muli ki kheti kaise karen

Muli Ki Kheti: मूली की खेती की सम्पूर्ण जानकारी

मूली एक महत्वपूर्ण जड़ वाली सब्जी है, जिसका उपयोग सलाद, अचार, और कई प्रकार के पकवानों में किया जाता है। यह फसल तेजी से बढ़ती है और अल्पकालिक होती है, जिससे किसान कम समय में अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। मूली में पोषण तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं, जैसे विटामिन C, फाइबर, और मिनरल्स। इसका उपयोग पाचन क्रिया को बेहतर बनाने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में होता है। मूली की खेती का प्रमुख फायदा यह है कि इसे अलग-अलग प्रकार की मिट्टी और जलवायु में आसानी से उगाया जा सकता है। यह फसल कम पानी और साधारण देखभाल में भी अच्छा उत्पादन देती है, जिससे किसानों के लिए यह एक लाभकारी फसल बनती है।


भारत में मूली की खेती:

मूली की खेती मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार और पश्चिम बंगाल में की जाती है। इसके अलावा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ठंडे क्षेत्रों में भी इसकी खेती होती है। भारत के विभिन्न राज्यों में इसे रबी और खरीफ दोनों सीजन में उगाया जाता है।


मूली की खेती का समय:

👉खरीफ: जुलाई से अगस्त

👉रबी: अक्टूबर से नवंबर

👉ज़ायद: फरवरी से मार्च


मूली की खेती के लिए मौसम और जलवायु:

मूली की खेती के लिए ठंडी और समशीतोष्ण जलवायु सबसे उपयुक्त मानी जाती है। इसे 10°C से 30°C के तापमान में अच्छी तरह उगाया जा सकता है। ठंडे मौसम में मूली की जड़ें अधिक सफेद, कुरकुरी और मीठी बनती हैं। अधिक गर्मी में जड़ों का स्वाद कड़वा हो सकता है और गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है।


खेत की तैयारी:

1. खेत की तैयारी के लिए मिट्टी को गहराई तक जोतें और उचित मात्रा में गोबर की खाद डालें।

2. खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए ताकि जलभराव से फसल को नुकसान न हो।

3. बुवाई से पहले 2-3 बार खेत की जुताई करके मिट्टी को भुरभुरा बना लें ताकि जड़ें आसानी से बढ़ सकें।


मूली की खेती किस प्रकार की मिट्टी में की जाती है

मूली की खेती के लिए दोमट मिट्टी या बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। मिट्टी का pH स्तर 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए। यह फसल अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में बेहतर उत्पादन देती है, जबकि भारी और जलजमाव वाली मिट्टी में जड़ें ठीक से नहीं बढ़ पातीं।


मूली की बेस्ट किस्म:

मूली की किस्म 

किस्म की विशेषताएं 

सिजेंटा आइवरी व्हाइट 

इस किस्म की मूली चिकनी, सफेद और लम्बी होती है। इसकी बुवाई आप खरीफ और रबी के मौसम में कर सकते हो।  

इंडस स्वाति एफ 1 

इस किस्म की मूली एक समान और सफेद होती है। इस मूली का उपयोग सबसे ज्यादा सलाद के लिए किया जाता है। इसकी खेती आप सभी प्रकार के मिट्टी में कर सकते हो।  

जेंटेक्स सेनोरिटा मूली का बीज 

यह किस्म वायरस के प्रति प्रतिरोधी किस्म है, मूली की लम्बाई 25 से 30 सेंटीमीटर होती है। इस किस्म की मूली आकर्षक सफेद होती है और इसकी बुवाई आप खरीफ और रबी के मौसम में कर सकते है।  

महिको माही 22 मूली का बीज 

एक समान आकार की मूली सफेद जड़ के साथ चिकनी और कुरकुरी होती है यह किस्म हल्की तीखी होती है। प्रत्येक मूली की लम्बाई 35 से 40 सेंटीमीटर होती है।  

कलस पालक पत्ता मूली का बीज 

इस किस्म की मूली आकर्षक सफेद रंग की होती है और मूली की लम्बाई 20 से 22 सेंटीमीटर होती है। इस किस्म की परिपक्वता अवधि 40 से 45 दिन की होती है।  


मूली की खेती के बीज दर प्रति एकड़ अनुसार:

प्रति एकड़ मूली की खेती के लिए लगभग 400-600 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है। बीज की मात्रा का निर्धारण किस्म और मिट्टी के प्रकार के अनुसार किया जा सकता है।


मूली के पौधों की रोपाई और दूरी:

मूली की सीधी बुवाई की जाती है। बीज को 1-2 सेमी की गहराई पर बोया जाता है। पौधों के बीच में 15 से 20 सेमी की दूरी और कतारों के बीच 30 से 45 सेमी की दूरी रखनी चाहिए। बुवाई के 4-6 दिन बाद अंकुरण शुरू हो जाता है।


खाद और उर्वरक: 

👉नाइट्रोजन: 30-50 किलोग्राम प्रति एकड़ अनुसार 

👉फॉस्फोरस: 20-25 किलोग्राम प्रति एकड़ अनुसार

👉पोटाश: 20-25 किलोग्राम प्रति एकड़ अनुसार

गोबर की खाद या कंपोस्ट 8-10 टन प्रति एकड़ बुवाई से 15-20 दिन पहले खेत में डालें। नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई के समय डालें और शेष आधी मात्रा 25-30 दिन बाद दें।


मूली में प्रमुख कीटों की समस्या और नियंत्रण 

1. लीफ माइनर (Leaf Miner) - धानुका जैपेक कीटनाशक –80 मिली प्रति एकड़ उपयोग करें।  

2. तना छेदक (Stem Borer) - धानुका ईएम-1 कीटनाशक - 80 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें।  

3. माहू ( Aphid) - यूपीएल लांसर गोल्ड कीटनाशक -450 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें।  

4. तम्बाकू इल्ली (Cutterpillar) - सिंजेटा अलिका कीटनाशक -80 मिली प्रति एकड़ उपयोग करें।  

5. थ्रिप्स (Sunflower Thrips) - धानुका फैक्स कीटनाशक -400 मिली प्रति एकड़ उपयोग करें।  

6. ग्रासहॉपर (Grasshopper) -  बायर कॉन्फिडोर कीटनाशक - 100 मिली प्रति एकड़ 

7. फली छेदक (Pod Borer) - बायर फेनॉक्स क्विक कीटनाशक -100 मिली प्रति एकड़ उपयोग करें।  


मूली में प्रमुख रोगों की समस्या और नियंत्रण 

1. डाउनी मिल्ड्यू  (Downy Mildew) - इंडोफिल अवतार फफूंदनाशी 300 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें। 

2. ब्लाइट रोग  (Blight) - सिंजेंटा रिडोमिल गोल्ड 300 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें। 

3. उखटा रोग (Wilt)-  बायोस्टेड रोको फफूंदनाशी 300 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें। 

4. बैक्टेरियल स्पॉट (Bacterial Spot) - टाटा रैलिस ब्लिटोक्स फफूंदनाशी - 400 ग्राम प्रति एकड़ छिड़काव करें।  

5. लीफ स्पॉट (Leaf Spot) - यूपीएल साफ फफूंदनाशी 400 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें। 


मूली की फसल की कटाई और समय:

मूली की कटाई फसल बुवाई के 40-60 दिन बाद की जाती है, जब मूली की जड़ें पूर्ण आकार की हो जाती हैं। कटाई में देरी होने पर मूली कड़ी और रेशेदार हो सकती है, जिससे उसकी गुणवत्ता खराब हो जाती है।


मूली की फसल प्रति एकड़ उत्पादन:

मूली की अच्छी किस्मों से प्रति एकड़ 80-120 क्विंटल उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। उत्पादन जलवायु, मिट्टी, और देखभाल पर निर्भर करता है।


सारांश:

मूली की खेती भारत के विभिन्न राज्यों में की जाती है और यह कम समय में अधिक उत्पादन देने वाली फसल है। इसकी खेती के लिए ठंडी जलवायु और दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। 

मूली की खेती के लिए उपयुक्त समय रबी, खरीफ, और जायद मौसम में होता है। इसके लिए खेत की अच्छी तैयारी, उर्वरकों का सही उपयोग, और समय पर खरपतवार और कीट नियंत्रण आवश्यक है। 

मूली की प्रमुख किस्में और हाइब्रिड बीज किसानों के लिए अधिक उत्पादन देने में सहायक होते हैं।


अक्सर पूछे जानें वाले प्रश्न 

1. मूली की मुख्य खेती के क्षेत्र कौन से हैं?

उत्तर: मूली की खेती मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार और पश्चिम बंगाल में होती है।

2. मूली की खेती का उपयुक्त मौसम कौन सा है?

उत्तर: मूली की खेती के लिए जुलाई से अगस्त (खरीफ), अक्टूबर से नवंबर (रबी) और फरवरी से मार्च (ज़ायद) उपयुक्त होते हैं।

3. मूली के लिए मिट्टी की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है?

उत्तर: मूली के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है।

4. मूली के बीज की दर प्रति एकड़ क्या है?

उत्तर: प्रति एकड़ मूली की खेती के लिए लगभग 400-600 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

5. मूली की फसल में खाद और उर्वरक की मात्रा क्या होनी चाहिए?

उत्तर: नाइट्रोजन 30-50 किलोग्राम, फॉस्फोरस 20-25 किलोग्राम, और पोटाश 20-25 किलोग्राम प्रति एकड़ होना चाहिए।

6. मूली की फसल की कटाई कब करनी चाहिए?

उत्तर: मूली की कटाई बुवाई के 40-60 दिन बाद की जानी चाहिए जब जड़ें पूर्ण आकार में हों।

7. मूली में प्रमुख कीट कौन से हैं?

उत्तर: लीफ माइनर, तना छेदक, माहू, और तम्बाकू इल्ली प्रमुख कीट हैं।

8. मूली में रोगों का प्रमुख कारण क्या है?

उत्तर: डाउनी मिल्ड्यू, ब्लाइट, उखटा रोग और बैक्टीरियल स्पॉट मूली में प्रमुख रोग हैं।

9. मूली की फसल का उत्पादन प्रति एकड़ कितना होता है?

उत्तर: मूली की अच्छी किस्मों से प्रति एकड़ 80-120 क्विंटल उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

10. मूली की प्रमुख किस्में कौन सी हैं?

उत्तर: सिजेंटा आइवरी व्हाइट, इंडस स्वाति एफ 1, और जेंटेक्स सेनोरिटा प्रमुख किस्में हैं।


लेखक

BharatAgri Krushi Doctor

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