किसान भाइयों नमस्कार, स्वागत है BharatAgri Krushi Dukan वेबसाइट पर। आज हम जानेंगे, Beej Upchar क्यों और कैसे करें, बीज उपचार क्या है, बीज उपचार क्यों जरुरी है, बीज उपचार की विधियां, बीज उपचार की दवा, बीज उपचार के तरीके,बीज उपचार के लाभ के बारे संपूर्ण जानकारी।
बीज उपचार (seed treatment) एक कम लागत वाली उत्पादन रणनीति है जो एक फसल को बीज जनित और मिट्टी जनित बीमारियों से नष्ट होने से बचा सकती है। बीज के अंदर या बीज की बाहरी सतह पर कुछ सूक्ष्म जीवाणु मौजूद होते हैं जिन्हें नग्न आंखों से नहीं देखा जा सकता है, लेकिन ये रोगाणु पौधे के साथ-साथ बढ़ते हैं और न केवल पौधों को प्रभावित करते हुए कई प्रकार की बीमारियों का कारण बनते हैं।
बीजों को निर्धारित मात्रा में अनुमोदित औषधि से बीज बोने से पूर्व उपचारित करने पर पौधों को बीज जनित एवं मृदा जनित रोगों से बचाया जा सकता है तथा किसान कम लागत में उत्तम फसल का उत्पादन कर अधिक लाभ कमा सकते हैं।
बीज उपचार क्या है? | What is Seed Treatment?
बीज उपचार (seed treatment) एक प्रक्रिया या दृष्टिकोण है जिसमें बीजों और पौधों को रासायनिक, जैव रासायनिक, या तापीय रूप से रोगों और कीटों को दूर रखने के लिए उपचारित किया जाता है। पोषक तत्वों को स्थिर करने के लिए जीवाणु कल्चर (bacterial culture) के साथ बीज उपचार का भी उपयोग किया जाता है।
बीज उपचार क्यों जरुरी हैं | Why Seed Treatment is Important :
1. बीज उपचार इसलिए आवश्यक है क्योंकि बीज जनित रोगों एवं कीटों के प्रभाव को प्रारम्भ में ही कम करने या रोकने के लिए बीज उपचार आवश्यक है
2. इससे होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है अन्यथा पौधों की वृद्धि के बाद रोकथाम के लिए अधिक लागत या खर्चा करना पड़ता है।
3. बीजों में अंदर और बाहर रोगों के रोगाणु सुशुप्ता अवस्था में (बीज जनित रोग), मिट्टी में (मिट्टी जनित रोग) और हवा में (वायु जनित रोग) मौजूद रहते हैं| ये अनुकूल वातावरण के मिलने पर उत्पन्न होकर पौधों पर रोग के लक्षण के रूप में प्रकट होते हैं|
4. फसल में रोग के कारक फफूद रहने पर फफूदनाशी से, जीवाणु रहने पर जीवाणुनाशी से, सूत्रकृमि रहने पर सौर उपचार या कीटनाशी से उपचार किया जाता है |
5. मिट्टी में रहने वाले कीटों से सुरक्षा के लिए भी कीटनाशी से बीजोपचार किया जाता है|
6. इसके अतिरिक्त पोषक तत्व स्थिरीकरण के लिए जीवाणु कलचर (राइजोवियम, एजोटोबैक्टर, एजोस्पाइरीलम, फास्फोटिका और पोटाशिक जीवाणु) से भी बीजोपचार किया जाता है|
7. beej upchar बहुत ही सस्ता और सरल उपचार है| इसे कर लेने पर लागत का 11 गुणा लाभ और कभी-कभी महामारी की स्थिति में 40 से 80 गुणा तक लागत में बचत सम्भावित है|
बीज उपचार की विधियां | Seed Treatment Method :
👉सूखा विधि बीजोपचार
👉 भीगी विधि बीजोपचार
👉गर्म पानी बीजोपचार
👉 स्लरी बीजोपचार
बीज उपचार की दवा | Seed Treatment Dawa :
1. वीटावैक्स पॉवर, (धानुका) 2-3 ग्राम/किलो बीज उपचार।
2. साफ, (UPL) 2-3 ग्राम/किलो बीज उपचार।
3. ज़ेलोरा, (BASF) 2-3 मिली/किलो बीज उपचार।
4. डॉ बैक्टोस डर्मस 6 मिली/किलो बीज उपचार।
बीज उपचार के तरीके | Seed Treatment Methods :
1. किसान भाइयों सबसे पहले कॉन्फिडोर कीटनाशी (Confidor insecticide) की 1 मिली मात्रा को लेते है फिर उसमें 80 से 100 मिली पानी को मिलाते है अब प्रति किलोग्राम बीज को किसी पॉलीथिन के ऊपर हाथों में दस्ताने पहनकर रब करते हैं, जब बीज और दवा अच्छे से मिल जाये तो उसको 15 मिनट के लिए छाँव में सुखाते है।
2. उसके बाद हम Bavistin Fungicide से बीज उपचार करेंगे जिसमें 2.5 से 3 ग्राम दवा को 80 से 100 मिली पानी में मिलाकर प्रति किलोग्राम बीज को किसी पॉलीथिन के ऊपर हाथों में दस्ताने पहनकर रब करते हैं, जब बीज और दवा अच्छे से मिक्स हो जाये तो उसको 15 मिनट के लिए छाँव में सुखाते है। सूखने के बाद बीज को बुवाई के लिए उपयोग कर सकते है।
3. जो किसान जैविक खेती करते है तो उसके लिए डॉ बैक्टोस डर्मस (ट्राइकोडर्मा विरिडी) को 2.5-5 मिली को 80 मिली पानी में मिलाकर प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से उपचारित करना चाहिए।
4. किसान भाइयों बाविस्टिन कवकनाशी का उपयोग बीज उपचार के अलावा विभिन्न रोगों जड़ सड़न और उखटा के लिए इसका बहुत बेहतरीन परिणाम हैं।
बीज उपचार के लाभ | Benefits of Seed Treatment :
1. बीजों का अंकुरण अच्छा होता है।
2. बीज उपचार फसल की बीमारियों के प्रसार को रोकता है।
3. बीजजन्य रोगों से नियंत्रण प्रदान करता है।
4. मृदाजनित रोगों से नियंत्रण प्रदान करता है।
5. बीज उपचार से अनेक मृदा कीटों से बीज तथा पौध की रक्षा होती है।
6. बीज उपचार से बीजों को सड़ने और अंकुरों के झुलसने से बचाया जा सकता है।
7. बीज उपचार भंडारण कीड़ों से सुरक्षा प्रदान करता है।
सारांश :
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बार-बार पूछे जाने वाले सवाल :
1. बीज उपचार कौन सी दवाई से करें?
उत्तर- फफूंदजनित रोगों के नियंत्रण के लिए कर्बेंडाजिम या मैंकोजेब, कैप्टान या थीरम,आदि दवाओं का प्रयोग किया जाता है। कीटों के नियंत्रण के लिए क्लोरपायरीफॉस, इमीडाक्लोप्रीड या थायोमेथाक्सम, आदि दवाओं का प्रयोग किया जाता है।
2. बीज उपचार कैसे काम करते हैं?
उत्तर- बीज उपचार कुछ कीटों और रोगों के हमले से बीज और अंकुर की रक्षा कर सकता है। गैर-प्रणालीगत कवकनाशी या कीटनाशक अंकुरित बीज की सतह पर एक रासायनिक अवरोध बनाते हैं जिससे फसल में कीटों और रोगों की समस्या नहीं आती हैं ।
3. बीज उपचार कितने दिन पहले करना चाहिए?
उत्तर- फसल को कीटों और रोगों से बचाने के लिए बीज उपचार करने का सही समय बीज बोने के 24 घंटे पहले का होता है।
4. जैविक बीज उपचार क्या है?
उत्तर- जैविक बीज उपचार में पोषक तत्व स्थिरीकरण के लिए जीवाणु कलचर (राइजोवियम, एजोटोबैक्टर, एजोस्पाइरीलम, फास्फोटिका और पोटाशिक जीवाणु) से भी बीजोपचार किया जाता है |
5. बीजों को रोग मुक्त कैसे बनाते हैं?
उत्तर- फसल में कीटों और रोगों की समस्या बहुत ज्यादा आती हैं, यह समस्या बीज की बुवाई से ही शुरू हो जाती हैं। इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए जैविक बीज उपचार और रासायनिक बीज उपचार करना बहुत जरुरी हैं।
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लेखक
भारतअॅग्री कृषि एक्सपर्ट