tinda ki kheti

tinda ki kheti: जाने टिंडे की खेती कैसे करें

नमस्ते किसानों भाइयों भारतअग्री कृषि दुकान वेबसाइड में आपका स्वागत है,आज हम टिंडे की खेती के बारे में जानकारी जानेंगे यदि आप टिंडे की खेती करके अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो यह लेख लास्ट तक पढ़े। इस लेख में टिंडे की जानकारी, खेती के लिए मिट्टी और तापमान, अधिक उत्पादन वाली किस्म, बुवाई, जमीन कैसे तैयार करें, बीज, खाद, खरपतवार नियंत्रण, सिंचाई, प्रमुख कीट और रोग, फल की तुड़ाई और उत्पादन यह सब जानकारी देखने वाले हैं।   


टिंडे के बारे में जानकारी | detail information about tinda -

टिंडा फल का वैज्ञानिक नाम प्रैसिट्रुलस फिस्टुलोसस  है। टिंडे को दक्षिण भारत के गर्मी के मौसम में उगाया जाता है। इसे कई नामों से भी जाना जाता है, जैसे कि टिंडा, Indian squash, round melon, Indian round gourd, apple gourd और Indian baby pumpkin। इस फल से हमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, कैरोटीन और विटामिन प्राप्त होते हैं।


टिंडे के खेती की आवश्यक बाते - 

नीचे टेबल में टिंडे के खेती के लिए मिट्टी, जलवायु, किस्म और बुवाई की जानकारी संक्षिप्त में 

मिट्टी 

एक अच्छी नमी वाली, अधिक आर्गेनिक कार्बन तत्वों वाली रेतली दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है।

मिट्टी का pH 6 से 7 होनी चाहिए।  

जलवायु 

बारिश: 200 से 300 मिमी

जर्मिनेशन तापमान: 18 से 20°C

फलों के विकास के लिए: 25 से 35°C

किस्मों के नाम 

VNR Hybrid Tinda, Anamalai Tinda, Swati, Sagar Naresh Tinda,Iris Anmol F1 etc 

बुवाई का समय 

फरवरी-मार्च और जून-जुलाई 

बुवाई का अंतर 

दो बीजों के बीच की दूरी - 1.5 -2 फीट 


टिंडे की खेती के लिए जमीन की  तैयारी कैसे करें - 

नीचे पॉइंट में tinda ki fasal की जमीन कैसे तैयार करें यह जानकारी दी गए हैं 

1. सॉइल टेस्टिंग: सबसे पहले, जमीन की सॉइल टेस्ट कराएं ताकि आप जमीन की गुणवत्ता, pH स्तर और पोषक तत्वों की स्थिति को जान सकें। इससे आपको यह जानकारी मिलेगी कि कौनसे खाद और संवेदनशील तत्वों की आवश्यकता है।
2. जमीन की हल्की जुताई: जमीन को हल्की जुताई करें इससे जमीन का समतलता बनेगा और पानी का संचार भी बेहतर होगा।
3. गोबर खाद डालें: जमीन में 8-10 टन सड़ा हुआ गोबर की खाद डालना फसल के लिए उत्तम होता है।
4. मिट्टी को मिलाएं: गोबर खाद को डालने के बाद, रोटावेटर की मदद से मिट्टी को अच्छी तरह से मिलाएं।
5. बेड तैयार करें: खेत में 5 फीट के बेड या लाइन तैयार करें। इससे पानी का संचार बेहतर होगा।


टिंडे की खेती के लिए बीज और  बीज उपचार -

बीज दर - 1.2 से 1.5 kg/ एकड़ 

बीजों का उपचार - बुवाई के 12 घंटे पहले, बीजों को पानी में भिगो दें। इससे बीजों की अंकुरण प्रतिशतता में विकास होता है। बीजों को मिट्टी से होने वाले फंगस से बचाने के लिए, 2 ग्राम कार्बेन्डाजिम/किलो का उपयोग करें। यह फंगल संक्रमण से बचाव के लिए मददगार होता है।


    नीचे चार्ट  में tinda ki kheti के लिए बेसल  खाद / एकड़ -

    DAP(18:46:00)

    MOP(00:00:6)

    जिंक सल्फेट 

    सागरिका 

    मिक्रोनुट्रिएंट्स 

    75 kg 

    25 kg 

    5 kg 

    10 kg 

    5 kg 


    आप 30 दिन के बाद दोबारा नीचे दिए गए खाद डालें  -

    यूरिया 

    पोटाश 

    मिक्रोनुट्रिएंट्स 

    25 kg 

    25 kg 

    5 kg 

        

    टिंडे की खेती में खरपतवार नियंत्रण -

    खेत में कोई शिफारशीत शाकनाशी नहीं है। आप खेत में मल्चिंग पेपर का उपयोग कर सकते हैं या हाथों से गुड़ाई कर सकते हैं। 


    टिंडे के खेती में सिंचाई कैसे करें -

    टिंडे की फसल को लगातार सिंचाई की जरूरत होती है क्योंकि यह कम समय की फसल होती है। बीजों को सिंचाई से पहले खालियों में बोया जाना चाहिए, फिर पहली सिंचाई बीजाई के बाद दूसरे या तीसरे दिन की जा सकती है। गर्मियों के मौसम में, 4-5 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें। बारिश के मौसम में बारिश की आवृत्ति के आधार पर सिंचाई करें। टिंडे की फसल को ड्रिप सिंचाई देने से अच्छे परिणाम मिलते हैं और 30% उत्पादन बढ़ता है।


    टिंडे की खेती के  प्रमुख कीट और रोग -

    नीचे टेबल में tinda ki fasal के प्रमुख कीट और रोग दिए गए हैं 

    कीट 

    1. माहु और हरा तेला 

    2. लाला भृंग

    3. सफ़ेद मक्खी 

    4. फल मक्खी 

    रोग 

    1. एंथ्राक्नोस

    2. डाउनी मिल्ड्यू 

    3. पाउडरी मिल्ड्यू 

    4. फल सड़न 

    5 विल्ट 



    tinda kheti फल की तुड़ाई और उत्पादन -

    1. फल की तुड़ाई - टिंडा की खेती में फल की तोड़ाई बुवाई के 45-50 दिनों में शुरू हो जाती है, और तोड़ाई करते समय फल छोटे और कोमल होने चाहिए। तोड़ाई  हर 4-5 दिनों के अंतराल पर करनी  चाहिए।

    2. उत्पादन - टिंडे के फल का उत्पादन उन्नत किस्म, मौसम, और पानी के ऊपर निर्भर होता है। सामान्य उत्पादन  45 से 50 क्विंटल प्रति एकड़ होता है।


    Conclusion | सारांश - 

    किसान भाइयों हमें उम्मीद है tinda ki kheti से सम्बंधित यह लेख आपको पसंद आया होगा। यदि आपको से टिंडे की खेती कैसे करें इस सम्बंधित कुछ सुझाव या प्रश्न हैं तो हमें कमेंट बॉक्स में बताएं। साथ ही इस लेख को अपने अन्य किसान दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूलें। खेती संबधित अन्य जानकारी को पढ़ने या फिर समझने के लिए हमारे भारतअग्री कृषि दुकान के साथ जुड़ें रहे।

     

    टिंडे की खेती से सम्बंधित अक्सर पूछे जानें वाले प्रश्न/ FAQ -

     

    1. टिंडा बीज कैसे लगाएं?

    जवाब - टिंडा के बीज को रात भर भिगोने के बाद दूसरे दिन बीज उपचार करें और उन्हें 1.5 से 2 फीट के अंतर पर लगाएं। 

    2. भारत में टिंडा कहां उगाया जाता है?

    जवाब -भारत में उत्तर भारत में ज्यादा टिंडा उगाया जाता है। 

    3. टिंडे को इंग्लिश में क्या कहते हैं?

    जवाब - टिंडे को इंग्लिश में apple gourd कहते हैं। 

    4. टिंडा कितने दिनों की फसल है?

    जवाब - टिंडे की फसल 85 - 90 दिनों की होती है। 

    5. टिंडे का एक एकड़ के लिए बीज दर क्या है?

    जवाब - बीज दर - 1.2 to 1.5 kg / एकड़


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    लेखक - 

    भारतअग्रि कृषि एक्सपर्ट

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