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Carbendazim 50% WP: फसलों में उपयोग, फायदे और कीमत

कृषि में फफूंदनाशियों का महत्व अत्यधिक है, क्योंकि ये विभिन्न प्रकार की फसल बीमारियों को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। कार्बेन्डाजिम 50% डब्लू पी एक प्रमुख प्रणालीगत फफूंदनाशी है, जो फसलों को विभिन्न प्रकार के फफूंद और रोगों से बचाने में प्रभावी है। यह न केवल रोगों को रोकता है, बल्कि उपचारात्मक दृष्टिकोण से भी काम करता है। इस ब्लॉग में हम कार्बेन्डाजिम 50% डब्लू पी फफूंदनाशी के उपयोग, फायदे, कीमत और कार्य विधि के बारे में विस्तार से जानेंगे।


कार्बेन्डाजिम 50% डब्लू पी फफूंदनाशी की जानकारी

कार्बेन्डाजिम 50% डब्लू पी एक व्यापक स्पेक्ट्रम प्रणालीगत फफूंदनाशी है जो फसलों में फफूंद जनित रोगों को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह फफूंद के विकास को रोकने में सक्षम है और पौधों के सभी भागों में प्रभावी रूप से कार्य करता है।


कार्बेन्डाजिम 50% डब्लू पी फफूंदनाशी की फसलों में कार्य विधि

यह फफूंदनाशी पौधों की कोशिकाओं में प्रवेश करके फफूंद के मायसेलिया के विकास को रोकता है। यह फफूंद के जीवन चक्र के विभिन्न चरणों में प्रभाव डालता है, जिससे फसल की सुरक्षा सुनिश्चित होती है। इसका उपयोग निवारक और उपचारात्मक दोनों तरीकों से किया जा सकता है, जो इसे अन्य फफूंदनाशियों से अलग बनाता है।


मार्केट के बेस्ट ब्रांड और प्रोडक्ट के नाम

कीटनाशक के नाम 

कंपनी का नाम 

बाविस्टिन फफूंदनाशी 

क्रिस्टल कंपनी 

धनुस्तीन फफूंदनाशी

धानुका कंपनी 

जिम 50 फफूंदनाशी 

श्रीराम कंपनी 

बेनफिल फफूंदनाशी 

इंडोफिल कंपनी 

कार्बेन फफुंदनशी 

सल्फर मिल्स कंपनी 


कार्बेन्डाजिम 50% डब्लू पी फफूंदनाशी की फसलों में उपयोग मात्रा

1. धान: धान की फसल में ब्लास्ट, तना सड़न, और फाल्स स्मट रोगों का नियंत्रण करने के लिए 200 ग्राम की मात्रा का उपयोग करें, जिसमें बीजोपचार के लिए 3 ग्राम प्रति किलो की आवश्यकता होती है।

2. गेहूं: गेहूं की फसल में स्मट और कंडुआ रोगों के लिए 3 ग्राम प्रति किलो बीजोपचार किया जाता है।

3. मूंगफली: मूंगफली में टिक्का रोग के नियंत्रण के लिए 100 ग्राम की मात्रा का उपयोग करें।

4. मटर: मटर में पाउडरी मिल्ड्यू रोग के लिए 100 ग्राम की मात्रा का प्रयोग करें।

5. कपास: कपास में जड़ सड़न, कॉलर सड़न, एन्थ्रेक्नोज और पत्ती धब्बा रोगों के लिए 100 ग्राम की मात्रा की आवश्यकता होती है।

6. कद्दू: कद्दू में पाउडरी मिल्ड्यू और एन्थ्रेक्नोज रोगों के नियंत्रण के लिए 120 ग्राम की मात्रा का उपयोग करें।

7. बैंगन: बैंगन में पत्ती धब्बा रोग और पाउडरी मिल्ड्यू के लिए 120 ग्राम की मात्रा का प्रयोग करें।

8. सेब: सेब की फसल में स्कैब रोग के नियंत्रण के लिए 50 ग्राम की मात्रा का उपयोग करें।

9. अंगूर: अंगूर में पाउडरी मिल्ड्यू, एन्थ्रेक्नोज और पत्ती धब्बा रोगों के लिए 120 ग्राम की मात्रा की आवश्यकता होती है।

10. बाजरा: बाजरे में स्मट और कंडुआ रोगों के नियंत्रण के लिए 3 ग्राम प्रति किलो बीजोपचार करें।

11. गुलाब: गुलाब में पाउडरी मिल्ड्यू रोग के लिए 50 ग्राम की मात्रा का उपयोग करें।

12. बैर: बैर की फसल में पाउडरी मिल्ड्यू के लिए 150 ग्राम की मात्रा की आवश्यकता होती है।

13. बीन्स: बीन्स में पाउडरी मिल्ड्यू रोग के लिए 150 ग्राम की मात्रा का उपयोग करें।

14. चुकंदर: चुकंदर में पाउडरी मिल्ड्यू और पत्ती धब्बा रोगों के नियंत्रण के लिए 100 ग्राम की मात्रा का प्रयोग करें।


कार्बेन्डाजिम 50% डब्लू पी फफूंदनाशी की उपयोग विधि

👉सही समय: फफूंद जनित रोगों के लक्षण दिखने से पहले या प्रारंभिक अवस्था में उपयोग करें।

👉प्रदूषण से बचें: अन्य कीटनाशकों या उर्वरकों के साथ मिश्रण करने से पहले उनके साथ संगतता की जांच करें।

👉छिड़काव का तरीका: इसे पंप या स्प्रे से पौधों के सभी हिस्सों पर अच्छी तरह से छिड़कें।


कार्बेन्डाजिम 50% डब्लू पी फफूंदनाशी के फसलों में उपयोग के फायदे

1. यह विभिन्न प्रकार के फफूंद जनित रोगों को नियंत्रित करने में सक्षम है, जैसे कि पाउडरी मिल्ड्यू, ब्लास्ट, और स्मट।

2. कार्बेन्डाजिम पौधों के अंदर प्रवेश करके सीधे फफूंद के विकास को रोकता है, जिससे इसकी प्रभावशीलता बढ़ती है।

3. यह एक निवारक के रूप में उपयोग किया जा सकता है और यदि फफूंद की समस्या उत्पन्न हो गई है, तो इसे उपचारात्मक रूप से भी उपयोग किया जा सकता है।

4. सके उपयोग से फसलों में रोगों का नियंत्रण लंबे समय तक बना रहता है, जिससे फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।

5. कार्बेन्डाजिम का उपयोग करके किसान अपनी फसलों की उपज में सुधार कर सकते हैं, क्योंकि यह रोगों से बचाता है और फसल के स्वस्थ विकास को बढ़ावा देता है।

6. इसे अन्य कीटनाशकों और उर्वरकों के साथ मिश्रित किया जा सकता है, जिससे इसकी उपयोगिता बढ़ती है।

7. यह जल में अच्छी तरह घुलता है, जिससे छिड़काव के दौरान आसानी होती है और पौधों तक प्रभावी ढंग से पहुंचता है।

8. यह न केवल मृदाजनित बल्कि बीजजनित रोगों को भी नियंत्रित करता है, जिससे फसलों की गुणवत्ता में सुधार होता है।

9. इसका उपयोग करना आसान है, और इसे विभिन्न फसलों में आसानी से लागू किया जा सकता है।

10. फफूंद जनित रोगों को नियंत्रित करके, यह किसानों को आर्थिक रूप से लाभ पहुंचाता है, क्योंकि स्वस्थ फसलें उच्च उपज और बेहतर गुणवत्ता के साथ आती हैं।


सारांश

कार्बेन्डाजिम 50% डब्लू पी एक प्रभावी फफूंदनाशी है जो फसलों को फफूंद जनित रोगों से बचाने के लिए महत्वपूर्ण है। इसके उचित उपयोग से किसान अपनी फसलों की उपज बढ़ा सकते हैं और बीमारियों से होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं। इसकी उपलब्धता और लागत इसे किसान समुदाय में एक लोकप्रिय विकल्प बनाती है।


अक्सर पूछे जानें वाले प्रश्न: 

1. कार्बेन्डाजिम 50% डब्लू पी का क्या उपयोग है?
उत्तर - यह फफूंद जनित रोगों जैसे पाउडरी मिल्ड्यू, ब्लास्ट, और स्मट को नियंत्रित करने के लिए उपयोग किया जाता है।

2. इस फफूंदनाशी की कार्य विधि क्या है?
उत्तर - यह पौधों की कोशिकाओं में प्रवेश करके फफूंद के विकास को रोकता है।

3. किस फसलों में कार्बेन्डाजिम का उपयोग किया जा सकता है?
उत्तर - यह धान, गेहूं, मूंगफली, मटर, कपास, और कद्दू जैसी विभिन्न फसलों में उपयोग किया जा सकता है।

4. कार्बेन्डाजिम 50% डब्लू पी की सही मात्रा क्या है?
उत्तर - धान के लिए 200 ग्राम, गेहूं के लिए 3 ग्राम प्रति किलो बीज, और अन्य फसलों के लिए अलग-अलग मात्रा होती है।

5. क्या कार्बेन्डाजिम का उपयोग उपचारात्मक तरीके से किया जा सकता है?
उत्तर - हां, यह निवारक और उपचारात्मक दोनों तरीकों से उपयोग किया जा सकता है।

6. क्या यह अन्य कीटनाशकों के साथ मिलाया जा सकता है?
उत्तर - इसे अन्य कीटनाशकों और उर्वरकों के साथ मिश्रित किया जा सकता है, लेकिन संगतता की जांच करनी चाहिए।

7. कार्बेन्डाजिम का छिड़काव कैसे करना चाहिए?
उत्तर - इसे उचित मात्रा में पानी में मिलाकर पौधों के सभी हिस्सों पर छिड़कें।

8. क्या कार्बेन्डाजिम बीजजनित रोगों को भी नियंत्रित करता है?
उत्तर - हां, यह मृदाजनित और बीजजनित दोनों प्रकार के रोगों को नियंत्रित करने में सक्षम है।



लेखक: BharatAgri Krushi Doctor

संपर्क: contact@leanagri.com


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