नमस्कार किसान भाइयो भारत में मटर की खेती उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा आदि राज्यों में बड़े पैमाने पर की जाती है। मटर की खेती रबी मौसम में की जाती है,जिसका उपयोग सब्जियों के रूप में और दालों के रूप में किया जाता है। आज के लेख में हम मटर की फसल में फूल कम आने के कारणऔर किस प्रकार मटर में फूलों और फलों की संख्या बढ़ाएं (Increase the number of flowers and fruits in pea crop Details in Hindi) इसके उपाय के बारे में विस्तार से बताने वाला हूँ।
मटर में फूलों और फलों की संख्या बढ़ाएं | Increase the number of flowers and fruits in pea crop Details in Hindi
आइये किसान भाइयो अब हम अपने इस लेख में मटर में फूलों और फलों की संख्या बढ़ाएं (Increase the number of flowers and fruits in pea crop Details in Hindi) पर विस्तार से चर्चा करते है।लेकिन उससे पहले हम जान लेते है कि मटर में कम फूल और फल बनने के कारणों के बारे में तथा किस तरीके से फूलो और फलो की संख्या बढ़ाये इस पर चर्चा करेंगे -
मटर की फसल मे फूल कम आने के कारण | Reasons for less flowering in pea crop Details in Hindi
मटर की फसल में फूल और फल कम आने या बनने के बहुत सारे कारण है लेकिन कुछ कारणों के बारे में चर्चा करते है -
खाद की अपर्याप्त मात्रा | Insufficient amount of manure Details in Hindi
अगर मटर की फसल का अच्छा उत्पादन लेना चाहते है,तो सबसे ज्यादा खाद के प्रबंधन पर ध्यान देना चाहिए आमतौर पर देखा गया है की किसान बीज की बुवाई कर देता है लेकिन बेसल डोज़ में खाद नहीं डालता है। अगर डालता भी है तो सिर्फ एनपीके का ही उपयोग करता है। लेकिन एक सफल उत्पादन लेने के लिए नाइट्रोजन,फास्फोरस और पोटैसियम के अलावा कैल्शियम,मैग्नीशियम,सल्फर तथा कुछ सूक्ष्म मात्रा में पोषक तत्व बोरॉन, ज़िंक, लोहा, मैगनीज, कॉपर, मोलिब्डेनम जैसे तत्वों की आवस्यकता पड़ती है। जिसके लिए खाद को मिटटी के द्वारा या छिड़काव के माध्यम से फसल की आवस्यकता पूरी करे। दलहनी फसल होने के कारन नाइट्रोजन को मिटटी में फिक्स करती है तो भूमि की उर्वरा शक्ति भी बढ़ती है।
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मटर में असमय सिचाई | Untimely irrigation in Peas Details in Hindi
मटर की फसल में इस बात का ध्यान रखना चाहिए की जब फसल में फूल आने शुरु हो तो उस समय फसल की सिचाई नहीं करनी चाहिए। अगर फसल को पानी की आवस्यकता हो तो फूल आने से पहले करे या फिर फलिया बनते समय सिचाई करनी चाहिए। लेकिन अगर मटर की सिचाई कर रहे है तो हल्की सिचाई करे और स्प्रिंकलर सिस्टम सिचाई का उपयोग फूल आते समय नहीं करना चाहिए।
अत्यधिक पाला पड़ना | Excessive frosting Details in Hindi
मटर की खेती रबी मौसम में की जाती है और इस मौसम मे ठण्ड भी ज्यादा पड़ती है। लेकिन यदि जब पाला ज्यादा पड़ने लगता है तो फूल और फलियाँ भी मुरझाकर गिरने लगती है। तो ऐसे क्षेत्र जहा पर पाला ज्यादा पड़ती है तो वहाँ पर मटर की बुवाई करने से बचे।
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नाइट्रोजन का अधिक उपयोग | Nitrogen Over Use Details in Hindi
दलहनी फसल है तो नाइट्रोजन की ज्यादा आवस्यकता नहीं पड़ती है लेकिन फिर भी जब मटर में फूल आने लगे तो नाइट्रोजन का उपयोग नहीं करना चाहिए। क्योकि पौधे की वानस्पतिक वृद्धि होनी शुरू हो जाती है जिस कारन फूलने की क्षमता कम या रूक जाती है।
मटर में फूलों और फलों की संख्या बढ़ाने के उपाय | Measures to bring more flowers in pea crop
अब हम जानते है कि मटर की फसल मे फूलों और फलों की संख्या कैसे बढ़ाये उसके बारे में कुछ बिन्दुओ पर चर्चा करते है -
- मटर में फूल आने से पहले जब फसल की सिचाई कर रहे हो तो उसके पहले फसल में कैल्शियम नाइट्रेट 3 किलोग्राम और बोरोन 1 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से मिटटी में बुरकाव के माध्यम से डलवाये।
- अगर छिड़काव की बात करे तो फूल आने से पहले 12-61-00 को 5 ग्राम /लीटर पानी और साथ में चिलेटेड मिक्रोनुट्रिएंट 1 ग्राम /लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करे।
- यदि ज्यादा फूल और फल आये,तो उसके लिए कोरोमंडल का फैंटैक प्लस (Amino Acid+Vitamin+Protein) को 10 मिली / 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव कर सकते है।
- दूसरा बायर कंपनी का एम्बिशन (A unique crop supplement formulation with Amino acids & Fulvic acids) को 30 मिली / 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव कर सकते है।
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