किसान भाइयो फली छेदक (Pod borer) (हेलिकोवरपा आर्मीजेरा) एक बहुत ही फसल के लिए हानिकारक कीट है। यह कीट सभी फसल पर आक्रमण कर उन्हें नुक्सान पहुंचाता है और जिस कारन फसल उत्पादन पर प्रभाव पड़ता हैं। फली छेदक (पोड बोरर) कीट का प्रकोप फसल में मुख्य रूप से चना, मटर, फ्रासबीन, भिन्डी, टमाटर व गोभी में अधिक देखा गया है| फली छेदक कीट का नियंत्रण (Control of pod borer) समय रहते नहीं किया गया तो किसान भाइयो को प्रति एकड़ उत्पादन कम निकल सकता हैं।
फली छेदक कीट की पहचान कैसे करें | How to identify pod borer
देखा जाये तो फली छेदक कीट का पंतगा पीले भूरे रंग का होता हैं, और अगले पंख के ऊपरी सतह पर अनियमित काले रंग के धब्बे दिखाई देते हैं, एवं पंख के किनारों पर धूसर रंग की धारियां बनी होती हैं| फली छेदक Pod Borer कीट की पूर्णतया विकसित सुण्डी 35 से 40 मिलीमीटर लम्बी होती हैं और हरे रंग की एवं दोनों तरफ सफेद रंग की एक-एक पट्टी होती हैं। इसी के साथ शरीर पर हल्के-हल्के बाल पाए जाते हैं।
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फली छेदक कीट का जीवन चक्र | pod borer life cycle
- फल व फली छेदक कीट की मादा पंतगा पौधे के नाजुक हिस्सों पत्तियों और फूल पर एक-एक करके चमकीले, मलाई के रंग के 700 से 1000 तक अण्डे देती हैं|
- यह अण्डे 4 से 5 दिन में फूटते हैं, जिससे सुण्डियां निकलती है |
- सुण्डियां लगभग 20 दिन में पूर्णतया विकसित होती हैं| उसके बाद लगभग 10 से 12 दिन तक कीटकोष (प्यूपा) के रूप में जमीन के नीचे या अन्य घास की पत्तियों में पड़ी रहने के बाद पतंगा या व्यस्क बनकर बाहर निकलती हैं।
फली छेदक कीट से फसल में क्षति या नुक्सान | Crop damage or loss from pod borer
- फली छेदक कीट की केवल सुण्डियां ही नुक्सान पहुंचाती है।
- फसल में इस कीट का प्रकोप फसल की प्रारम्भिक अवस्था से ही शुरू हो जाता है।
- यह कीट पहले पौधे के नरम भागों को और बाद में फल एवं बीज बनने पर उन्हें खाती है।
- सुण्डियां अपना सिर फल या फली के अन्दर घुसा देती है।
- शरीर का शेष भाग फली के बाहर बना रहता है एवं दिखाई देता हैं।
- फली छेदक कीट (Pod borer) के कारन फसल की गुणवत्ता और उत्पादक्ता पर अधिक प्रभाव पड़ता हैं।
किसान भाइयो आइये जानते हैं की FMC Coragen (कोराजन) कैसे करता हैं फसल की फली छेदक कीट का नियंत्रण -
किसान भाइयो एफएमसी कंपनी द्वारा बनाया गया कोराजन कीटनाशक खेती के लिए ऐसी दवाई है जिसका उपयोग लगभग हर किसान करता हैं । कोराजन फसलों में विभिन्न प्रकार के कीट, इललियों, तना छेदक और फली छेदक की रक्षा करता है और लंबे समय तक फसलों को कीट प्रतिरोधी बनाए रखता है।
- कोराजन कीटनाशक, कई प्रकार के कीटों को नियंत्रित करने वाला एक एंथ्रेनीलिक डायमाइड कीटनाशक है, जो गाढ़े घोल के रूप में होता है.
- कोराजन कीटनाशक मुख्य रूप से लार्वानाशक के रूप में काम करता है और विशेष रूप से लेपिडोप्टेरन कीटों के लिए काम करता है.
- कोराजन कीटनाशक एक सक्रिय घटक रिनेक्सिपीयर® एक्टिव से युक्त है, जो अनोखे तरीके के काम करते हुए अन्य कीटनाशकों के लिए प्रतिरोधी कीटों को भी नियंत्रित करता है.
- यह विशेष रूप से इन्हीं कीटों के लिए उपयोग में लाया जाता है और गैर-लक्षित आर्थ्रोपोड जीवों और प्राकृतिक परजीवियों, परभक्षियों और परागणकों के लिए सुरक्षित है.
- ये गुण कोराजन कीटनाशक को एकीकृत कीट प्रबंधन (आईपीएम) कार्यक्रमों के लिए एक उत्कृष्ट साधन बनाते हैं तथा उत्पादकों को कीटों के प्रबंधन में व्यापक सुविधा प्रदान करते हैं, जिससे उत्पादकों को उच्च गुणवत्तापूर्ण उपज प्राप्त होती है और खाद्य पदार्थों के खुदरा विक्रेताओं एवं ग्राहकों की अपेक्षाएं पूरा होती हैं।
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यहाँ जाने कोराजन के बारे में | Know about Coragen
प्रोडक्ट का नाम |
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टेक्नीकल नाम |
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कीट नियंत्रण |
चितिदार डोंडे की सुंडी, फ़ोल आर्मी वॉर्म, कटुआ सुंडी, फली छेदक, हिरा पीठ पतंगा, तना छेदक, डोंडे की सूंडी |
मात्रा प्रति एकड़ |
60 मिली / एकड़ |
फसल |
चावल, गन्ना, कपास, गोभी, टमाटर, बैंगन, मिर्च, सोयाबीन, बंगाल चना, काला चना, करेला, भिंडी, मक्का, मूंगफली |
कार्य |
यह निलंबन सांद्र के रूप में एक एन्थ्रानिलिक डायमाइड ब्रॉड स्पेक्ट्रम कीटनाशक है। |
कंपनी का नाम |
एफएमसी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड |
कोराजन के फ़ायदे और उपयोग Benefits and Use of Coragen
- कोराजन एक ब्रॉड स्पेक्ट्रम कीटनाशक जो फसलों को लंबे समय तक कीट और इललियों से बचा कर रखता है।
- इसका उपयोग हम विभिन्न प्रकार के फलों और सब्जियों में कर सकते हैं और इसका सबसे अच्छा परिणाम गन्ने की फसल में देखने को मिलता है।
- Koragen kitnashak को द्वारा निर्मित किया जाता है।
- Koragen कीट के सेंट्रल नर्वस सिस्टम को ब्लॉक कर एफएमसी कंपनी देता है जिससे कीट मर जाता है और इसका असर पौधों पर 45 दिनों तक रहती है और ज्यादा तापमान में इसका असर कम होने लगता है और इसी के साथ काफी हद तक हाफ़र, मिलीबग, Aphids को भी कंट्रोल कर लेता है ।
- इसकी उपयोग की मात्रा (Dose) 60 मिली प्रति एकड़ के हिसाब से होती है जिसको 150 से 200 लीटर पानी में मिक्स करके छिड़काव करें।
- कोराजन का उपयोग विभिन्न प्रकार के पौधों जैसे मूंग, चना, गेहूं, धान, गन्ना, उड़द, सोयाबीन, मक्का, बैगन, टमाटर और विभिन्न प्रकार की सब्जियों मे करते हैं।
- इसका सबसे बेहतरीन रिजल्ट गन्ने की फसल में देखने को मिलता है इसके उपयोग से गन्ना लंबा और मोटा होता है।
- कोराजन कीटनाशक का उपयोग टॉनिक, कीटनाशक, फफूंदनाशक के साथ मिक्स करके स्प्रे कर सकते हैं।
किसान भाइयो आप को बता दे की आजकल मार्केट में इसके Duplicate Coragen भी आ गए हैं तो आपको असली कोराजन को पहचानना भी आना चाहिए। 100 % अच्छी गुणवत्ता वाला और original coragen एवं बाजार से भी किफायती रेट में आप भारत अग्रि से खरीदी कर सकते हो। भारतॲग्री कृषि दुकान में
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