geolife no virus ( जिओलाइफ नो वायरस )

geolife no virus ( जिओलाइफ नो वायरस ) की मदत से वायरस रोग का नियंत्रण कैसे करें ? जाने संपूर्ण जानकारी !

किसान भाइयों नमस्कार, BharatAgri Krushi Dukan वेबसाइट पर स्वागत है। चलिए आज देखते है “geolife no virus की मदत से वायरस रोग का नियंत्रण कैसे करें?” . फसल में वायरस (Crop Virus) सभी फलों, सब्जियों और फूलों सहित लगभग 150 विभिन्न पौधों और फसलों की प्रजातियों को नुकसान पहुँचाते हैं। वायरस बीमारी (Virus Disease) का पता लगाना मुश्किल है, हालांकि इसे पीले, सफेद और हल्के या गहरे हरे (इन रंगों का "मोज़ेक") में धब्बेदार और धारियों वाली पत्तियों से पहचाना जा सकता है।


Virus की समस्या कोनसी फसल में ज्यादा दिखाई देती है ?


टमाटर, मिर्च, तम्बाकू, फूलगोभी, और खीरा सबसे अधिक नियमित रूप से वायरस संक्रमित पौधों (Virus Infected Plant) में से है, इस सभी फसलों के अलावा अन्य फसलों में भी वायरस की समस्या आती हैं।  फसल में वायरस के कारण प्रति वर्ष 60 से 80% तक फसल उत्पादन में हानि होती हैं।  


 fasal में virus की पहचान कैसे करें ?


विषाणुजनित रोगों की पहचान करना कठिन होता है क्योंकि लक्षण एक पौधे से दूसरे पौधे में भिन्न होते हैं और ये पौधे की आयु और इसकी बढ़ती परिस्थितियों के आधार पर भी भिन्न हो सकते हैं। हालाँकि, फसल में वायरस की पहचान करने के सबसे सामान्य तरीके नीचे सूचीबद्ध हैं।


  1. पत्तियों पर पीले, सफेद और हल्के और गहरे हरे रंग के धब्बे होते हैं, जो उभरे हुए दिखाई देते हैं। यह पत्तियों पर फफोले जैसा दिखाई देती हैं।  
  2. पौधे अक्सर छोटे रह जाते हैं, या वे खराब रूप से बढ़ते हैं।
  3. पौधों में अन्य विकृतियाँ हो सकती हैं और उनकी पत्तियाँ सिकुड़ी हुई या लहरदार हो सकती हैं।
  4. खीरा मोज़ेक वायरस के कारण संक्रमित पौधे अविकसित रह जाते हैं और अक्सर "शूस्ट्रिंग सिड्रोम" प्रदर्शित करते हैं, जो एक विशिष्ट विकृति है, जिसमें पत्तियों के किनारे विकसित होने में विफल रहते हैं, पत्ती की नसें लंबी, संकीर्ण पट्टियों के रूप में विकसित होती हैं। 
  5. तम्बाकू मोज़ेक वायरस के कारण संक्रमित पौधों में धब्बेदार और पीले पत्ते होते हैं और पत्तियों का युवा विकास मुड़ जाता है या विकृत होता है।

 फसल में virus को कैसे रोकें ?


किसान भाइयों भारतॲग्री गुरु के अनुसार आप फसल में वायरस की समस्या (Crop virus problem) को निम्न रूप से रोक सकते हैं।  


  1. अपनी फसल के अनुसार विषाणु-प्रतिरोधी किस्में लगाएं। ककड़ी मोज़ेक वायरस के लिए टमाटर की प्रतिरोधी किस्मों को अभी विकसित किया जाना बाकी है, लेकिन टमाटर जो तंबाकू मोज़ेक वायरस के लिए प्रतिरोधी हैं, उनमें ककड़ी मोज़ेक वायरस के लिए भी कुछ मामूली प्रतिरोध हो सकता है।
  2. मोज़ेक वायरस ज्यादातर कीटों, विशेष रूप से एफिड्स और लीफहॉपर्स द्वारा फैलते हैं। आप इन कीटों को अपने पौधों को संक्रमित करने से रोकने के लिए अपने पौधों को फ्लोटिंग रो कवर या एल्युमिनियम फॉयल मल्च से ढकने की कोशिश कर सकते हैं।
  3. फसल में खरपतवारों पर नियंत्रण रखें। 
  4. फसल में चूसक कीटों पर नियंत्रण करना चाहिए।  
  5. बीज जनित मोज़ेक विषाणुओं से बचने के लिए, रोपण से पहले अतिसंवेदनशील पौधों के बीजों को 10% ब्लीच के घोल में भिगोएँ।

geolife no virus ( जिओलाइफ नो वायरस ) से वायरस रोग का नियंत्रण कैसे करें ?


फसल में वायरस को नियंत्रित करने के लिए जिओलाइफ नो वायरस (Geolife No Virus) से सबसे बेस्ट दवा जानें कैसे - 


  1. जिओलाइफ नो वायरस यह एक ब्रॉड-स्पेक्ट्रम ऑर्गेनिक वायरसाइड है, जो पौधे और फसल को वायरस (Viral disease in crop)  से बचाता है और उनके खिलाफ प्रतिरोध में भी सुधार करता है। 
  2. जिओलाइफ नो वायरस (No Virus) को  विभिन्न जड़ी बूटियों से बनाया जाता है, जो वायरस को तुरंत रोकता है और पोधो की वृद्धि और उपज को  बढ़ाता है। 
  3. जिओलाइफ नो वायरस का उपयोग विभिन्न वायरल रोगों के नियंत्रण के लिए उपयोग किया जाता है।

geolife no virus ( जिओलाइफ नो वायरस ) के उपयोग और फायदें -


फसल में वायरस को नियंत्रित करने के लिए जिओलाइफ नो वायरस (Geolife No Virus)  के उपयोग और फायदें निम्न है - 


  1. जिओलाइफ नो वायरस फसलों को सभी प्रकार के वायरल रोगों से बचाने के लिए यह दुनिया का पहला प्रभावी एंटी वायरस उत्पाद है।
  2. जिओलाइफ नो वायरस यह एक ब्रॉड स्पेक्ट्रम ऑर्गेनिक वायरसाइड है जो पौधे को वायरस से बचाता है और उनके खिलाफ प्रतिरोध में भी सुधार करता है।
  3. जिओलाइफ नो वायरस दुर्लभ जड़ी बूटियों का एक संयोजन है जो वायरस को तुरंत रोकता है और पौधे में वृद्धि और बेहतर उपज देता है।
  4. जिओलाइफ नो वायरस के उपयोग से कोई भी विषाणु पौधे में रंध्र के खुलने से प्रवेश नहीं करता है और संवहनी बंडलों के माध्यम से पौधे प्रणाली में स्थानांतरित हो जाता है।
  5. जिओलाइफ नो वायरस के उपयोग से वायरस प्रभावित पादप कोशिका में प्रवेश करने पर कोई भी विषाणु कणों को घेरता नहीं है।
  6. जिओलाइफ नो वायरस के उपयोग से फसल वायरस के कणों द्वारा अवरुद्ध प्रवाहकीय ऊतकों को नहीं खोलता है और पौधे की कोशिकाएं ठीक होने लगती हैं और नई पत्तियां वायरस मुक्त होती हैं।
  7. जिओलाइफ नो वायरस का फसल पर प्रभाव 15 दिन तक रहता है।  

 geolife no virus ( जिओलाइफ नो वायरस ) की उपयोग मात्रा -


जिओलाइफ नो वायरस  (Geolife No Virus) की फसल और पौधों में उपयोग करने की मात्रा निम्न है - 


3 मिली/लीटर पानी।  

45 मिली/पंप (15 लीटर पंप )

450 मिली/एकड़ से छिड़काव करें।  


Conclusion | सारांश - 


चलिए किसान भाइयों, आशा करते है की BharatAgri Krushi Dukan वेबसाइट की दी गई “geolife no virus से फसल में वायरस रोग नियंत्रण कैसे करें?” यह जानकारी आपको पसंद आई है। और इसका उपयोग आपको आने वाले ख़रीफ़ मोसम मे जरूर होगा। किसान भाइयों अगर आप को दी गई फसल में वायरस (Crop Virus) की समस्या और जिओलाइफ नो वायरस के उपयोग और फायदें  की  सम्पूर्ण जानकारी अच्छी लगी तो भारतॲग्री कृषि लेख में कमेंट द्वारा अपनी प्रतिक्रिया जरूर दर्ज करें और आप को खेती सम्बंधित कोई भी जानकारी चाहिए है, तो हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर दर्ज करें।


FAQ | बार - बार पूछे जाने वाले सवाल - 


  1. पौधों में वायरस के लक्षण क्या हैं?  

उत्तर - विषाणुजनित रोग के लक्षणों में पौधों पर प्राथमिक पत्तियों का हरापन और पीलापन, पत्तियों का छोटा आकार, पौधों में बौनापन, अत्यधिक मुकुलन, जिसके कारण फूल और फल बाद में लगते हैं, जिससे उत्पादन 40 % तक प्रभाव पड़ता हैं।  


  1. फसल में वायरस कैसे खत्म होगा? 

उत्तर - खेत की निगरानी करें, अस्वस्थ पौधों को हाथ से हटा दें और मिट्टी में गड्डा करके गाड़ दे । खेत में और उसके आस-पास खरपतवारों को ढूंढ़कर हटा दें. कटाई के बाद, सभी पौधों के अवशेषों की जुताई करें और इसे अच्छी तरह से दबा दें या जला दें। गैर-अतिसंवेदनशील फसलों के साथ फसल चक्र अपनायें।


  1. क्या प्लांट वायरस ठीक हो सकते हैं?

उत्तर - किसान भाइयों आप को बता दे की पौधों में वायरस की समस्या ख़त्म नहीं की जा सकती, लेकिन आप उचित दवाइयों का उपयोग करके वायरस को फसल और पौधों में आने से रोक सकते हों।  


  1. पौधे में वायरस कैसे फैलता है?

उत्तर -  वायरस पौधे के विभिन्न क्षेत्रों में फ्लोएम के माध्यम से पौधों की कोशिकाओं पर आक्रमण करते हैं। संक्रमित बीज, ग्राफ्टिंग, हवा, छींटे, परागण और रस का रिसाव सभी वायरस फैला सकते हैं। पादप विषाणु फसल की उपज को कम करते हैं और किसानों के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक नुकसान पैदा करते हैं।


  1. पौधों में कौन सा वायरस पाया जाता है? 

उत्तर - किसान भाइयों पौधों में पहला खोजा जाने वाला वायरस टोबैको मोज़ेक वायरस (TMV) था। यह वायरस सभी प्रकार के फसलों जैसे सब्जीवर्गीय और फलवर्गीय के साथ-साथ दलहनी फसलों में भी इसका प्रभाव ज्यादा होता हैं।   



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भारतअ‍ॅग्री कृषि एक्सपर्ट


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