Method of making compost fertilizer

कम्पोस्ट खाद - खाद बनाने की विधि, फायदे और लगने वाले खर्चे!

कम्पोस्ट खाद बनाने की विधि | कम्पोस्ट खाद के फायदे | Compost Khad Kaise Banaye in hindi 

नमस्कार किसान भाइयों आज के लेख में हम जानेंगे कम्पोस्ट खाद बनाने की विधि (Compost Khad Banane Ki Vidhi) और कम्पोस्ट खाद के फायदे (Compost Khad Ke Fayde) के बारे में तथा कम्पोस्ट खाद कैसे बनाएं के बारे में विस्तार से बात करने वाले है। क्योंकि किसानों ने इतना रासायनिक खादों का उपयोग कर लिया हैं कि धीऱे-धीऱे मिट्टी की उर्वरा शक्ति क्षीण होती जा रही हैं और फसल का उत्पादन भी अच्छे से नहीं हो पा रहा हैं, तो इसलिए हमें जैविक खाद (Jaivik khad) के रूप में सड़ी हुई गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद का उपयोग करना चाहिए। 

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कम्पोस्ट खाद बनाने की विधि & कम्पोस्ट खाद के फायदे 

अब हम जानेंगे कि कम्पोस्ट खाद कैसे बनाएं (compost khad kaise banaye) इस विषय पर विस्तार से जानेंगे - 

  • आमतौर पर कम्पोस्ट खाद को कूड़ा खाद भी कहा जाता है क्योकि यह घर के कूड़े, पौधों के अवशेष पदार्थों, कूड़ा कचरा, पशुओं के मलमूत्र, दलदल, पशुओं का गोबर, खेतों का घास-फूस या खरपतवार  आदि को विशेष परिस्थियों में सड़ने गलने से खाद बनती है। 
  • कम्पोस्ट खाद गन्द रहित होती है, जिसको ध्यान से देखने पर यह भूरे या भूरे काले रंग का भुरभुरा पदार्थ सा दिखाई देता है। 

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कम्पोस्ट खाद बनाने की कई विधियाँ पाई जाती है, लेकिन आज हम गड्ढा विधि और ढ़ेर लगाकर जैविक कम्पोस्ट खाद बनाने के बारे में विस्तार से जानेंगे - 

अब हम विस्तार से कम्पोस्ट खाद बनाने की इन विधियों के बारे में चर्चा करते है - 

कम्पोस्ट खाद बनाने की विधि | Jaivik Khad Banane ki Vidhi in hindi 

कम्पोस्ट खाद को बनाने के लिए गढ्डे का निर्माण ऊंचे स्थान पर करना चाहिए ताकि गढ्डे में आवश्यकता से अधिक पानी रूकने ना पाए - 

1) गड्ढा विधि द्वारा कम्पोस्ट जैविक खाद तैयार करना - 

  • सबसे पहले हम 3 मीटर लम्बा X 2 मीटर चौड़ा X 1 मीटर गहरा गड्डा खोद कर तैयार करते है। 
  • अब उस गड्ढे में नमी लाने के लिए चारो तरफ पानी का छिड़काव करते है, फिर उसमें पौधे की पत्तियाँ, घास-फूस, घर का कचरा, गौशाला की बिछावन, पुआल, गन्ने का छिलका, पौधे की टहनिया, छोटे पौधे जो गलने योग्य हो आदि को 30 सेंटीमीटर ऊंचाई तक भर देते है। 
  • अब इसके ऊपर गोबर की एक तह बिछा देते है फिर ऊपर से पानी की तरी (फुहारा) कर देना चाहिए। अब फिर से कूड़ा करकट, फसल अवशेषों, मल मूत्र, राख़, गौशाले का कचरा, भूसा, चारे आदि की फिर से बिछावन फ़ैलाते है और उसको पैरों से कसकर दबा देते है फिर उसके ऊपर गोबर की तह को बिछाते है, फिर पानी से तर कर देते हैं। यह प्रकिया तब तक करते है जब तक गड्डा भर नहीं जाता है। जब गड्डा भर जाये तो ऊपर से उसको मिट्टी से ढक देना चाहिए इस तरह से सड़ी हुई खाद 3 से 4 महीनों में तैयार हो जाती हैं। 

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2) ढ़ेर लगाकर कम्पोस्ट जैविक खाद तैयार करना - 

अब हम ढेर लगाकर कम्पोस्ट खाद बनाने की विधि के बारे में विस्तार से जानेंगे तो 

  • सबसे पहले जमीन के ऊपर एक कोठी बनाते हैं। जो ऊंचाई पर हो और जहाँ पर बना रहे हैं वो जगह समतल भूमि वाली होनी चाहिए। 
  • अब 3 मीटर लम्बी x 2 मीटर चौड़ी x 1 मीटर ऊँची कोठी बनाते है जिसको बनाने के लिए अनुपयोगी लकड़ी की पट्टियों, चटाइयों एवं ईंटों का उपयोग किया जा सकता है। 
  • अब नीचे 2 सेमी. ईटों की तह बिछा देनी चाहिए फिर उसके ऊपर ढेर लगाने में सुविधा होती है, इस विधि में भी किसान भाइयों कम्पोस्ट तैयार करने के लिए गड्ढा विधि जैसे ही गोबर के घोल की अधिक आवश्यकता होती है, ढेर लगाते समय इस बात का ध्यान दे कि ऊपर का हिस्सा ढाल युक्त भरें तथा मिट्टी, भूसे के मिश्रण, चारा, गौशाला की बिछावन, पुआल, गन्ने का छिलका बिछाकर फिर उसके ऊपर से 5 -10 सेमी का गोबर का प्लास्टर करके लीप देनी चाहिए। 
  • फिर ऊपर से समय-समय पर पानी से तरी करते रहें और हर 4-6 सप्ताह बाद में खाद को पलटते रहें और ढेर में पर्याप्त नमी बनाए रखें ढेर पलटने के बाद पुनः गोबर से लीप कर उसके मुँह को बन्द कर दें इस प्रकार 3 से 4 माह में कम्पोस्ट खाद बनकर तैयार हो जाती है। 

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वेस्‍ट डीकंपोजर का उपयोग करके खाद तैयार करना -  

अब किसान भाइयों यदि आप ने गोबर की खाद तैयार किया है लेकिन अभी पूर्ण रूप से गोबर की खाद सड़ी नहीं है तो आप वेस्‍ट डीकंपोजर (Dr. Bacto's Fast-D) फास्ट-डी का उपयोग करके अधसड़ी गोबर की खाद को सड़ा सकते है। 

सबसे पहले गोबर की खाद को निकालकर किसी छांवदार स्थान पर फैला देते है, फ़ैलाने से पहले नीचे तिरपाल, फर्स या जूट के बोरे को बिछा देते है। अब हम एक एकड़ में अधपकी 2 टन गोबर की खाद को तैयार करने के लिए 1 लीटर फास्ट डी +2 किलो गुड़ +200 लीटर पानी (आवश्यकतानुसार) का मिश्रण तैयार करें और इसे गोबर की खाद पर छिड़काव करके छोड़ दे और फिर खाद को पुवाल या जूट के बोरे से ढक दे फिर उस को समय समय पर पानी का फुहारा करते रहें। 

इस तरह से 30 से 45 दिनों के भीतर अच्छी जीवाश्मयुक्त भुरभुरी खाद बनके तैयार हो जाती है, फिर हम खेतो में उपयोग कर सकते है। 

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कम्पोस्ट खाद के फायदे | Compost Khad Benefits -  

अब यहाँ पर कुछ बिंदुओं के माध्यम से कम्पोस्ट खाद के फायदों को जानेंगे - 

  • कम्पोस्ट खाद पौधे को पोषक तत्वों की आपूर्ति करता है|
  • कम्पोस्ट खाद मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाती है। 
  • कम्पोस्ट खाद के उपयोग से फसल की पैदावार में तुरंत प्रभाव पड़ता है|
  • Compost Khad के उपयोग करने से मिट्टी की जल धारण क्षमता में वृद्धि होती है। 
  • Compost Khad के उपयोग करने से पर्यावरण पर दूषित प्रभाव नही पड़ता है तथा लाभदायक बैक्टीरिया ,कीट आदि सुरक्षित रहते है। 
  • फसल की गुणवत्ता में सुधार करता है। 
  • मिट्टी को भुरभुरी बनाता है, जिससे पौधे की जड़ों का विकास अच्छे से होता है। 
  • कम्पोस्ट खाद सस्ता होता है, क्योंकि यह फसल के अवशेषों, गोबर, घास और अन्य घरेलू कचरे आदि से आसानी से बनाया जाता है, और खाद को बनाने के लिए कोई विशेष लागत नहीं लगानी पड़ती है।
  • कम्पोस्ट खाद के कई वर्षों तक लगातार उपयोग करने से बंजर भूमि भी उपजाऊ हो जाती है।

किसान भाइयों हम आशा करते है की फसल मे कम्पोस्ट खाद बनाने की विधि & कम्पोस्ट खाद के फायदे के बारे में बताई गयी जानकारी आपको अच्छी लगी होगी तो आप अपने आस-पास के किसान भाइयों को शेयर करें। धन्यवाद

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