टमाटर के झुलसा रोग

टमाटर के अगेती एवं पछेती झुलसा रोग का नियंत्रण करें, 30% तक नुकसान घटाएं!

नमस्कार किसान भाइयो आज के लेख में हम आपको टमाटर में लगने वाले झुलसा रोग के बारे में बताने वाले है। आपको बताना चाहता हूँ,कि झुलसा रोग की दिक्कत रबी मौसम की प्रमुख फसले टमाटर, आलू, मिर्च, बैगन, सरसो जैसी फसलों में देखा गया है। अगर इस रोग का अच्छे से देख भाल नहीं किया गया तो खड़ी की खड़ी फसल को यह रोग खत्म कर देता है। आइये अब हम जानते है, टमाटर के झुलसा रोग की पहचान, टमाटर के झुलसा रोग के नुकसान और टमाटर के झुलसा रोग नियंत्रण के बारे में जानते है। 

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टमाटर के झुलसा रोग की पहचान | Tomato blight diagnosis in Hindi

झुलसा रोग की दिक्कत अधिक ठण्ड पड़ने से और भी बढ़ता है यदि उसका सही से नियंत्रण नहीं किया गया तो झुलसा रोग में पत्तिया,तने,फूल और फल पर हलके भूरे रंग के धब्बे या स्पॉट बनते है, फिर अधिक प्रकोप होने पर पत्तिया आग से जली हुई दिखाई देती हे और बाद में पूरा पौधा मर जाता है।,झुलसा रोग का लक्षण दो तरह के दिखाई देते है - 

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टमाटर के अगेती झुलसा रोग की पहचान | Tomato Early Blight Diagnosis in Hindi

अगेती झुलसा रोग अल्टरनेरिया सोलेनाई नाम के कवक के कारण होता है। इस रोग के लक्षण फसल बुवाई के 3 से 4 सप्ताह बाद यानि नवम्बर - दिसंबर तक देखने को मिलता है,सर्वप्रथम इस रोग के लक्षण पौधे की निचली पत्तियों पर देखने को मिलते है अगर पत्तियों की सतह को ध्यान से देखा जाये तो छोटे - छोटे भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते हैं,जो अधिक संक्रमण होने पर  नीचे की पत्तियों पर से रोग ऊपर की ओर बढ़ता है और  जिनमें बाद में चक्रदार रेखाएं दिखाई देती है। इस रोग की वजह से कंद और फल का आकार सही से नहीं बनता है और फसल में प्रकाश संश्लेषण किया बाधित हो जाती है। 

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टमाटर के अगेती झुलसा रोग का नियंत्रण | Tomato Early Blight Treatment Tips in Hindi 

  • फसल की सही समय पर बुवाई करनी चाहिए। 
  • रोगरोधी किस्मो का उपयोग करना चाहिए। 
  • अधिक सिचाई से बचे। 
  • कुछ रासायनिक कवकनाशी जो बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाता है,उनका उपयोग कर सकते है,जैसे - मैनकोज़ेब 75% डब्ल्यू पी - 600-800 ग्राम/एकड/200 लीटर पानी ,हेक्साकोनाज़ोल 4% + ज़िनेब 68% WP- 400 ग्राम/एकड/ 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव कर सकते है।   

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टमाटर के पछेती झुलसा रोग की पहचान | Tomato Late Blight Diagnosis in Hindi

टमाटर में पछेती झुलसा रोग (Tamatar Me Pachheti Jhulsa Rog) फाइटोपथोरा नामक कवक के द्वारा होता है। इस रोग की वजह से पौधों की पत्तियां सिरे से झुलसने लगती हैं तथा प्रभावित पत्तियों पर भूरे एवं काले रंग के धब्बे उभरने लगते हैं। पत्तियों के निचली सतह पर सफेद रुई सदृश्य  फफूंद की संरचना नजर आने लगती  हैं। इस रोग के प्रभाव होने पर फसलों की पैदावार में कमी आती है और कंदों या फलो के आकार भी छोटा रह जाता है। यह रोग बहुत तेजी से फैलता है और देखते ही देखते कुछ दिनों में पूरी की पूरी फसल नष्ट हो जाती है।

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टमाटर के पछेती झुलसा रोग का नियंत्रण | Late Blight Control of Tomato Tips in Hindi

  • रोगरोधी किस्मो का उपयोग करना चाहिए। 
  • कुछ रासायनिक कवकनाशी जो बाजार में आसानी से उपलब्ध हो जाता है,उनका उपयोग कर सकते है, जैसे - कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोजेब 63% डब्लूपी - 300 ग्राम/एकड/200 लीटर पानी ,हेक्साकोनाज़ोल 5% + कैप्टन 70% डब्ल्यू पी - 400 ग्राम/एकड/ 200 लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव कर सकते है।

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