नमस्कार किसान भाइयों, सभी किसान भाइयों का Bharatagri Krushi Dukan वेबसाइट पर स्वागत है। दूध उत्पादक किसान पशुओं के लिए कई प्रकार के चारों का नियोजन करते हैं, परंतु यह चारा इतना पौष्टिक नहीं होता और चारा खेती में खड़ा रहने के कारण किसानों की जमीन भी अटकी पड़ी रहती है। आप यह हरे चारे से साइलेज बना सकते हैं और जब जरूरत हो, तो पशुओं को खिला सकते हैं, विशेष रूप से गर्मियों के समय में साइलेज का बहुत अच्छा उपयोग होता है। इसलिए, आज हम इस लेख में साइलेज बनाने की विधि, साइलेज क्या है? किन फसलों से साइलेज बनाया जाता है? कहाँ बनाया जाता है? किन बातों पर ध्यान देना चाहिए? एक टन के लिए खर्चा और इसके फायदे क्या हो सकते हैं इस बारे में जानकारी देखने वाले हैं।
साइलेज क्या होता है?
खेत का हरा चारा जमीन में हवा बंद गड्ढे में गाड़ने ने की वजह से उसमें लैटिक आम्ल बन जाता है। जो हरे चारे का पी एच लेवल कम कर देता है और चारे को सुरक्षित रखता है। जब यह चरा पशुओं को खाने लायक होता तो उसे साइलेज कहा जाता है।
साइलेज बनाने के लिए किस फसलों का चुनाव करें -
साइलेज(murghas)बनाने के लिए दानों वर्गीय फसल अछि है उसमें देखा जाए तो मक्का, जवार, बाजरा, जई, नेपियर घास आदि फसलों का बढ़िया साइलेज बनता है।
साइलेज कहाँ बनाया जा सकता है?
मार्केट में रेडीमेड 500, 1000, और 5000 किलो तक के पॉलीथिन बैग मिलते हैं, जिनका उपयोग आप साइलेज बनाने के लिए कर सकते हैं। या गड्ढे में साइलेज तैयार करें तो गड्ढे आकार - 10 फुट की ऊंचा, 15 से 20 फुट की चौड़ा और 70 से 100 फुट की लंबा रख सकते है। इस गड्ढे में पॉलीथिन पेपर या सीमेंट की दीवार बनाए और एक बाद ध्यान में रखें पशुओं के अनुसार गड्ढा बनाएं, अधिक बड़ा गड्ढा बनाने से साइलेज की गुणवत्ता ख़राब हो सकती है।
साइलेज बनाने की विधि -
1. चारा दुधार अवस्था में होने पर कटाई कीजिए। चारे में पानी की मात्रा 60-70% होनी चाहिए। यदि पानी की मात्रा अधिक है, तो चारे को थोड़ी देर के लिए सुखा दीजिए।
2. चारे के कुट्टी काटने वाली मशीन से 5 -13 एमएम के छोटे-छोटे टुकड़े काटकर गड्ढे या बैग में अच्छी तरह दबाकर भरें।
3. छोटे गड्ढों को आदमी दबा सकते हैं, परन्तु बड़े गड्ढों के लिए ट्रैक्टर या जेसीबी का उपयोग करें।
4. इन कटे हुए टुकड़ों में लैक्टिक एसिड बढ़ाने के लिए गुड़ का का उपयोग करें।
5. साईलेज ख़राब नहीं हो इसलिए नमक का उपयोग करें।
6. चारा भरते समय, जब गड्ढा भरकर ऊपर आ जाए, तो ऊपर की तरफ गुंबद के आकार का बनाए।
7. गुंबद बनाने के बाद, उसके ऊपर पॉलीथिन पेपर या सूखी घास डालकर ऊपर की ओर मिट्टी से 8 अच्छे से लीपा दें, ताकि गड्ढे के अंदर पानी और बाहर की हवा का नियंत्रण हो सके।
8. आप यदि पॉलीथिन पेपर कवर कर रहे हो पेपर के ऊपर मिट्टी लेयर डालें।
9. 45 से 50 दिनों में साइलेज तैयार हो जाने पर आप उसका पशुओं के लिए उपयोग कर सकते हैं।
साइलेज बनाने वक्त किन बातों पर ध्यान दे -
1. सही चारे का चुनाव करें।
2. साफ-सुथरे सामग्री का उपयोग करें।
3. उपयुक्त नमक और गुड़ का उपयोग करें।
4. साइलेज को बनाने के लिए सुरक्षित स्थान का उपयोग करें।
5. साइलेज को बनाने के लिए उचित गड्ढे तैयार करें।
6. पॉलीथिन पेपर या घास का उपयोग करें ताकि पानी ना जाए।
7. गड्ढों को ठीक से ढके।
एक टन साइलेज का खर्च नीचे चार्ट में देखें -
सामग्री |
साधारण खर्चा |
चारे की कीमत |
2000 |
1 टन बैग |
500 |
लेबर खर्च |
1000 |
नमक |
20 |
गुड़ |
50 |
आदि खर्च |
100 |
टोटल खर्च |
3670 रुपए |
साइलेज के फायदे -
1. बहुत कम समय में पशुओं को पौष्टिक आहार मिल जाता है।
2. काम जगह पर ज्यादा दिनों के लिए पौष्टिक चारा मिल जाता है।
3. खेत भी जल्दी खाली हो जाता है।
4. पशुओं का स्वास्थ्य बहुत अच्छा रहता है।
5. गर्मियों में पानी की कमी के कारण किसान खेती नहीं कर सकते हैं, लेकिन उनके लिए साइलेज एक वरदान होता है।
6. दूध की गुणवत्ता बढ़ती है।
Conclusion | सारांश -
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किसान भाइयों के तरफ से बार -बार पूछे जाने वाले सवाल | FAQ -
1. साइलेज कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर: साइलेज विभिन्न रूपों में उपलब्ध होते हैं, जैसे कि गड्ढे, पॉलिथीन बैग (बंकर), और टावर। लेकिन अधिकांश गड्ढों का ही उपयोग ज्यादातर किया जाता है।
2. साइलेज चारा क्या होता है?
जवाब - हरे चारे में लैक्टिक अम्ल की मात्रा बढ़ाकर पशुओं के लिए खाने लायक आहार को साइलेज कहा जाता है, क्योंकि यह चारे की पीएच लेवल कम करता है।
3. साइलेज में कितना प्रतिशत सूखा पदार्थ होता है?
जवाब - 25 -30 % सूखा पदार्थ होता है।
4. साइलेज बनाने के लिए कौन सी फसल सबसे उपयुक्त है?
जवाब -मक्का(maize) सबसे ज्यादा उपयुक्त है।
5. साइलेज बनाने में कितना समय लगता है?
जवाब - साइलेज 40 -45 दिनों में बन जाता है।
6. गायों के लिए सबसे अच्छा साइलेज कौन सा है?
जवाब - गायों के लिए मक्का का साइलेज सबसे अच्छा है।
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लेखक
BharatAgri Krushi Doctor