rubber farming in india

Rubber Farming: रबर की खेती की सम्पूर्ण जानकारी

रबर की खेती विश्वभर में एक महत्वपूर्ण व्यावसायिक खेती मानी जाती है। रबर का उत्पादन मुख्य रूप से उसके पेड़ से प्राप्त लेटेक्स से होता है, जिसका उपयोग टायर, दस्ताने, फुटवियर, और अन्य उद्योगों में किया जाता है। भारत में रबर की खेती विशेष रूप से दक्षिणी राज्यों में की जाती है, जहाँ उपयुक्त जलवायु और मिट्टी उपलब्ध होती है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप जानेंगे रबर की खेती  (Rubber Farming)) कैसे की जाती है। सेब की खेती के लिए अनुकूल मौसम और जलवायु, बुवाई और रोपाई का समय, मिट्टी, खाद-उर्वरक की उपयोग मात्रा, कीटों और रोगों का नियंत्रण एवं प्रमुख सेब की किस्म के बारे में भी बताया जाएगा।  


भारत में रबर की खेती

भारत में रबर की खेती मुख्य रूप से केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, त्रिपुरा, असम, मेघालय और पश्चिम बंगाल में की जाती है। इनमें केरल और त्रिपुरा सबसे बड़े उत्पादक राज्य हैं।


खेती का समय:

रबर के पौधों की रोपाई का उचित समय जून से जुलाई के बीच होता है, जब मानसून की वर्षा शुरू होती है। इस समय मिट्टी में नमी बनी रहती है, जिससे पौधों की जड़ें तेजी से बढ़ती हैं।


मौसम और जलवायु:

रबर के पेड़ का उष्णकटिबंधीय जलवायु में अच्छी तरह से विकास होता हैं। इसके लिए 25 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान और 2000 से 3000 मिमी वार्षिक वर्षा आवश्यक होती है। उच्च आर्द्रता और लंबे समय तक बारिश की जरूरत होती है, लेकिन लंबे समय तक सूखे से फसल प्रभावित हो सकती है।


खेत की तैयारी:

रबर की खेती के लिए पहले खेत की जुताई करके इसे अच्छी तरह तैयार किया जाता है। 1.5-2 मीटर गहरी जुताई की जाती है ताकि पौधों की जड़ें आसानी से गहराई में जा सकें। खेत में नालियां बना कर जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए, जिससे फसल जलभराव से बची रहे।


रबर की खेती के लिए मिट्टी: 

रबर की खेती के लिए लाल, दोमट या गहरी चिकनी मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। मिट्टी में उचित जल निकासी की व्यवस्था होनी चाहिए ताकि पानी का जमाव न हो। मिट्टी का pH 4.5 से 6.0 के बीच होना चाहिए, जिससे पौधों की वृद्धि बेहतर होती है।


रबर की बेस्ट किस्मो की जानकारी 

RRII 105: यह भारत में व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली किस्म है। अधिकतम उत्पादन और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए प्रसिद्ध।

RRIM 600: मलयेशिया में विकसित की गई यह किस्म उच्च उत्पादन और गुणवत्ता वाली होती है।

RRII 414: सूखा सहनशीलता और लंबी उम्र के लिए जानी जाती है।

GT1: इंडोनेशिया में विकसित किस्म जो उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में सफल होती है।

PB 260: यह किस्म तेज बढ़त और रोग प्रतिरोधकता के लिए मशहूर है।

PB 350: अधिक दूध देने वाली किस्म जो कई जलवायु स्थितियों में काम करती है।

RRII 430: मध्यम उपज और रोग प्रतिरोध के साथ एक नई किस्म।

PB 86: पुरानी लेकिन अब भी लोकप्रिय किस्म, विशेष रूप से गीले क्षेत्रों में।

PR 107: अधिक बायोमास उत्पादन और रोग प्रतिरोधी विशेषता के लिए जानी जाती है।

RRII 422: अधिकतम उत्पादन और त्वरित वृद्धि के लिए उत्कृष्ट।


रबर की खेती के प्रति एकड़ पौधों की आवश्यकता -

रबर की खेती में आमतौर पर 200-250 पौधे प्रति एकड़ की दर से लगाए जाते हैं। पौधों के बीच की दूरी 6-7 मीटर होती है ताकि उनके विकास के लिए पर्याप्त स्थान मिल सके।


पौधों की रोपाई और दूरी -

रबर के पौधों की रोपाई का समय जून-जुलाई के बीच होता है। पौधे 50-60 सेमी गहरे गड्ढों में लगाए जाते हैं, और पौधों के बीच की दूरी 6-7 मीटर रखी जाती है ताकि उन्हें बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके।


खाद और उर्वरक

रबर की फसल के लिए प्रति एकड़ 10-15 किलो नाइट्रोजन, 5-10 किलो फास्फोरस और 15-20 किलो पोटाश की आवश्यकता होती है। यह उर्वरक फसल की बढ़वार के अलग-अलग चरणों में डाला जाता है। पहले वर्ष में नाइट्रोजन का अधिक मात्रा में उपयोग किया जाता है, जबकि बाद के वर्षों में संतुलित उर्वरक डाला जाता है।


रबर के फसल में रोगों की समस्या -

रोगों के नाम 

बेस्ट फफूंदनाशी 

उपयोग मात्रा 

ब्लैक रॉट कैंकर (Black rot canker)

टाटा रैलिस ब्लिटोक्स फफूंदनाशी
(कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50% WP)

400 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें

कॉलर रॉट (Collar rot) 

क्रिस्टल बाविस्टिन फफूंदनाशी
(कार्बेन्डाजिम 50% WP)

150  ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें

पाउडरी माइल्ड्यू (Powdery mildew)

सिंजेन्टा अमिस्टार टॉप फफूंदनाशी
(एज़ोक्सीस्ट्रोबिन 18.2% + डिफेनोकोनाज़ोल 11.4% एससी)

200 मिली प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें

पत्ती धब्बा रोग (Alternaria leaf spot)

बीएएसएफ कैब्रियो टॉप फफूंदनाशी 

(मेटिराम 55% + पाइराक्लोस्ट्रोबिन 5% WG)

450 मिली प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें 

झुलसा रोग (Blight Disease)

बयार एंट्राकोल फफूंदनाशी
(प्रोपीनेब 70% WP)

400 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें

सीडलिंग ब्लाइट (Seedling blight)

यूपीएल साफ फफूंदनाशी
(कार्बेन्डाजिम 12% + मैन्कोजेब 63% डब्ल्यूपी)

400 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें


रबर के फसल में चूसक कीटों और इल्लियों की समस्या -

कीटों के नाम 

बेस्ट कीटनाशक 

उपयोग मात्रा 

माहू (Aphid)

बायर कॉन्फिडोर कीटनाशक
(इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL
)

100 मिली प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें

लाल मकड़ी (Red Mites)

बायर ओबेरॉन कीटनाशक
(स्पिरोमेसिफेन 240 एससी
)

200 मिली प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें

जड़ छेदक  (Root Borer)

बायर फेम कीटनाशक 

(फ्लूबेंडियामाइड 480 एससी)

100 मिली प्रति एकड़ अनुसार ड्रेंचिंग करें

तना छेदक  (Stem Borer)

एफएमसी कोराजन कीटनाशक 

(क्लोरएंट्रानिलिप्रोले 18.5% ww एससी)

60 मिली प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें

थ्रिप्स (Thrips)

सिंजेन्टा सिमोडिस कीटनाशक
(आइसोसाइक्लोसरम 9.2% ww डीसी + आइसोसाइक्लोसरम 10% wv डीसी)

240 मिली प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें

पत्ती खाने वाली इल्लिया (Caterpillar)

धानुका ईएम 1 कीटनाशक 
(इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी)

100 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें


रबर से लेटेक्स और उत्पादन -

रबर की फसल 7-8 साल बाद लेटेक्स के लिए तैयार होती है। पौधे से लेटेक्स निकालने का सही समय सुबह का होता है, जब तापमान कम होता है और नमी अधिक होती है।

रबर के एक एकड़ से औसतन 1500 से 2000 किलोग्राम तक लेटेक्स प्राप्त किया जा सकता है, जो पौधों की देखभाल और जलवायु परिस्थितियों पर निर्भर करता है।


सारांश -

रबर की खेती एक लाभदायक व्यवसाय है, लेकिन इसके लिए उपयुक्त जलवायु, मिट्टी, और सही कृषि तकनीक की आवश्यकता होती है। यदि अच्छी प्रबंधन तकनीक अपनाई जाए, तो रबर की खेती से किसानों को अच्छा उत्पादन और मुनाफा प्राप्त हो सकता है।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न -

1. रबर की खेती किन राज्यों में की जाती है?

उत्तर - केरल, त्रिपुरा, तमिलनाडु, कर्नाटक और असम प्रमुख राज्य हैं।

2. रबर के पेड़ के लिए कौन सा मौसम उपयुक्त है?

उत्तर - उष्णकटिबंधीय जलवायु 25-35°C तापमान और 2000-3000 मिमी वर्षा।

3. रबर के पौधों की रोपाई का समय कब होता है?

उत्तर - मानसून के दौरान जून-जुलाई में।

4. रबर की खेती के लिए किस प्रकार की मिट्टी उपयुक्त होती है?

उत्तर - लाल, दोमट या गहरी चिकनी मिट्टी जिसमें जल निकासी अच्छी हो।

5. रबर की कौन सी किस्म सबसे अधिक लोकप्रिय है?

उत्तर - RRII 105 भारत में सबसे लोकप्रिय किस्म है।

6. रबर के प्रति एकड़ कितने पौधे लगाए जाते हैं?

उत्तर - प्रति एकड़ 200-250 पौधे लगाए जाते हैं।

7. रबर की खेती में कौन से कीट और रोग मुख्य होते हैं?

उत्तर - माहू, लाल मकड़ी, ब्लैक रॉट और पाउडरी मिल्ड्यू प्रमुख समस्याएं हैं।

8. रबर के पौधों से लेटेक्स निकालने का सही समय क्या है?

उत्तर - सुबह का समय सबसे उपयुक्त है जब तापमान कम हो।

9. रबर के एक एकड़ से कितना लेटेक्स प्राप्त हो सकता है?

उत्तर - प्रति एकड़ 1500-2000 किलोग्राम लेटेक्स मिल सकता है।


लेखक

BharatAgri Krushi Doctor

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