थायमेथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा-सायहैलोथ्रिन 9.5% ZC कीटनाशक एक उन्नत रसायन है जिसे विभिन्न फसलों में प्रभावी कीट नियंत्रण के लिए विकसित किया गया है। इस मिश्रण में थायमेथोक्साम प्रणालीगत क्रिया करता है और पौधों के अंदर प्रवेश कर उन्हें चूसने वाले कीटों से बचाता है, जबकि लैम्ब्डा-सायहैलोथ्रिन संपर्क और स्टमक क्रिया से कार्य करता है, जिससे कीटों को तेजी से नियंत्रित किया जा सकता है। यह कीटनाशक चूसक कीटों जैसे एफिड, जैसिड, थ्रिप्स, और इल्लियों के नियंत्रण में अत्यंत प्रभावी है, जो फसलों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं। इसका इस्तेमाल कपास, मिर्च, टमाटर, सोयाबीन, मक्का, और मूंगफली जैसी फसलों में किया जाता है। इसकी दोहरी शक्ति प्रणालीगत और संपर्क क्रियाओं से सभी हानिकारक कीटों का तुरंत और दीर्घकालिक नियंत्रण सुनिश्चित करती है।
थायमेथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा-सायहैलोथ्रिन 9.5% जेडसी कीटनाशक की जानकारी
यह कीटनाशक एक दोहरी क्रिया वाले फॉर्मूलेशन पर आधारित है, जो तंत्रिका तंत्र पर काम करता है और कीटों को मारता है। थायमेथोक्साम पौधों में प्रवेश करके चूसक कीटों को खत्म करता है, जबकि लैम्ब्डा-सायहैलोथ्रिन संपर्क और स्टमक क्रिया के माध्यम से कीटों को मारने का काम करता है। इसका असर लंबे समय तक बना रहता है, जिससे फसलें सुरक्षित रहती हैं।
कीटनाशक की फसलों में कार्य विधि
👉प्रणालीगत क्रिया: थायमेथोक्साम पौधों में प्रवेश करता है और पौधों के सभी भागों में फैलकर कीटों को मारता है।
👉संपर्क क्रिया: लैम्ब्डा-सायहैलोथ्रिन सीधे कीटों के संपर्क में आने से उन्हें मारता है।
👉स्टमक क्रिया: यह कीटनाशक कीटों के शरीर में प्रवेश करके उनके तंत्रिका तंत्र को बाधित करता है।
फसलों में उपयोग मात्रा और कीटों का नियंत्रण
यह कीटनाशक फसलों में विभिन्न प्रकार के चूसक कीटों, इल्लियों और बोरर कीटों का प्रभावी नियंत्रण करता है। यह न केवल कीटों को मारता है, बल्कि उनका दोबारा प्रकोप होने से भी रोकता है। इसका इस्तेमाल करने से फसलें कीटों से सुरक्षित रहती हैं और उनकी उपज बढ़ती है।
1. कपास: जैसिड, एफिड, थ्रिप्स, बॉलवर्म कीटों के नियंत्रण के लिए 80 मिली प्रति एकड़ अनुसार उपयोग करें।
2. टमाटर: थ्रिप्स, सफ़ेद मक्खी, फल छेदक कीटों के नियंत्रण के लिए 50 मिली प्रति एकड़ अनुसार उपयोग करें।
3. मिर्च: थ्रिप्स, फल छेदक कीटों के नियंत्रण के लिए 60 मिली प्रति एकड़ अनुसार उपयोग करें।
4. सोयाबीन: तना मक्खी, सेमीलूपर, गर्डल बीटल कीटों के नियंत्रण के लिए 50 मिली प्रति एकड़ अनुसार उपयोग करें।
5. मूंगफली: पत्ती हॉपर, पत्ती खाने वाली इल्ली के नियंत्रण के लिए 60 मिली प्रति एकड़ अनुसार उपयोग करें।
6. मक्का: एफिड, शूट फ्लाई, तना छेदक कीटों के नियंत्रण के लिए 50 मिली प्रति एकड़ अनुसार उपयोग करें।
7. चाय: चाय बग, थ्रिप्स, सेमीलूपर कीटों के नियंत्रण के लिए 60 मिली प्रति एकड़ अनुसार उपयोग करें।
मार्केट के बेस्ट ब्रांड और प्रोडक्ट के नाम
कीटनाशक के नाम |
कंपनी का नाम |
धानुका कंपनी |
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सिंजेंटा कंपनी |
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बीएसीएफ कंपनी |
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ईबीएस कंपनी |
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अक्का कीटनाशक |
आईएफसी कंपनी |
थायमेथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा-सायहैलोथ्रिन 9.5% जेडसी कीटनाशक की उपयोग विधि
इस कीटनाशक को पौधों की सतह पर छिड़काव विधि से लगाया जाता है। प्रति 15 लीटर पंप में 8 मिली कीटनाशक मिलाया जाता है और अच्छी तरह से मिश्रण करने के बाद छिड़काव किया जाता है। यह छिड़काव कीटों के संक्रमण की शुरुआत में किया जाना चाहिए ताकि फसलों को समय पर सुरक्षा प्रदान की जा सके।
फसलों में उपयोग के फायदें
1. यह कीटनाशक प्रणालीगत, संपर्क, और स्टमक क्रिया से कीटों को मारता है।
2. चूसक कीटों और इल्लियों को तुरंत प्रभावी तरीके से नियंत्रित करता है।
3. दोहरी क्रिया प्रणाली होने के कारण यह अधिक व्यापक नियंत्रण प्रदान करता है।
4. यह पौधों के जाइलम के माध्यम से सभी भागों में फैलता है, जिससे पूरे पौधे की सुरक्षा होती है।
5. यह कीटों से उत्पन्न होने वाले रोग और वायरस के प्रसार को भी रोकता है।
6. फसलों के उत्पादन में वृद्धि करता है और गुणवत्ता को बेहतर बनाता है।
सारांश
थायमेथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा-सायहैलोथ्रिन 9.5% जेडसी कीटनाशक किसानों के लिए एक आदर्श समाधान है, जो फसलों पर कीटों के प्रभावी नियंत्रण के लिए उपयोग किया जाता है। इसकी दोहरी क्रिया प्रणाली कीटों को तुरंत और दीर्घकालीन रूप से नियंत्रित करती है। विभिन्न प्रकार की फसलों के लिए इसका उपयोग सुरक्षित और प्रभावी है, जिससे किसानों की उपज बढ़ती है और उनकी आय में सुधार होता है।
अक्सर पूछे जानें वाले प्रश्न:
1. थायमेथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा-सायहैलोथ्रिन 9.5% जेडसी का किन फसलों में उपयोग किया जाता है?
उत्तर - कपास, मिर्च, टमाटर, सोयाबीन, मक्का, और मूंगफली जैसी फसलों में।
2. थायमेथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा-सायहैलोथ्रिन 9.5% जेडसी की मुख्य क्रिया विधि क्या है?
उत्तर - यह प्रणालीगत और संपर्क दोनों प्रकार की क्रियाओं से कीटों को मारता है।
3. थायमेथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा-सायहैलोथ्रिन 9.5% जेडसी किस प्रकार के कीटों पर यह प्रभावी है?
उत्तर - एफिड, जैसिड, थ्रिप्स, इल्लियों, और बोरर कीटों पर।
4. थायमेथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा-सायहैलोथ्रिन 9.5% जेडसी की उपयोग मात्रा क्या है?
उत्तर - प्रति 15 लीटर पानी में 8 मिली कीटनाशक मिलाकर छिड़काव करें।
5. थायमेथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा-सायहैलोथ्रिन 9.5% जेडसी की प्रति एकड़ उपयोग की सही मात्रा क्या है?
उत्तर - कपास के लिए 80 मिली, मिर्च के लिए 60 मिली, और टमाटर के लिए 50 मिली प्रति एकड़।
लेखक: BharatAgri Krushi Doctor
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