rice stem borer

rice stem borer: धान तना छेदक की पहचान, लक्षण, और नियंत्रण

किसान भाइयों नमस्कार, स्वागत है BharatAgri Krushi Dukan वेबसाइट पर। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम आपको धान में तना छेदक कीट rice stem borer के प्रादुर्भाव के कारण, पहचान, और नियंत्रण के उपायों के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे, ताकि आप इस खतरे से अपनी फसल को सुरक्षित रख सकें।

धान की फसल में तना छेदक कीट paddy stem borer के प्रादुर्भाव का सबसे बड़ा कारण बरसाती मौसम में उनकी अधिक प्रचुरता है। इसके परिणामस्वरूप, फसल के पौधों पर पीला तना छेदक कीट का प्रकोप अधिक देखा जाता है। इन कीटों का प्रारंभिक आक्रमण पत्तियों पर होता है, जहाँ वे पत्तियों को नुकसान पहुंचाते हैं, और फिर वे तनों पर आक्रमण कर फसल के विकास को प्रभावित करते हैं। 

तना छेदक कीट की सुंडियाँ ही धान की फसल के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा करती हैं, खासकर पौधों के मुख्य तने पर अपना प्रभाव डालती हैं। इनके प्रकोप से फसल में नुकसान होता है, जिसके परिणामस्वरूप पौधों का मुख्य तना सूख जाता है और इसे "डेड हार्ट" या "हाईट डेड" कहा जाता है।


तना छेदक कीट के नुकसान | Paddy stem borer damage -

1. अंडों का प्रसारण: तना छेदक कीट rice yellow stem borer  की प्रौढ़ मादा पत्ती के ऊपरी सतह पर समूह में अंडे देती है। इन अंडों से लगभग 5-8 दिनों में लार्वा निकलता है, जो पत्ती के हरे उत्तक को 2-3 दिनों तक खा जाता है।

2. तने के निष्कर्षण: इसके बाद, यह लार्वा तने के अंदर प्रवेश करता है और ऊतकों को काटते और चबाते हुए तने के ऊपर बढ़ता है। इस क्रिया के परिणामस्वरूप, तने में पोषक तत्वों का प्रवाह रुक जाता है और पौधों का बीजवाला भाग सूख जाता है।

3. सफेद बाली: तना छेदक कीट के प्रकोप के परिणामस्वरूप, फसल के पौधों के ऊपर सफेद बाली के रूप में परिणाम दिखाई देता है, जिसे "सफेद बाली" कहा जाता है।

4. पूर्ण सूख जाना: यदि इस कीट का प्रकोप प्रारंभिक अवस्था में हो जाता है, तो बाली नहीं बन पाती है और अगर प्रकोप बाद में होता है, तो बाली पूरी तरह सूख जाती है, जिससे फसल को बड़ा नुकसान पहुंचता है।


धान में तना छेदक की पहचान और लक्षण | Symptoms of stem borer in paddy -

1. प्रकोप का समय: धान में तना छेदक white stem borer of rice  का प्रकोप आमतौर पर 20 दिन से लेकर 45 दिन के बीच मुख्य रूप से होता है।

2. गोभ की सूख: धान की मुख्या गोभ, जो कि पौधों के नीचे होती है, इस कीट के प्रकोप के परिणामस्वरूप सूख जाती है और आसानी से निकल जाती है।

3. गंध की पहचान: जब आप गोभ को खींचेंगे, तो इसमें एक अजीब सी गंध आ सकती है, जो तना छेदक की उपस्थिति की पहचान में मदद कर सकती है।

4. सुंडी की पहचान: तना छेदक की सुंडियाँ आमतौर पर गोभ के ऊपर पाई जाती हैं और जब गोभ को खोलते हैं, तो इसमें सुंडी दिख सकती है, जो तने को काटकर नुकसान करती है।

5. तितलियों की पहचान: पीली या सफेद तितली जो धान के फील्ड में दिखाई दें, यह संकेत हो सकता है कि तना छेदक का प्रकोप हो सकता है।

6. घोंसलों की पहचान: rice stem borer पत्तों पर रूई जैसे घोंसले बने होते हैं, जिनसे बाद में सुंडी निकलती है।

7. सुराग का पत्ता: इन सुंडियों के प्रकोप के परिणामस्वरूप, फसल के पत्तों पर एक प्रकार का सुराग दिख सकता है, जिसके बाद सुंडी निकलती है।


धान में तना छेदक कीट का नियंत्रण | Paddy Stem Borer Control -

1. कीट अवरोधी प्रजातियों की बुआई: धान की फसल के बुआई के लिए कीट अवरोधी प्रजातियों का चयन करें, जैसे रत्ना, जयश्री, दीप्ती, साकेत, विकास आदि।

2. नत्रजन युक्त उर्वरक: उर्वरकों का उचित और संतुलित मात्रा में उपयोग करें, क्योंकि यह पौधों की स्वस्थता को बनाए रखने में मदद कर सकता है।

3. गर्मी में गहरी जुताई: धान की बुआई के पहले गर्मियों में गहरी जुताई करने से कीटों का प्रकोप कम हो सकता है।

4. समय पर बुआई/रोपाई: समय पर बुआई और रोपाई करें, ताकि कीटों का प्रकोप कम हो सके।

5. स्वस्थ नर्सरी का विकास: स्वस्थ नर्सरी का विकास करें और रोपाई के पहले पौधों की ऊपरी पत्तियों की छटाई करें, जिससे कीटों के प्रकोप को कम किया जा सकता है।

6. प्रकाश प्रपंच का उपयोग: प्रकाश प्रपंच का उपयोग करें, जो कीटों को आकर्षित करने में मदद कर सकता है।

7. फेरोमोन ट्रेप का प्रयोग: तना छेदक कीटों को नियंत्रित करने के लिए फेरोमोन ट्रेप का प्रयोग करें। इसके लिए 1 एकड़ खेत के लिए 5-6 फेरोमोन ट्रेप लगाएं । यह कीटों को आकर्षित करके उनका नियंत्रण करता है।  

8. जैविक नियंत्रण: रोपाई के 28 दिनों के बाद, एक साप्ताह के अंतराल पर तीन बार अंडा परजीवी ट्राइकोग्रामा जैपोनिकम 5 सीसी का प्रयोग करें, जो कीटों को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।


धान में तना छेदक कीट का नियंत्रण बेस्ट कीटनाशक | Paddy stem borer chemical control -

तना छेदक कीट rice stem borer का नियंत्रण के लिए कई प्रकार के कीटनाशक उपलब्ध हैं, लेकिन सबसे अच्छा कीटनाशक व्यक्ति विशेष कीट कंट्रोल की जरूरतों, पौधों की स्थिति, और कृषि प्रौद्योगिकी के आधार पर चयन किया जाता है। यहां कुछ प्रमुख कीटनाशक और उनके प्रकारों के बारें में जानकारी दी हैं - 

1. नागार्जुन फ्यूरी (कार्बोफुरन 3.0% सीजी) - 4 किलो/एकड़ को 40 किलों गोबर की खाद में मिलकर फसल में भुरकाव करें।  (या फिर) 

2. एफएमसी फर्टेरा कीटनाशक (क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 0.4% डब्ल्यूडब्ल्यू जीआर) - 4 किलो/एकड़ को 40 किलों गोबर की खाद में मिलकर फसल में भुरकाव करें।  (या फिर) 

3. सिजेंटा विरताको कीटनाशक (क्लोरेंट्रानिलिप्रोएल 0.5% + थियोमेथोक्सम 1% जीआर) - 4 किलो/एकड़ को 40 किलों गोबर की खाद में मिलकर फसल में भुरकाव करें।  (या फिर) 

4. धानुका मार्कर (बिफेंथ्रिन 10% ईसी) - 400 मिली/एकड़ 200 लीटर पानी में डाल कर छिड़काव करें।  (या फिर) 

5. सिंजेंटा एम्प्लिगो कीटनाशक  (क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 09.30% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 04.60% ZC) - 100 मिली/एकड़ 200 लीटर पानी में डाल कर छिड़काव करें।  (या फिर) 

6. बायर वायगो कीटनाशक (टेट्रानिलिप्रोल 200 G /L ) -  120 मिली/एकड़ 200 लीटर पानी में डाल कर छिड़काव करें।  (या फिर) 

7. ओड़िस कीटनाशक (बुप्रोफेज़िन 20% + ऐसफेट 50% WP) - 400 ग्राम/एकड़ 200 लीटर पानी में डाल कर छिड़काव करें।  (या फिर) 

8. एफएमसी कोराजन कीटनाशक (क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5% w/w SC) - 80 मिली/एकड़ 200 लीटर पानी में डाल कर छिड़काव करें।


Conclusion | सारांश -  

तना छेदक कीट rice stem borer धान की फसल के लिए एक महत्वपूर्ण कीट है, जिसका प्रकोप फसल के पौधों को नुकसान पहुँचा सकता है। इसके प्रकोप के संकेतों को पहचानने और नियंत्रित करने के लिए कई उपाय हैं, जैसे कीट अवरोधी प्रजातियों की बुआई, उर्वरकों का सही उपयोग, गर्मी में गहरी जुताई, समय पर बुआई और रोपाई, स्वस्थ नर्सरी का विकास, प्रकाश प्रपंच का उपयोग, फेरोमोन ट्रेप, जैविक नियंत्रण और तना छेदक कीट के नियंत्रण के बेस्ट कीटनाशक के बारें में जानकारी दी गई हैं।  


 FAQ | बार - बार पूछे जाने वाले सवाल -  


1. धान में तना छेदक कैसे होता है?

जवाब - तना छेदक कीट धान में उनके अंडों को पत्तियों पर डिपॉज़िट करती है, जिनमें से उनकी लार्वा बाद में निकलकर तनों में प्रकोप करता है।

2. तना छेदक के लिए धान की कौन सी प्रतिरोधी किस्म है?

जवाब - तना छेदक कीट के खिलाफ कुछ प्रमुख प्रतिरोधी किस्में शामिल हैं, जैसे कि रत्ना, जयश्री, दीप्ती, साकेत, और विकास।

3. धान में तना छेदक कब लगता है?

जवाब - तना छेदक धान में आमतौर पर 20 दिन से 45 दिन के बीच मुख्य रूप से प्रकोप करता है।

4. कौन सा कीटनाशक तना छेदक को मारता है?

जवाब - तना छेदक को नियंत्रित करने के लिए कई प्रकार के कीटनाशक उपलब्ध हैं, जैसे कार्बोफुरन, क्लोरेंट्रानिलिप्रोल, थियोमेथोक्सम, बिफेंथ्रिन, और अन्य।

5. धान के लिए कौन सा कीटनाशक सबसे अच्छा है?

जवाब - धान में कीटों के नियंत्रण के लिए कुछ कीटनाशक जैसे कि फिप्रोनिल, इमिडाक्लोप्रिड, थियामेथॉक्सम, एसिटामिप्रिड, और लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन आदि का प्रयोग किया जा सकता है।


Farmer also read | किसानों द्वारा पढ़े जाने वाले लेख - 

1. chilli varieties: मिर्च की उन्नत किस्मे जो देगी आपको डबल उत्पादन

2. गन्ने की फसल में 100 टन उपज देने वाली उर्वरक की मात्रा

3. Syngenta Alika: सिंजेंटा अलिका कीटनाशक की सम्पूर्ण जानकारी

4. ridomil gold: सिंजेंटा रिडोमिल गोल्ड फफूंदनाशी की सम्पूर्ण जानकारी

5. tomato leaf blight: टमाटर झुलसा रोग के लक्षण, प्रसार और नियंत्रण



लेखक

भारतअ‍ॅग्री कृषि डॉक्टर

Back to blog

होम

वीडियो कॉल

VIP

फसल जानकारी

केटेगरी