गन्ने में खाद प्रबंधन

गन्ने में कौन सी खाद डालें - यहाँ पढ़ें Sugarcane के खाद प्रबंधन की जानकारी!

नमस्कार किसान भाइयो,आज के लेख में गन्ने की खेती के अंतर्गत गन्ने में खाद प्रबंधन (Ganne me khad Prabandhan Details in Hindi)के तहत पोषक तत्व प्रबंधन और कृषि कार्यो पर चर्चा करेंगे और साथ ही गन्ने की अधिक उपज प्राप्त करने के लिए किस तरह से गन्ने में खाद और उर्वरक प्रबंधन (Manure and Fertilizer Management in Sugarcane) करे उसके बारे में विस्तार से जानेंगे। 

गन्ने में खाद प्रबंधन | Manure Management in Sugarcane Details in Hindi

गन्ने की बुवाई के लिए खेत की तैयारी | Field preparation for sugarcane sowing 

खेत को तैयार करने के लिए सबसे पहले 2 से 3 गहरी जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से जोतकर या तीन बार हेरा लगाना चाहिए। अगर देशी हल से जुताई कर रहे है तो 5से6 जुताईयां काफी होती है। गन्ने की बुवाई के समय खेत में पर्याप्त नमी होना चाहिए । जिस खेत में गन्ना की बुवाई कर रहे है तो पिछले साल का रोगी गन्ने की बुवाई नहीं करनी चाहिए। 

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गन्ने की बुवाई के लिए किस्मो का चुनाव | Varieties selection for sugarcane sowing

किसान भाइयो अपने अपने राज्य की शिफारिश की गयी किस्मो का चयन कर सकते है। कुछ किस्मो का डिटेल्स आगे है -

गन्ने की कुछ बेस्ट वैरायटी निम्न हैं

  • को.शा.767] 
  • को.शा.8432] 
  • को.शा.88216] 
  • को.शा.97264]
  • को.शा.9232]
  • को.शा.08279]
  • को.शा.08452] 
  • को.शा.08276 
  • यूपी 39 तथा को पन्त 84212 
  • गन्ने की बुवाई का उचित समय | Right time for sugarcane sowing

    अब हम गन्ने में खाद प्रबंधन से पहले जान लेते है कि गन्ने की बुवाई का उपर्युक्त समय के बारे में जानते है।  

    शरदकालीन बुवाई | autumn sowing (सर्दियों में ) - यदि बात करे तो गन्ने की अधिक पैदावार लेने के लिए सर्वोत्तम समय अक्टूबर – नवम्बर माना जाता है। 

    बसन्तकालीन बुवाई | Spring sowing - यदि बसन्तकालीन गन्ने की बुवाई की बात करे तो फरवरी से मार्च का समय अच्छा माना जाता है। 

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    गन्ने में खाद प्रबंधन | Manure Management in Sugarcane Details in Hindi

    अब हम गन्ने में खाद प्रबंधन के बारे में जानते है कि गन्ने की बुवाई के समय और उसके बाद कब-कब खाद की मात्रा देनी चाहिए। 

    गन्ने में बुवाई से पूर्व | before sowing in sugarcane  

    जब हम गन्ने की बुवाई के लिए भूमि की तैयारी कर रहे हो तो उसके पहले पहली जुताई के बाद मिट्टी में अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर खाद की खाद लगभग 5 टन और सही तरीके से खाद और खेतो के खरपतवार आदि को सड़ाने के लिए 2 लीटर कंपोस्टिंग बैक्टीरिया का उपयोग करे। लेकिन यदि मिटटी के माध्यम से फफूँद जनित रोगो की समस्या ज्यादा हो तो 2 लीटर ट्राइकोडर्मा विरिडी और अंकुरण के समय भूमिगत कीटो से बचाव के लिए 2 लीटर मेटारिज़ियम एनिसोपली प्रति एकड़ का उपयोग कर सकते है।

    केमिकल का नाम 

    मार्केट नाम 

    भूमि उपचार 

    डीकंपोज़िंग बैक्टीरियल कंसोर्टिया

    फास्ट-डी

    2 लीटर प्रति एकड़

    ट्राइकोडर्मा विरिडी

    डर्मस

    2 लीटर प्रति एकड़

    मेटारिज़ियम अनिसोप्लिया

    मेटा

    2 लीटर प्रति एकड़


    गन्ने का बीजोपचार | Seed treatment of sugarcane

    गन्ने की बुवाई से पूर्व गन्ने के टुकड़ो को कीटनाशक क्लोरोपाइरीफॉस 20% ईसी को 1 लीटर और फफूँदनासक मेटालैक्सिल 8% डब्ल्यूपी + मैंकोजेब 64% डब्लूपी  को 500 ग्राम दवा को 200 लीटर पानी के टब में घोलकर गन्ने का बीज उपचार कर सकते है। 

    केमिकल का नाम 

    मार्केट नाम 

    छिड़काव की मात्रा या बीज उपचार / एकड़

    क्लोरोपायरीफॉस 20% ई.सी

    धानुका धनवन-20

    1 लीटर 

    मेटालैक्सिल 8% डब्ल्यूपी + मैंकोजेब 64% डब्लूपी

    टाटा रैलिस मास्टर

    500 ग्राम दवा


    गन्ने में खाद प्रबंधन | Manure management in sugarcane 

    • अब अगर हम खाद की बात करे तो किसी भी फसल का सफल उत्पादन लेने के लिए नाइट्रोजन,फास्फोरस और पोटैसियम के अलावा कैल्शियम,मैग्नीशियम,सल्फर तथा कुछ सूक्ष्म मात्रा में पोषक तत्वों बोरॉन,ज़िंक,लोहा,मैगनीज,कॉपर,मोलिब्डेनम जैसे तत्वों की आवस्यकता पड़ती है। जिसके लिए खाद को मिटटी के द्वारा या छिड़काव के माध्यम से फसल की आवस्यकता पूरी करे।
    • गन्ने की पहली सिचाई के समय NPK बैक्टीरिया 2 लीटर और ह्यूमिक एसिड को 1 लीटर को पानी के साथ गन्ने की फसल में छोड़े। 
    • अब अगर बात करे तो उत्तर भारत में गन्ने के सर्वोत्तम उत्पादन के लिए औसतन प्रति एकड़ पोषक तत्वों की अनुशंसा 80 किग्रा नाइट्रोजन, 35 किग्रा फास्फोरस,30 किग्रा पोटैसियम एवं 30 किग्रा  कैल्शियम, 15 किग्रा सल्फर और 10 किग्रा.जिंक सल्फेट की सिफारिश की गयी है।अब यदि बात करे तो बुवाई के समय नाइट्रोजन की आधी मात्रा, फास्फोरस ,पोटाश एवं कैल्शियम की पूरी मात्रा बुवाई के समय मिटटी में डाल देनी चाहिए बाकी बची हुई शेष नाइट्रोजन की मात्रा और मिक्रोनुट्रिएंट 10 किलो की मात्रा को दो बार में फुटान होने के समय और वर्षा शुरू होने से पहले देना चाहिए।
    • अधिक फुटाव और रोग तथा कीट से बचाव के लिए NPK 19:19:19 को 3 ग्राम + क्लोरपाइरीफॉस 50% + साइपरमेथ्रिन 5% ईसी को 2 मिली + कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोजेब 63% डब्ल्यूपी को 2 ग्राम + मिक्स माइक्रो न्यूट्रिएंट को 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना उचित माना जाता है। 

    केमिकल का नाम 

    मार्केट नाम 

    छिड़काव की मात्रा या बीज उपचार / एकड़

    एनपीके बैक्टीरिया

    डॉ. बैक्टोज कॉम्बो

    2 लीटर प्रति एकड़

    ह्यूमिक एसिड

    प्राइम 1515

    1 लीटर प्रति एकड़

    एनपीके

    महाधन एनपीके

    3 ग्राम / लीटर

    क्लोरपाइरीफॉस 50% + साइपरमेथ्रिन 5% ईसी

    सुपर डी

    2 मिली / लीटर

    इंस्टाफर्ट एम.एस ग्रेड II आयरन, मैंगनीज, जिंक, कॉपर, बोरॉन और मोलिब्डेनम

    इंस्टाफर्ट कॉम्बी

    1 ग्राम / लीटर

    कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोजेब 63% डब्ल्यूपी

    धानुका सिक्सर

    2 ग्राम / लीटर


    किसान भाइयो हम आशा करते है की गन्ने में खाद प्रबंधन | Manure Management in Sugarcane Details in Hindi के बारे में बताई गयी जानकारी अच्छी लगी होगी यदि आपको बताई गयी जानकारी अच्छी लगी हो तो आप अपने आस-पास के किसान भाइयो को शेयर करे। 

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