कृषि में आधुनिक उपकरणों का उपयोग खेती की प्रक्रिया को आसान, कुशल और उत्पादक बनाता है। ये उपकरण फसलों की देखभाल, सिंचाई, बुवाई और कटाई को अधिक प्रभावी तरीके से करने में मदद करते हैं। भारत में कृषि क्षेत्र में तकनीकी उन्नति के साथ-साथ किसानों को भी उच्च गुणवत्ता वाले उपकरण उपलब्ध हो गए हैं। इस ब्लॉग में हम टॉप 10 आधुनिक कृषि उपकरणों (Top 10 Krishi Upkaran) के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे, जिसमें उनके नाम, काम, कीमत, फीचर्स, उपयोग का समय और प्रक्रिया, भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी और उपयोग के फायदे शामिल हैं।
कृषि ट्रैक्टर
बेस्ट कंपनी: महिंद्रा, सोनालिका, टाटा
ट्रैक्टर की कीमत: ट्रैक्टर की कार्य क्षमता और पॉवर के अनुसार इसकी कीमत अलग-अलग हो सकती है। ट्रैक्टर की खरीदी आप ₹4,00,000 से ₹10,00,000 रूपए तक कर सकते हैं।
भारत सरकार द्व्रारा ट्रैक्टर पर सब्सिडी: भारत सरकार प्रधानमंत्री किसान ट्रैक्टर योजना 2024 के तहत किसानों को नए ट्रैक्टर खरीदने पर सब्सिडी प्रदान कर रही है। इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को 20% से लेकर 50% तक की छूट प्राप्त होगी। पीएम किसान ट्रैक्टर सब्सिडी योजना का लाभ उठाने के इच्छुक लाभार्थियों को ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
ट्रैक्टर के कृषि में उपयोग के फायदें:
1. ट्रैक्टर के उपयोग से कृषि कार्य तेजी से पूरा होता है, जिससे समय की बचत होती है और किसानों को अधिक कार्य करने का अवसर मिलता है।
2. ट्रैक्टर के कारण कृषि कार्यों के लिए आवश्यक मजदुर श्रम की संख्या कम हो जाती है, जिससे श्रमिकों की लागत में भी कमी आती है।
3. ट्रैक्टर का उपयोग विभिन्न प्रकार के कृषि कार्यों के लिए किया जा सकता है, जैसे जुताई, बुआई, सिंचाई, कटाई, और अन्य।
4. ट्रैक्टर के उपयोग से फसलों की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार होता है, जिससे कुल उत्पादकता बढ़ती है।
5. ट्रैक्टर को विभिन्न कृषि उपकरणों के साथ जोड़ा जा सकता है, जैसे कि कल्टीवेटर, प्लाव, और हार्वेस्टर, जो कृषि कार्य को बढ़ाते हैं।
6. ट्रैक्टर की आधुनिक तकनीकें, जैसे GPS और ऑटो-गाइड सिस्टम, सटीकता में सुधार करती हैं, जिससे बीज बोने और अन्य कार्यों में त्रुटियाँ कम होती हैं।
7. ट्रैक्टर में उच्च इंजन क्षमता होती है, जो इसे भारी कार्यों को करने में सक्षम बनाती है, जैसे कि गहरी जुताई और बड़े उपकरणों का संचालन।
8. कृषि में ट्रैक्टर के उपयोग से उत्पादन लागत कम होती है, जिससे किसानों के लिए आर्थिक लाभ होता है।
9. ट्रैक्टर में नवीनतम तकनीकों का उपयोग होता है, जो कृषि कार्यों को अधिक प्रभावी और स्मार्ट बनाते हैं।
रोटावेटर
ट्रैक्टर रोटावेटर एक कृषि उपकरण है जो मिट्टी को जुताई के लिए तैयार करने में मदद करता है। इसमें रोटर ब्लेड होते हैं जो ट्रैक्टर की शक्ति से घुमते हैं और मिट्टी को काटते, मिलाते और भुरभुरा करते हैं। यह उपकरण खेतों को अच्छे से तैयार करने, खरपतवार निकालने, और मिट्टी को पोषक तत्वों के लिए तैयार करने में उपयोगी होता है।
कंपनी: महिंद्रा, टाटा, इंडो-फार्म, शक्तिमान
ट्रैक्टर रोटावेटर की कीमत:
1. छोटे रोटावेटर (20-30 HP ट्रैक्टर के लिए): ₹40,000 - ₹80,000
2. मध्यम आकार के रोटावेटर (30-50 HP ट्रैक्टर के लिए): ₹80,000 - ₹1,50,000
3. बड़े रोटावेटर (50 HP और उससे अधिक ट्रैक्टर के लिए): ₹1,50,000 - ₹3,00,000 या उससे अधिक।
राज्य सरकार द्वारा ट्रैक्टर रोटावेटर पर सब्सिडी:
राज्य सरकार द्वारा किसानों को रोटावेटर या रोटरी टिलर खरीदने के लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस योजना के तहत, 20 से 35 बीएचपी के ट्रैक्टर चालित रोटावेटर या रोटरी टिलर पर 60% तक की सब्सिडी उपलब्ध है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के किसानों को अधिकतम 25,000 रुपये की सब्सिडी मिलती है, जबकि सामान्य वर्ग के किसानों के लिए यह राशि 20,000 रुपये निर्धारित की गई है।
ट्रैक्टर रोटावेटर के कृषि में उपयोग के फायदें :
1. ट्रैक्टर रोटावेटर तेजी से जुताई करता है, जिससे समय की बचत होती है।
2. मजदुर श्रम की आवश्यकता कम होती है, जिससे श्रमिकों की लागत कम होती है।
3. यह उपकरण मिट्टी को अच्छी तरह से भुरभुरा करता है और फसलों के लिए तैयार करता है।
4. रोटावेटर खरपतवारों को निकालने में मदद करता है, जिससे फसलों को बेहतर बढ़ाव मिलता है।
5. मिट्टी की अच्छी जुताई से फसलों की गुणवत्ता और उपज में सुधार होता है।
6. रोटावेटर मिट्टी में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ाता है, जिससे पौधों की जड़ों को बेहतर विकास मिलता है।
7. यह विभिन्न प्रकार की मिट्टी, जैसे कि बलुई, चिकनी, या बलुई-चिकनी मिट्टी में उपयोग किया जा सकता है।
8. यह उपकरण न केवल जुताई, बल्कि मिट्टी को मिलाने और खाद को अच्छी तरह से मिश्रित करने में भी मदद करता है।
9. रोटावेटर के उपयोग से कृषि कार्य अधिक प्रभावी होते हैं, जिससे कुल उत्पादन लागत कम होती है और लाभ बढ़ता है।
हार्वेस्टर
हार्वेस्टर एक कृषि मशीन है जो फसलों की कटाई, थ्रेशिंग और कभी-कभी बंडलिंग भी करती है। यह मशीन विभिन्न प्रकार की फसलों को जल्दी और प्रभावी तरीके से काटने और संग्रहित करने में सक्षम होती है, जिससे समय और श्रम की बचत होती है।
कंपनी: महिंद्रा, सोनालिका, क्लैस
हार्वेस्टर की कीमत:
1. कम शक्ति वाले हार्वेस्टर (छोटे और मध्यम खेतों के लिए): कीमत: ₹8,00,000 - ₹15,00,000
2. मध्यम शक्ति वाले हार्वेस्टर (मध्यम से बड़े खेतों के लिए): कीमत: ₹15,00,000 - ₹30,00,000
3. उच्च शक्ति वाले हार्वेस्टर (बड़े खेतों और व्यावसायिक उपयोग के लिए): कीमत: ₹30,00,000 - ₹60,00,000 या उससे अधिक
भारत सरकार द्वारा हार्वेस्टर पर सब्सिडी:
भारत सरकार द्वारा हार्वेस्टर सब्सिडी योजना का लाभ देश के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग तरीके से प्रदान किया जाता है, जो कि उस राज्य की सरकार की नीतियों पर निर्भर करता है। इस मशीन के लिए सब्सिडी का वर्गीकरण भी किया गया है। अनुसूचित जाति और जनजाति के किसानों को 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी मिलती है, जबकि सामान्य वर्ग के किसानों को 30 से 40 प्रतिशत तक की सब्सिडी का लाभ प्राप्त होता है।
हार्वेस्टर के कृषि में उपयोग के फायदें:
1. हार्वेस्टर फसलों की कटाई को तेजी से पूरा करता है, जिससे समय की काफी बचत होती है।
2. हार्वेस्टर के उपयोग से मजदुर श्रम की आवश्यकता कम हो जाती है, जिससे श्रमिकों की लागत कम होती है।
3. हार्वेस्टर द्वारा की गई कटाई से फसलों को कम नुकसान होता है, जिससे फसल की गुणवत्ता में सुधार होता है।
4. हार्वेस्टर में थ्रेशिंग और बंडलिंग की सुविधाएं भी होती हैं, जो फसल की प्रबंधन प्रक्रिया को सरल बनाती हैं।
5. हार्वेस्टर सटीक तरीके से फसल को काटता है, जिससे फसल के प्रत्येक हिस्से को सही तरीके से प्रबंधित किया जा सकता है।
6. हार्वेस्टर द्वारा काटी गई फसल को सीधे मशीन में एकत्र किया जा सकता है, जिससे संग्रहण की प्रक्रिया सरल होती है।
7. हार्वेस्टर द्वारा की गई कटाई के बाद खेत में कम अवशेष रह जाते हैं, जिससे मिट्टी की संरचना में सुधार होता है।
8. पारंपरिक तरीकों की तुलना में हार्वेस्टर तेजी से और अधिक कुशलता से काम करता है।
9. हार्वेस्टर के उपयोग से फसल की कटाई और प्रबंधन की लागत कम होती है, जिससे किसानों को आर्थिक लाभ होता है।
स्प्रिंकलर प्रणाली
स्प्रिंकलर प्रणाली एक आधुनिक कृषि सिंचाई प्रणाली है जो पानी को बूँदों के रूप में फसलों पर छिड़कने के लिए डिज़ाइन की गई है। यह प्रणाली भूमि के समतल या ढलान वाले क्षेत्रों में पानी वितरित करने के लिए उपयोग की जाती है और फसलों की आवश्यकतानुसार पानी की सही मात्रा प्रदान करती है।
कंपनी: नेटाफिम,जैन इरीगेशन, रेन बर्ड, हंटर इंडस्ट्रीज
स्प्रिंकलर की कीमत:
1. छोटी स्प्रिंकलर प्रणाली (1-2 एकड़ के लिए): कीमत: ₹15,000 - ₹40,000
2. मध्यम आकार की स्प्रिंकलर प्रणाली (2-5 एकड़ के लिए): कीमत: ₹40,000 - ₹1,00,000
3. बड़ी स्प्रिंकलर प्रणाली (5 एकड़ से अधिक के लिए): कीमत: ₹1,00,000 - ₹5,00,000 या उससे अधिक
भारत सरकार द्वारा स्प्रिंकलर पर सब्सिडी
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) के तहत 'पर ड्रॉप मोर क्रॉप' (माइक्रोइरीगेशन) घटक के लिए राज्य के लघु एवं सीमांत किसानों को इकाई लागत का 55 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाता है। वहीं अन्य किसानों के लिए यह अनुदान इकाई लागत का 45 प्रतिशत है।
यदि मिनी स्प्रिंकलर की इकाई लागत 19,600 रुपए प्रति हैक्टेयर है, तो इस पर लघु एवं सीमांत किसानों को 10,780 रुपए (55 प्रतिशत) का अनुदान मिल सकता है। जबकि अन्य सभी वर्ग के किसानों को 8,820 रुपए (45 प्रतिशत) की सब्सिडी प्राप्त होगी।
स्प्रिंकलर के कृषि में उपयोग के फायदें:
1. स्प्रिंकलर प्रणाली पानी की सही मात्रा को फसलों तक पहुँचाती है, जिससे सिचाई जल की बर्बादी कम होती है।
2. यह प्रणाली जल को तेजी से और प्रभावी तरीके से वितरित करती है, जिससे समय की बचत होती है।
3. स्प्रिंकलर प्रणाली फसलों की आवश्यकतानुसार पानी की सटीक मात्रा देती है, जिससे फसल की वृद्धि में सुधार होता है।
4. यह प्रणाली समतल और ढलान वाले खेतों में समान रूप से जल वितरित करती है।
5. फसलों पर हल्की पानी की सिचाई से उनकी सुरक्षा होती है, और वे सूखने या जलभराव से बचती हैं।
6. पानी का छिड़काव कीटों के विकास को नियंत्रित करने में मदद करता है।
7. स्प्रिंकलर प्रणाली से मिट्टी की गुणवत्ता और संरचना में सुधार होता है, जिससे फसलों की वृद्धि में मदद मिलती है।
पावर टिलर
पावर टिलर एक कृषि यंत्र है जो खेतों में मिट्टी को जुताई के लिए उपयोग किया जाता है। यह एक शक्तिशाली उपकरण है जो छोटे और मध्यम आकार के खेतों में अधिकतम कार्यक्षमता के लिए डिजाइन किया गया है। पावर टिलर का उपयोग जुताई, मिट्टी को भुरभुरा करने, और विभिन्न कृषि कार्यों के लिए किया जाता है।
कंपनी: महिंद्रा, सुमन, किर्लोस्कर, सोनालिका, क्लैस
पावर टिलर की कीमत:
1. छोटे पावर टिलर (5-10 HP): कीमत: ₹30,000 - ₹80,000
2. मध्यम पावर टिलर (10-15 HP): कीमत: ₹80,000 - ₹1,50,000
3. बड़े पावर टिलर (15-25 HP): कीमत: ₹1,50,000 - ₹3,00,000 या उससे अधिक
भारत सरकार द्वारा पावर टिलर पर सब्सिडी
कृषि मशीनीकरण पर उप मिशन (एसएमएएम) योजना के अंतर्गत पावर टिलर पर सब्सिडी दो श्रेणियों में उपलब्ध है। इसमें 8 बीएचपी और 11 बीएचपी तक के पावर टिलर के लिए अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), छोटे किसान, श्रमिक किसान और महिलाओं को पावर टिलर की लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 1 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। वहीं, अन्य किसानों को 40 प्रतिशत सब्सिडी या अधिकतम 80,000 रुपए का अनुदान प्राप्त होगा।
स्प्रिंकलर के कृषि में उपयोग के फायदे :
1. पावर टिलर खेत की तेजी से जुताई करता है, जिससे समय की बचत होती है।
2. यह मशीन श्रमिकों की आवश्यकता को कम करती है, जिससे श्रमिक लागत में कमी आती है।
3. पावर टिलर मिट्टी को अच्छे से भुरभुरा करता है, जिससे पौधों के लिए अनुकूल वातावरण मिलता है।
4. पावर टिलर को जुताई, खरपतवार नियंत्रण, और मिट्टी की तैयारी के लिए उपयोग किया जा सकता है।
5. यह विभिन्न प्रकार की मिट्टी में प्रभावी ढंग से काम करता है, चाहे वह चिकनी हो या बलुई।
6. सही ढंग से जुताई करने से मिट्टी में जल का संरक्षण होता है, जिससे सूखे के समय में मदद मिलती है।
7. पावर टिलर खरपतवारों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने में मदद करता है।
8. पावर टिलर के उपयोग से कृषि कार्यों की लागत कम होती है, जिससे किसानों को आर्थिक लाभ होता है।
ड्रिप सिंचाई प्रणाली
ड्रिप सिंचाई प्रणाली एक अत्याधुनिक सिंचाई विधि है जिसमें पानी को सीधे पौधों की जड़ों तक बूँद-बूँद कर पहुँचाया जाता है। यह प्रणाली पानी की दक्षता और फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए डिज़ाइन की गई है, और इसे छोटे से लेकर बड़े खेतों तक में उपयोग किया जा सकता है।
कंपनी: नेटाफिम,जैन इरीगेशन, रेन बर्ड, हंटर इंडस्ट्रीज
ड्रिप सिंचाई प्रणाली की कीमत:
1. छोटे खेतों के लिए ड्रिप सिंचाई प्रणाली (1-2 एकड़): कीमत: ₹30,000 - ₹60,000
2. मध्यम खेतों के लिए ड्रिप सिंचाई प्रणाली (2-5 एकड़): कीमत: ₹60,000 - ₹1,50,000
3. बड़े खेतों के लिए ड्रिप सिंचाई प्रणाली (5 एकड़ से अधिक): कीमत: ₹1,50,000 - ₹5,00,000 या उससे अधिक
भारत सरकार द्वारा ड्रिप सिंचाई प्रणाली पर सब्सिडी
किसानों को राज्य सरकार की ओर से ड्रिप सिंचाई सिस्टम लगाने के लिए 90 प्रतिशत तक अनुदान का लाभ दिया जा रहा है। इसके तहत किसान को केवल 10 प्रतिशत राशि का निवेश करना होगा। एक अनुमान के अनुसार, एक एकड़ भूमि पर ड्रिप सिंचाई सिस्टम की स्थापना में लगभग 65,827 रुपए की लागत आती है। इसमें से लाभार्थी किसान को 90 प्रतिशत अनुदान, यानी 59,244 रुपए की सब्सिडी प्राप्त होगी। इस प्रकार, किसान को केवल 10 प्रतिशत राशि, यानि 6,583 रुपए ही खर्च करने होंगे। इस तरह, किसान अपने खेत में ड्रिप सिंचाई सिस्टम को बहुत ही कम लागत पर स्थापित कर सकते हैं।
ड्रिप सिंचाई प्रणाली के कृषि में उपयोग के फायदें:
1. ड्रिप सिंचाई प्रणाली पानी की बूँद-बूँद कर आपूर्ति करती है, जिससे जल का अधिकतम उपयोग होता है और बर्बादी कम होती है।
2. पानी सीधे पौधों की जड़ों तक पहुँचता है, जिससे फसलों को उनकी जरूरत के अनुसार सटीक मात्रा में पानी मिलता है।
3. यह प्रणाली पानी की बचत करती है और सूखे की स्थिति में फसलों को पानी की पूर्ति करती है।
4. इस प्रणाली के उपयोग से खेतों में पानी केवल पौधों के चारों ओर ही जाता है, जिससे खरपतवारों की वृद्धि कम होती है।
5. ड्रिप सिंचाई प्रणाली से पानी धीरे-धीरे और समान रूप से वितरित होता है, जिससे मिट्टी का कटाव कम होता है।
6. पानी और ऊर्जा की बचत से कुल सिंचाई की लागत कम होती है, जिससे किसानों को आर्थिक लाभ होता है।
7. ड्रिप सिंचाई प्रणाली मिट्टी की संरचना और गुणवत्ता को बनाए रखती है, जिससे फसलों की पैदावार में वृद्धि होती है।
8. इस प्रणाली के द्वारा सिंचाई की प्रक्रिया स्वतः हो जाती है, जिससे श्रम की आवश्यकता कम होती है और खेती के अन्य कार्यों के लिए समय मिलता है।
कृषि ड्रोन
कृषि ड्रोन एक प्रकार का अनमैन्ड एरियल व्हीकल (UAV) है जो खेतों में फसलों की निगरानी, कीटनाशकों और उर्वरकों के छिड़काव, तथा डेटा संग्रहण के लिए उपयोग किया जाता है। ये ड्रोन कृषि गतिविधियों को अधिक प्रभावी और कुशल बनाने में मदद करते हैं।
कंपनी: DJI, स्काईफी, एरोप्लान
कृषि ड्रोन की कीमत:
1. बेसिक मॉडल (छोटे आकार के ड्रोन): कीमत: ₹30,000 - ₹1,00,000
2. मध्यम आकार के ड्रोन (उपकरण और डेटा संग्रहण के साथ): कीमत: ₹1,00,000 - ₹3,00,000
3. उन्नत ड्रोन (विशेषीकृत फसल निगरानी और बड़े छिड़काव क्षमताओं के साथ): कीमत: ₹3,00,000 - ₹10,00,000 या उससे अधिक
भारत सरकार द्वारा कृषि ड्रोन पर सब्सिडी
1. राज्य सरकार की कृषि यंत्र अनुदान योजना (Agricultural Machinery Subsidy Scheme) के तहत किसानों को खेती के लिए कृषि ड्रोन खरीदने पर विभिन्न वर्गों और संस्थाओं के लिए अलग-अलग दरों पर अनुदान प्रदान किया जाएगा।
2. व्यक्तिगत श्रेणी में, लघु और सीमांत किसान, महिला किसान, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को ड्रोन की खरीद पर 50 प्रतिशत या अधिकतम 5,00,000 रुपए की सब्सिडी मिलेगी।
3. इसके अलावा, अन्य वर्गों के किसानों और कस्टम हायरिंग केंद्रों के संचालकों को कृषि ड्रोन की कीमत का 40 प्रतिशत या अधिकतम 4,00,000 रुपए का अनुदान दिया जाएगा।
4. किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के लिए, ड्रोन की कीमत का 75 प्रतिशत या अधिकतम 7,50,000 रुपए का अनुदान उपलब्ध होगा।
कृषि ड्रोन के कृषि में उपयोग के फायदें:
1. कृषि ड्रोन फसलों की स्थिति और स्वास्थ्य की निगरानी करने में सक्षम होते हैं, जिससे किसान तुरंत समस्याओं का पता लगा सकते हैं।
2. कृषि ड्रोन की मदद से कीटनाशक और उर्वरक को समान रूप से छिड़काव किया जा सकता है।
3. ड्रोन, मिट्टी की नमी, तापमान, और अन्य जलवायु डेटा प्रदान करते हैं, जिससे सिंचाई और फसल प्रबंधन को बेहतर बनाया जा सकता है।
4. ड्रोन की सहायता से कई कृषि कार्यों को स्वचालित रूप से किया जा सकता है, जिससे श्रम की आवश्यकता कम होती है।
5. डेटा के माध्यम से कृषि ड्रोन मिट्टी की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करते हैं।
6. बड़े खेतों की निगरानी करने के लिए ड्रोन का उपयोग आसान होता है, जिससे खेती के कार्यों को कुशलता से प्रबंधित किया जा सकता है।
स्प्रेयर पंप
स्प्रेयर पंप एक कृषि यंत्र है जिसका उपयोग फसलों पर कीटनाशक, फफूंदनाशक, खरपतवारनाशक, उर्वरक, और अन्य दवाओं को छिड़कने के लिए किया जाता है। यह पंप पेस्टीसाइड को उच्च दबाव में स्प्रे करता है, जिससे फसलों पर समान रूप से छिड़काव होता है और पौधों की सुरक्षा और वृद्धि सुनिश्चित होती है।
कंपनी: पेड क्रॉप, बलवान, नेपच्यून, शक्तिमान
स्प्रेयर पंप की कीमत:
1. हैंड स्प्रेयर पंप: कीमत: ₹1,000 - ₹3,000
2. मोटोरीज़्ड स्प्रेयर पंप: कीमत: ₹10,000 - ₹40,000
3. ट्रैक्टर-माउंटेड स्प्रेयर पंप: कीमत: ₹50,000 - ₹1,50,000 या उससे अधिक
भारत सरकार द्वारा स्प्रेयर पंप पर सब्सिडी
सरकार द्वारा स्प्रेयर मशीन पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी प्रदान की जाती है। इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े वर्ग और महिला किसानों को प्राथमिकता दी जाती है, जिन्हें 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी का लाभ मिलता है। सामान्य किसानों के लिए स्प्रेयर मशीन पर 40 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाती है।
कृषि ड्रोन के कृषि में उपयोग के फायदें:
1. स्प्रेयर पंप फसलों पर कीटनाशक और उर्वरक को सटीकता से छिड़कने में मदद करते हैं।
2. इन पंपों के माध्यम से पानी और रासायनिक सामग्री का प्रभावी उपयोग होता है, जिससे जल की बचत होती है।
3. स्प्रेयर पंप का उपयोग करते समय, किसानों के समय की बचत होती है, क्योंकि ये तेजी से और कुशलता से कार्य करते हैं।
4. स्प्रेयर पंप द्वारा उर्वरक का समान वितरण फसलों की गुणवत्ता को बढ़ाता है।
5. मैन्युअल कार्य की तुलना में, स्प्रेयर पंप का उपयोग श्रम की आवश्यकता को कम करता है।
6. पंप के माध्यम से नियमित और सही छिड़काव के माध्यम से फसलों का उत्पादन बढ़ता है।
सारांश:
1. आधुनिक कृषि उपकरणों का उपयोग कृषि कार्यों को आसान और कुशल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
2. इन उपकरणों की सहायता से न केवल कार्य की गति में वृद्धि होती है, बल्कि श्रम लागत और समय की भी बचत होती है।
3. भारत सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सब्सिडी भी किसानों को इन उपकरणों को अपनाने में प्रोत्साहित करती है। इस लेख में उल्लेखित उपकरणों का सही उपयोग करने से किसानों को उत्पादन में वृद्धि और बेहतर लाभ मिल सकता है।
4. आधुनिक कृषि उपकरणों की तकनीकी प्रगति से कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति आ रही है, जिससे किसानों के लिए अवसर बढ़ रहे हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
1. आधुनिक कृषि उपकरण क्या होते हैं?
उत्तर: ये उन्नत यांत्रिक उपकरण हैं जो खेती को अधिक कुशल और समय-संवेदनशील बनाते हैं।
2. रोटावेटर का उपयोग किसलिए किया जाता है?
उत्तर: रोटावेटर का उपयोग मिट्टी की जुताई और खेत की तैयारी के लिए किया जाता है।
3. पावर टिलर क्या होता है?
उत्तर: पावर टिलर एक छोटा, बहुउद्देश्यीय खेती उपकरण है जो जुताई और बुवाई के लिए उपयोग होता है।
4. स्प्रिंकलर प्रणाली कैसे काम करती है?
उत्तर: स्प्रिंकलर प्रणाली पानी को छोटे-छोटे बूँदों में फसलों पर छिड़कती है, जिससे सिंचाई होती है।
5. ड्रिप सिंचाई प्रणाली क्या है?
उत्तर: ड्रिप सिंचाई प्रणाली पानी और उर्वरक को फसलों की जड़ों तक पहुंचाने का कुशल तरीका है।
6. आधुनिक कृषि उपकरणों की कीमत क्या होती है?
उत्तर: इनकी कीमतें उपकरणों के प्रकार, क्षमता और ब्रांड पर निर्भर करती हैं, जो ₹1,000 से लेकर ₹20,00,000 तक हो सकती हैं।
7. क्या भारत सरकार आधुनिक कृषि उपकरणों पर सब्सिडी देती है?
उत्तर: हाँ, विभिन्न योजनाओं के तहत सरकार सब्सिडी प्रदान करती है।
8. हार्वेस्टर की कीमत क्या होती है?
उत्तर: हार्वेस्टर की कीमत ₹2,00,000 से ₹15,00,000 या इससे अधिक हो सकती है।
9. स्प्रेयर पंप की कीमत क्या होती है?
उत्तर: स्प्रेयर पंप की कीमत ₹1,000 से ₹1,50,000 तक हो सकती है, उपकरण के प्रकार पर निर्भर करता है।
लेखक
BharatAgri Krushi Doctor