Sagwan ki kheti

Sagwan ki kheti: सागवान की खेती से मिलता है करोड़ों का मुनाफा

नमस्कार किसान भाइयों, स्वागत है BharatAgri Krushi Dukan वेबसाइट पर। आज हम सागवान की खेती (Sagwan farming) की रोपाई से कटाई तक की सम्पूर्ण जानकारी इस लेख में जानेंगे। यदि आप ऐसी स्मार्ट खेती करके करोड़ों का मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा। 

सागवान पेड़ (Teak plant) एक उष्णकटिबंधीय कठोर लकड़ी की प्रजाति है और यह लैमिएसी परिवार से संबंधित है। यह भारत की सबसे मूल्यवान और उच्च कीमत वाली लकड़ी की फसल है। यह एक पर्णपाती ऊँचा पेड़ होता है, जिसकी ऊँचाई 40 मीटर तक हो सकती है और इसकी शाखाएं धूसर से भूरे रंग की होती हैं। भारत में, सागवान का वृक्षारोपण 1842 में हुआ था और केरल राज्य के चाटू मेनन जगह को "फादर ऑफ इंडियन टिक प्लांटेशन" के रूप में जाना जाता है। यह सबसे महत्वपूर्ण कठोर लकड़ी है और इसका उपयोग (Uses of teak) फर्नीचर बनाने, प्लाईवुड, सभी प्रकार के निर्माण के खंभे, जहाज निर्माण आदि में किया जाता है।


मौसम -

सागवान की बुवाई के लिए मानसून से पहले का समय सबसे उपयुक्त माना जाता है। इस मौसम में पौधा तेजी से बढ़ता है जब उसे लगाया जाता है। शुरुआती सालों में, साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है।

जलवायु/मौसम

तापमान 

बारिश 

रोपाई समय तापमान 

कटाई समय तापमान 

10-45°C

1200-2500 mm

30-35°C

10-45°C

 

जमीन -

सागवान पेड़ की अच्छी वृद्धि के लिए बरसात/सिंचाई जल निकासी (ड्रेनेज) वाली गहरी और उपजाऊ मिट्टी की आवश्यकता होती है। सागवान की रोपाई (Teak cultivation) के लिए जमीन का pH स्तर 6.5 से अधिक होना चाहिए। यदि pH स्तर 6.5 से कम हो, तो पेड़ की वृद्धि अच्छी तरह से नहीं होती। 

 

सागवान की खेती के लिए जमीन कैसे तैयार करें? 

मई महीने में जमीन की दो बार अच्छी गहराई से जुताई करें और रोटावेटर/ कल्टीवेटर की मदद से मिट्टी को तरह भुरभुरा बना लें। खेत में पानी जमा होने से बचाने के लिए मिट्टी को समतल भी करें। 

 

सागवान की बेस्ट किस्म | Best Varieties of Teak -

विशेषज्ञों के अनुसार सागवान की पांच सबसे अच्छी किस्में होती हैं-

1. कोनी सागौन
2. वेस्ट अफ्रीकन सागवान  
3. गोधावरी सागौन 
4. साउथ एंड सेंट्रल अमेरिका सागवान 
5. नीलांबुर या मालाबार सागौन 

 

सागवान की रोपाई कैसे करें?

सागवान के लिए खेत में बुवाई या रोपाई के कुछ आसान चरणों में समझा जा सकता है। यहां हम उन्हीं के बारे में बता रहे हैं-

👉सागवान बीज उपचार

बीज को अच्छी तरह से साफ पानी से धो लेना बाद में यह बीज गर्म पानी (50°C) में 12 घंटे भिगोकर बाद में 12 घंटे सुखाने के लिए छाव में रखें इस कारण बीज में अंकुरण बढ़ाने में मदद होगी। 

👉अथवा 

बीज को क्रिस्टल बाविस्टिन (कार्बेन्डाजिम 50% डब्ल्यूपी) फफूंदनाशी 3 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपयोग करें।

👉नर्सरी विधि

पॉलिथीन बैग या बेड पर आप एक नर्सरी बना सकते हैं। मिट्टी: रेत: गोबर खाद को एक समान मिलाकर 10 x 20 सेमी के पॉलिथीन बैग में भरें, और बाद में बीज लगा दें। बेड पर पौधे तैयार करने के लिए 12 मीटर लंबाई और 1 मीटर चौड़ाई के बेड को बनाएं, और 10 सेमी. की अंतर में 5 सेमी. गहराई पर खोल बीज  बोये। इस प्रक्रिया के बाद, एक साल में पौधे अच्छी तरह से तैयार हो जाते हैं।

👉रोपाई विधि 

सागवान रोपाई के लिए लगभग 500 देशी पोंधे/टिशू कल्चर पोंधे प्रति एक एकड़ लगाए।  जून में बारिश शुरू होने के बाद 8 x 10 फीट की दूरी पर 30 x 30 x 30 या 45 x 45 x 45 सेमी के गड्ढे खोदें और उसमें 10 से 15 किलो सड़ी गोबर खाद, 10 ग्राम कार्बोफ्यूरान 3%, कुछ अन्य पेड़ों के सूखे पत्ते, और 500 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट मिलाएं। और बाद में स्टंप लगा दीजिए। रोपण के बाद इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि स्टेम के पास पानी जमा न हो।

 

पानी और खाद प्रबंधन -

अब हम जानेंगे कि सागवान की खेती के लिए पानी और खाद कैसे देना चाहिए। इस प्रक्रिया को सही तरीके से करने से पेड़ों की अच्छी बढ़त होती है और वे स्वस्थ रहते हैं।

आपको सागवान पौधों (sagwan tree) को पहले साल अगस्त या सितंबर माह में 50 ग्राम 15:15:15 एनपीके/पौधा खाद देना है और हर साल 50 ग्राम खाद बढ़ाकर 5 साल तक खाद देना।

सागवान की खेती के लिए बारिश के मौसम में पानी देने की जरूरत नहीं होती। आपको केवल गर्मी और सर्दी के मौसम में मिट्टी की नमी चेक करके पानी देना चाहिए।


सागवान में खरपतवार नियंत्रण करके कमाए करोड़ का मुनाफा -

सागवान के खेत में जमीन के ऊपर डॉ. बैक्टोज कॉम्बो - एनपीके बैक्टीरिया को 2 लीटर 100 किलो गोबर खाद में मिलाकर छिड़कें। इसके बाद, खरपतवार को रोटावेटर की मदद से मिट्टी में मिक्स करें। इस कारण खरपतवार मिट्टी के अंदर अच्छी तरह से सड़कर डी-कंपोस्ट हो जाएगा। ऐसा करने से हमारी जमीन भी अच्छी रहेगी और कचरा भी खत्म होगा।

एक एकड़ में लगभग 500 पेड़ होते हैं, तो इन पेड़ों के बीच में आने वाले खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए राउंड अप - 100 मिली या सुमिटोमो एक्सेल ग्लाइसेल - 200 मिली को 15 लीटर पानी के पंप में मिलाकर छिड़काव करें। परंतु एक बात ध्यान रखें, जब पौधे छोटे होते हैं, तो पौधों पर दवा गिरने न दें।

 

कीट और रोग नियंत्रण -

सागवान की खेती में कीट और रोग नियंत्रण के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने की जरूरत होती है। यहां कुछ प्रमुख बातें दी गई हैं जो आपको कीट और रोग नियंत्रण में मदद कर सकती हैं:

सागवान में कीड़ों में दीमक (Termites) और तना छेदक (Stem Borer) का हमला देखा जाता है। इनकी रोकथाम के लिए 'हमला 550' कीटनाशक को 3-5 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर प्रत्येक पौधे को 40-50 मिली ड्रेंचिंग करें। पत्ते खाने वाली इल्ली (Caterpillar) के लिए 'हमला 550' कीटनाशक को 2 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

सागवान के खेत में रोगों में पाउडरी मिल्ड्यू (Powdery Mildew) की रोकथाम के लिए 'सिंजेंटा स्कोर' (डाइफेनोकोनाज़ोल 25% ईसी) कवकनाशी को 15 मिली प्रति 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। जड़ सड़न (Root Rot) की रोकथाम के लिए क्रिस्टल ब्लू कॉपर (कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50% डब्लूपी) कवकनाशी को 50 ग्राम प्रति 15 लीटर पानी में मिलाकर ड्रेंचिंग करें।

 

सागवान की कटाई | Teak Harvesting -

👉देशी सागवान का तना 62 से 65 सेमी तक होना चाहिए और यह 28-30 साल में कटाई के लिए तैयार होता है।

👉टिशू कल्चर सागवान का तना 62 से 65 सेमी तक होना चाहिए और यह 8 से 10 साल में कटाई के लिए तैयार होता है।

 

सागवान से कमाए करोड़ों का उत्पादन

👉एक पेड़ की कीमत 30,000 से 35,000 रुपये होती है। 

👉500 पेड़ x 30000 रुपये = 15,000,000 रुपये। 

 

सारांश - 

सागवान की खेती से करोड़ों का मुनाफा कमाने के लिए आपको सबसे पहले अच्छे मौसम में रोपाई करनी चाहिए। इस फसल की वृद्धि के लिए गहरी और उपजाऊ मिट्टी का चयन करें, और खेत को अच्छे से तैयार करें। विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए प्रमुख किस्में चुनें और बुवाई तथा पानी देने की सही तकनीक का पालन करें। सागवान पेड़ों को कीटों और रोगों से बचाने के लिए उचित दवाओं का प्रयोग करें, और समय पर कटाई कर उचित मार्गदर्शन से लाभ प्राप्त करें।

 

किसानों द्वारा अक्सर पूछे जानें वाले प्रश्न -

1. सागवान का पेड़ कितने साल में तैयार होता है? 

उत्तर - देशी पेड़ - 28 से 30 सालों में और टिशू कल्चर पेड़ 8 से 10 सालों तैयार होता है। 

2. सागवान के पौधे की क्या रेट है? 

उत्तर - सागवान का एक पौधे का रेट 30000 से 40000 रुपये है। 

3. सागवान की लकड़ी कितने रुपए घन मीटर जाती है?

उत्तर - सागवान की लकड़ी (teak wood tree) 25000 से 5000 रुपये घनमीटर जाती है?

4. एक पेड़ की कीमत कितनी है? 

उत्तर - एक पेड़ की कीमत 30000 से 40000 रुपये है। 

 

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लेखक - 

भारतअग्रि कृषि एक्सपर्ट


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