लहसुन एक प्रमुख मसाला फसल है जिसका उपयोग भारतीय व्यंजनों में किया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम एल्यियम सैटिवम (Allium sativum) है। लहसुन अपने औषधीय गुणों के कारण भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, और सर्दी-खांसी जैसी बीमारियों में लाभदायक माना जाता है। लहसुन की खेती भारत के विभिन्न राज्यों में की जाती है और इसकी खेती से किसानों को अच्छी आमदनी होती है। यह फसल निर्यात के लिए भी महत्वपूर्ण है और इसकी वैश्विक मांग लगातार बढ़ रही है।
भारत में लहसुन की खेती
लहसुन की खेती भारत के प्रमुख राज्यों जैसे मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, बिहार, और कर्नाटक में की जाती है। मध्य प्रदेश को लहसुन उत्पादन में अग्रणी राज्य माना जाता है।
खेती का समय
लहसुन की बुवाई का सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर से नवंबर तक होता है। उत्तरी भारत में इसकी खेती रबी सीजन में की जाती है, जबकि कुछ स्थानों पर इसकी बुवाई खरीफ में भी की जा सकती है।
मौसम और जलवायु
लहसुन की खेती के लिए ठंडी और शुष्क जलवायु सर्वोत्तम होती है। फसल के बढ़ने के लिए दिन का तापमान 12°C से 24°C तक और फसल पकने के समय शुष्क वातावरण की आवश्यकता होती है। अधिक बारिश और आर्द्रता से फसल पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, जिससे फसल रोगों की चपेट में आ सकती है।
खेत की तैयारी और मिट्टी
लहसुन की खेती के लिए खेत की अच्छी जुताई आवश्यक है। खेत को 2-3 बार जुताई करके भुरभुरी मिट्टी तैयार करनी चाहिए। खेत में जल निकासी का उचित प्रबंधन होना चाहिए क्योंकि लहसुन के पौधों को अधिक जलभराव पसंद नहीं होता। खेत को तैयार करते समय 15-20 टन प्रति हेक्टेयर गोबर की खाद डालनी चाहिए।
लहसुन की खेती के लिए हल्की दोमट मिट्टी से लेकर अच्छे जल निकास वाली बलुई दोमट मिट्टी सर्वोत्तम होती है। मिट्टी का पीएच मान 6.0 से 7.5 तक होना चाहिए। भारी मिट्टी में जल निकासी की समस्या हो सकती है, जिससे लहसुन के कंदों के विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
लहसुन बेस्ट किस्म
1. जमुना सफेद-2 (जी.50) - फसल 160-175 दिनों में तैयार होती है और प्रति हेक्टेयर 130-150 क्विंटल उत्पन्न करती है।
2. जमुना सफेद-3 (जी 282) - 140-145 दिनों में तैयार होती है और प्रति हेक्टेयर 180-200 क्विंटल उत्पन्न करती है, जवां की मोटाई 1.04 -105 सेमी होती है।
3. एग्रोफाउंड पार्ववती - 145-150 दिनों में तैयार होती है और प्रति हेक्टेयर 175-225 क्विंटल उत्पन्न करती है।
4. एग्रोफाउंड सफेद - 165-170 दिनों में तैयार होती है और प्रति हेक्टेयर 130-140 क्विंटल उत्पन्न करती है।
5. लहसुन 56-4 :- इस किस्म के लहसुन की गांठो का रंग लाल होता है | यह किस्म 150-160 में पैदावार देने के लिए तैयार हो जाती है | इसकी प्रति हेक्टेयर उपज 80 से 100 क्विंटल होती है
बीजदर प्रति एकड़ अनुसार
लहसुन की खेती के लिए प्रति एकड़ 1.5-2 क्विंटल बीज की आवश्यकता होती है। बीज को स्वस्थ और रोगमुक्त कंदों से चुना जाना चाहिए ताकि उत्पादन अच्छा हो सके।
लहसुन की रोपाई का सही समय अक्टूबर से नवंबर होता है। पौधों की कतार से कतार की दूरी 15-20 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 8-10 सेमी रखनी चाहिए। इस दूरी पर पौधों का विकास अच्छा होता है और उचित स्थान मिलता है।
लहसुन की फसल में खाद और उर्वरक की प्रति एकड़ मात्रा और समय
👉नाइट्रोजन (N): 40-60 किलोग्राम
👉फास्फोरस (P): 20-30 किलोग्राम
👉पोटाश (K): 40-50 किलोग्राम
खाद और उर्वरक की पहली खुराक बुवाई के समय और दूसरी खुराक बुवाई के 40-45 दिन बाद देनी चाहिए। इसके अलावा, जैविक खाद का उपयोग करने से फसल की गुणवत्ता में सुधार होता है।
लहसुन में प्रमुख कीटों की समस्या और नियंत्रण
1. लीफ माइनर (Leaf Miner) - धानुका जैपेक कीटनाशक –80 मिली प्रति एकड़ उपयोग करें।
2. तना छेदक (Stem Borer) - धानुका ईएम-1 कीटनाशक - 80 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें।
3. माहू ( Aphid) - यूपीएल लांसर गोल्ड कीटनाशक -450 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें।
4. तम्बाकू इल्ली (Cutterpillar) - सिंजेटा अलिका कीटनाशक -80 मिली प्रति एकड़ उपयोग करें।
5. थ्रिप्स (Sunflower Thrips) - धानुका फैक्स कीटनाशक -400 मिली प्रति एकड़ उपयोग करें।
6. ग्रासहॉपर (Grasshopper) - बायर कॉन्फिडोर कीटनाशक - 100 मिली प्रति एकड़।
लहसुन में प्रमुख रोगों की समस्या और नियंत्रण
1. डाउनी मिल्ड्यू (Downy Mildew) - इंडोफिल अवतार फफूंदनाशी 300 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें।
2. ब्लाइट रोग (Blight) - सिंजेंटा रिडोमिल गोल्ड 300 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें।
3. उखटा रोग (Wilt)- बायोस्टेड रोको फफूंदनाशी 300 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें।
4. बैक्टेरियल स्पॉट (Bacterial Spot) - टाटा रैलिस ब्लिटोक्स फफूंदनाशी - 400 ग्राम प्रति एकड़ छिड़काव करें।
5. लीफ स्पॉट (Leaf Spot) - यूपीएल साफ फफूंदनाशी 400 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें।
लहसुन का प्रति एकड़ उत्पादन
लहसुन की फसल को बुवाई के 120-140 दिन बाद काटा जाता है। जब पौधों की पत्तियाँ पीली पड़ने लगें और सूखने लगें, तब फसल कटाई के लिए तैयार होती है।
लहसुन की फसल का औसत उत्पादन प्रति एकड़ 50-70 क्विंटल होता है। उत्पादन की मात्रा मिट्टी की उर्वरता, जलवायु, और कृषि प्रबंधन पर निर्भर करती है।
सारांश
लहसुन एक महत्वपूर्ण मसाला फसल है जो भारत के कई हिस्सों में उगाई जाती है। इसकी बुवाई का सही समय अक्टूबर-नवंबर होता है और इसे ठंडी जलवायु में उगाना बेहतर होता है। खेत की अच्छी तैयारी और सही खाद प्रबंधन से फसल उत्पादन बेहतर होता है। लहसुन की खेती के लिए सही किस्म और बीज का चयन भी आवश्यक है। खेत में खरपतवार और कीटों का सही नियंत्रण करके फसल को सुरक्षित रखा जा सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
1. लहसुन का वैज्ञानिक नाम क्या है?
उत्तर - लहसुन का वैज्ञानिक नाम एल्यियम सैटिवम (Allium sativum) है।
2. भारत में लहसुन की खेती किस राज्य में सबसे अधिक होती है?
उत्तर - मध्य प्रदेश लहसुन उत्पादन में अग्रणी राज्य है।
3. लहसुन की बुवाई का सही समय क्या है?
उत्तर - लहसुन की बुवाई अक्टूबर से नवंबर के बीच होती है।
4. लहसुन की खेती के लिए कौन सा मौसम सबसे उपयुक्त है?
उत्तर - ठंडी और शुष्क जलवायु लहसुन की खेती के लिए सर्वोत्तम होती है।
5. लहसुन की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी कौन सी होती है?
उत्तर - हल्की दोमट मिट्टी या बलुई दोमट मिट्टी लहसुन की खेती के लिए सर्वोत्तम होती है।
6. लहसुन की प्रमुख किस्में कौन-कौन सी हैं?
उत्तर - जमुना सफेद-2, जमुना सफेद-3, एग्रोफाउंड पार्वती, और लहसुन 56-4 प्रमुख किस्में हैं।
7. लहसुन की खेती के लिए बीज दर प्रति एकड़ कितनी होती है?
उत्तर - प्रति एकड़ 1.5-2 क्विंटल बीज की आवश्यकता होती है।
8. लहसुन की फसल के लिए आवश्यक उर्वरक कौन से हैं?
उत्तर - नाइट्रोजन 40-60 किलोग्राम, फास्फोरस 20-30 किलोग्राम, और पोटाश 40-50 किलोग्राम प्रति एकड़ दिया जाता है।
9. लहसुन की फसल में प्रमुख कीट कौन से हैं?
उत्तर - लीफ माइनर, तना छेदक, माहू, तम्बाकू इल्ली, थ्रिप्स, और ग्रासहॉपर प्रमुख कीट हैं।
10. लहसुन की औसत प्रति एकड़ पैदावार कितनी होती है?
उत्तर - लहसुन की औसत पैदावार प्रति एकड़ 50-70 क्विंटल होती है।
लेखक
Krushi Doctor Suryakant