflower Thrips) - धानुका फैक्स कीटनाशक -400 मिली प्रति एकड़ उपयोग करें।  

6. ग्रासहॉपर (Grasshopper) -  बायर कॉन्फिडोर कीटनाशक - 100 मिली प्रति एकड़ 

7. फली छेदक (Pod Borer) - बायर फेनॉक्स क्विक कीटनाशक -100 मिली प्रति एकड़ उपयोग करें।  


मेथी में प्रमुख रोगों की समस्या और नियंत्रण 

1. डाउनी मिल्ड्यू  (Downy Mildew) - इंडोफिल अवतार फफूंदनाशी 300 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें। 

2. ब्लाइट रोग  (Blight) - सिंजेंटा रिडोमिल गोल्ड 300 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें। 

3. उखटा रोग (Wilt)-  बायोस्टेड रोको फफूंदनाशी 300 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें। 

4. बैक्टेरियल स्पॉट (Bacterial Spot) - टाटा रैलिस ब्लिटोक्स फफूंदनाशी - 400 ग्राम प्रति एकड़ छिड़काव करें।  

5. लीफ स्पॉट (Leaf Spot) - यूपीएल साफ फफूंदनाशी 400 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें। 


फसल की कटाई और समय: 

मेथी की फसल 90-110 दिनों में तैयार हो जाती है। जब पौधे पीले पड़ने लगें और बीज सूखने लगें, तब फसल की कटाई करें। पत्तियों के लिए कटाई बुवाई के 30-40 दिनों बाद की जा सकती है।


प्रति एकड़ उत्पादन: 

मेथी की फसल से प्रति एकड़ 8-10 क्विंटल बीज उत्पादन होता है। पत्तियों का उत्पादन प्रति एकड़ 15-20 क्विंटल तक हो सकता है।


सारांश: 

मेथी की खेती एक लाभकारी फसल है, जिसका उपयोग मसाले, औषधि और सब्जी के रूप में होता है। 

इसकी खेती भारत के विभिन्न राज्यों में की जाती है, और यह ठंडी जलवायु में बेहतर उगती है। 

सही समय पर बुवाई, खेत की तैयारी, खाद एवं उर्वरक का उचित प्रयोग और कीट-रोग नियंत्रण के साथ अच्छी पैदावार प्राप्त की जा सकती है।

मेथी की पत्तियों और बीजों का बाज़ार में उच्च मांग होती है, जिससे यह किसानों के लिए एक अच्छी आय का साधन बनती है।

 

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: 

1. मेथी की बुवाई का सही समय क्या है?

उत्तर - अक्टूबर से नवम्बर का समय बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त है।

2. मेथी की खेती किन राज्यों में होती है?

उत्तर - राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, और हरियाणा प्रमुख राज्य हैं।

3. मेथी के बीज की प्रति एकड़ मात्रा कितनी होनी चाहिए?

उत्तर - प्रति एकड़ 8 से 10 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

4. मेथी की प्रमुख किस्में कौन सी हैं?

उत्तर - पूसा अर्ली बंचिंग, आरएमटी-143, और कस्तूरी मेथी प्रमुख किस्में हैं।

5. मेथी की फसल के लिए कौन सी मिट्टी उपयुक्त होती है?

उत्तर - दोमट या बलुई दोमट मिट्टी, जिसका pH 6.5 से 7.5 हो।

6. मेथी की फसल में प्रमुख कीट कौन-कौन से हैं?

उत्तर - लीफ माइनर, तना छेदक, और माहू प्रमुख कीट हैं।

7. मेथी में कौन से प्रमुख रोग होते हैं?

उत्तर - डाउनी मिल्ड्यू, ब्लाइट, और उखटा रोग प्रमुख रोग हैं।

8. मेथी की प्रति एकड़ औसत पैदावार कितनी होती है?

उत्तर - प्रति एकड़ 8-10 क्विंटल बीज उत्पादन होता है।


लेखक

BharatAgri Krushi Doctor


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