Shimla Mirch Ki Kheti

Shimla Mirch Ki Kheti: शिमला मिर्च की खेती

शिमला मिर्च (Capsicum annuum) एक लोकप्रिय सब्जी है, जिसे देश के विभिन्न हिस्सों में उगाया जाता है। इसकी खेती मुख्य रूप से सब्जियों के लिए की जाती है, और यह कई रंगों में आती है जैसे हरा, लाल, और पीला। शिमला मिर्च में विटामिन सी, विटामिन ए, और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो इसे पोषण से भरपूर बनाते हैं। शिमला मिर्च की खेती से किसानों को अच्छा आर्थिक लाभ प्राप्त होता है। इसकी फसल खुले और संरक्षित खेती दोनों तरीकों से की जा सकती है।


भारत में शिमला मिर्च की खेती -

शिमला मिर्च की खेती भारत के विभिन्न हिस्सों में की जाती है, जैसे हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, और महाराष्ट्र। इन राज्यों की जलवायु शिमला मिर्च की खेती के लिए अनुकूल है।


खेती का समय -

शिमला मिर्च की खेती का समय मुख्य रूप से जलवायु और क्षेत्र पर निर्भर करता है। गर्म इलाकों में इसकी बुवाई फरवरी-मार्च में की जाती है, जबकि ठंडे इलाकों में अप्रैल-मई में बुवाई की जाती है। शरद ऋतु के मौसम में भी इसकी खेती की जा सकती है, जिसकी बुवाई जून-जुलाई में होती है।


मौसम और जलवायु -

शिमला मिर्च की खेती के लिए 20°C से 25°C के बीच का तापमान आदर्श माना जाता है। इसे ठंडे और हल्के गर्म मौसम में अच्छी तरह से उगाया जा सकता है। ज्यादा गर्मी या ठंडक फसल के विकास को प्रभावित कर सकती है, इसलिए मध्यम जलवायु वाली जगहों में इसकी खेती सर्वोत्तम होती है।


खेत की तैयारी -

शिमला मिर्च की खेती के लिए खेत की अच्छी तरह से जुताई आवश्यक होती है। 2-3 बार गहरी जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बना लेना चाहिए। साथ ही, मिट्टी में पर्याप्त जैविक खाद जैसे गोबर की खाद मिलाकर मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाना चाहिए। खेत में पानी की निकासी की भी व्यवस्था होनी चाहिए।


शिमला मिर्च की खेती के लिए मिट्टी -

शिमला मिर्च की खेती के लिए हल्की दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। मिट्टी का पीएच स्तर 6.0 से 7.0 के बीच होना चाहिए। अच्छी जल धारण क्षमता वाली मिट्टी में शिमला मिर्च की फसल का विकास तेजी से होता है। मिट्टी में पर्याप्त जैविक पदार्थ होना भी आवश्यक है।


शिमला मिर्च की किस्म -

👉सिजेंटा इंद्रा शिमला मिर्च - इस किस्म के मध्यम से बड़े आकार के फल, जो पकने पर चमकदार लाल रंग के होते हैं।फलों की त्वचा सख्त और टिकाऊ होती है, जो उन्हें लंबे समय तक स्टोर करने में मदद करती है। फसल की उच्च उपज और अच्छी गुणवत्ता।

👉शाइन कनिका शिमला मिर्च - फल छोटे से मध्यम आकार के होते हैं, जो लाल रंग के होते हैं। फलों की त्वचा मोटी और मांसल होती है, जिससे इसका स्वाद और गुणवत्ता अच्छा रहता है। उच्च फसल उपज और अच्छी शेल्फ लाइफ।

👉वीएनआर सुपर वंडर शिमला मिर्च - बड़े आकार के फल, जो पकने पर लाल रंग के होते हैं। फलों का स्वाद अच्छा और मांसल होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है, खासकर कीटों और रोगों के प्रति।

👉बीएएसएफ स्वर्णा शिमला मिर्च - मध्यम से बड़े आकार के फल, जो हरे से लाल रंग में बदलते हैं। फलों की त्वचा मजबूत और अच्छी गुणवत्ता की होती है।उच्च उपज और शानदार रंग और स्वाद। रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है, विशेषकर वायरस और बैक्टीरिया के खिलाफ।

👉इंडस रेड 1514 शिमला मिर्च - बड़े, सुंदर और चमकदार लाल रंग के फल। फलों की मांसलता और स्वाद उत्कृष्ट होते हैं। उच्च उपज और रोगों के प्रति प्रतिरोध। अच्छी शेल्फ लाइफ और लंबे समय तक ताजगी बनाए रखने की क्षमता।

👉कलस आशा एफ1 शिमला मिर्च - फल मध्यम से बड़े आकार के होते हैं, जो हरे से लाल रंग में बदलते हैं। फलों की त्वचा सख्त और मांसल होती है, जो अच्छी गुणवत्ता और स्वाद देती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है, विशेषकर कीटों और आम रोगों के प्रति। उच्च उपज और लंबे समय तक स्टोर की जा सकने वाली शेल्फ लाइफ।


शिमला मिर्च की खेती के बीजदर प्रति एकड़ अनुसार -

शिमला मिर्च की खेती के लिए प्रति एकड़ 70 से 100  ग्राम बीज की आवश्यकता होती है। पौध तैयार करने के लिए 10-15 वर्गमीटर क्षेत्र में नर्सरी बनाई जा सकती है। नर्सरी में तैयार पौधों को 25-30 दिन बाद खेत में रोपा जाता है।


पौधों की रोपाई और दूरी -

शिमला मिर्च के पौधों की रोपाई 25-30 दिन की नर्सरी तैयार होने के बाद की जाती है। पौधों के बीच की दूरी 45-60 सेंटीमीटर और कतारों के बीच की दूरी 60-75 सेंटीमीटर रखनी चाहिए। इससे पौधों को उचित बढ़वार मिलती है और फसल अच्छी होती है।


खाद और उर्वरक की मात्रा -

शिमला मिर्च की खेती में प्रति एकड़ 10-15 टन गोबर की खाद या जैविक खाद का उपयोग करना चाहिए। इसके साथ ही 40 किलो नाइट्रोजन, 20 किलो फॉस्फोरस और 30 किलो पोटाश का प्रयोग किया जाता है। नाइट्रोजन को दो भागों में विभाजित कर एक बार रोपाई के समय और दूसरा टॉप ड्रेसिंग के रूप में फसल के बढ़ने पर दिया जाता है।


शिमला मिर्च में प्रमुख कीटों की समस्या -

कीटों की समस्या 

कीटनाशक का उपयोग 

उपयोग मात्रा/एकड़ 

थ्रिप्स 

बायर कॉन्फिडोर कीटनाशक

100 मिली प्रति एकड़ 

सफेद मक्खी 

यूपीएल उलाला कीटनाशक  

60 ग्राम प्रति एकड़ 

मकड़ी 

बायर ओबेरॉन कीटनाशक

150 मिली प्रति एकड़ 

माहू 

सिंजेटा अलिका कीटनाशक 

80 मिली प्रति एकड़ 

लीफ माइनर 

नागार्जुन प्रोफेक्स सुपर 

400 मिली प्रति एकड़ 

टोबैको कैटरपिलर 

धानुका ईएम-1 कीटनाशक  

80 ग्राम प्रति एकड़ 

फल छेदक कीट 

एफएमसी कोराजन कीटनाशक 

60 मिली प्रति एकड़ 


शिमला मिर्च में प्रमुख रोगों की समस्या -

रोगों की समस्या 

फफूंदनाशी का उपयोग 

उपयोग मात्रा/एकड़ 

झुलसा रोग 

बीएएसएफ कैब्रियो टॉप फफूंदनाशी 

450 मिली प्रति एकड़ 

पाउडरी मिल्ड्यू

इंडोफिल अवतार फफूंदनाशी 

300 ग्राम प्रति एकड़ 

बैक्टीरियल विल्ट

धानुका कोनिका फफूंदनाशी 

500 ग्राम प्रति एकड़ 

डाउनी मिल्ड्यू

सिंजेन्टा अमिस्टार टॉप फफूंदनाशी 

200 मिली प्रति एकड़ 

एन्थ्रेक्नोज

बायर एंट्राकोल फफूंदनाशी 

400 ग्राम प्रति एकड़ 

रुट रॉट 

बायोस्टेड रोको फफूंदनाशी 

300 ग्राम प्रति एकड़ 

लीफ स्पॉट 

धानुका स्पेक्ट्रम फफूंदनाशी 

300 मिली प्रति एकड़ 

कॉलर रॉट 

यूपीएल साफ फफूंदनाशी  

300 ग्राम प्रति एकड़ 


शिमला मिर्च की तुड़ाई और समय -

शिमला मिर्च की कटाई पौधों में फल लगने के 60-70 दिनों के बाद की जाती है। कटाई का समय प्रायः 2-3 महीने होता है और फल को अच्छे से विकसित होने के बाद ही तोडा जाता है।


शिमला मिर्च की फसल प्रति एकड़ उत्पादन -

शिमला मिर्च की अच्छी देखरेख और समुचित कृषि तकनीकों का पालन करने पर प्रति एकड़ 80-100 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।


सारांश -

1. शिमला मिर्च की खेती किसानों के लिए लाभकारी है, जो अच्छे बाजार और सही तकनीक का अनुसरण करके की जा सकती है। 

2. इसके लिए सही जलवायु, मिट्टी की तैयारी, और उर्वरक प्रबंधन महत्वपूर्ण है। शिमला मिर्च की खेती में सही किस्म और बीज चयन से बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। 

3. यदि सही कीट और रोग नियंत्रण किया जाए, तो शिमला मिर्च की फसल से उच्च उत्पादन संभव है।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न -

1. भारत में शिमला मिर्च की खेती कौन से राज्यों में की जाती है?

उत्तर - हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, और महाराष्ट्र।

2. शिमला मिर्च की खेती के लिए किस तरह की मिट्टी उपयुक्त है?

उत्तर - हल्की दोमट मिट्टी, पीएच स्तर 6.0 से 7.0 के बीच।

3. शिमला मिर्च की प्रमुख किस्में कौन-कौन सी हैं?

उत्तर - सिजेंटा इंद्रा, शाइन कनिका, वीएनआर सुपर वंडर, बीएएसएफ स्वर्णा, इंडस रेड 1514, कलस आशा एफ1।

4. एक एकड़ में शिमला मिर्च के लिए कितने बीज की आवश्यकता होती है?

उत्तर - 70 से 100 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

5. शिमला मिर्च के पौधों की रोपाई की दूरी क्या होनी चाहिए?

उत्तर - पौधों के बीच 45-60 सेंटीमीटर और कतारों के बीच 60-75 सेंटीमीटर।

6. शिमला मिर्च में प्रमुख कीटों के लिए कौन से कीटनाशक उपयोगी हैं?

उत्तर - थ्रिप्स: बायर कॉन्फिडोर, सफेद मक्खी: यूपीएल उलाला, मकड़ी: बायर ओबेरॉन।

7. शिमला मिर्च में प्रमुख रोगों के लिए कौन से फफूंदनाशक उपयोग किए जाते हैं?

उत्तर - झुलसा रोग: बीएएसएफ कैब्रियो टॉप, पाउडरी मिल्ड्यू: इंडोफिल अवतार।



लेखक

BharatAgri Krushi Dukan


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