भारत में आम को 'फलों का राजा' कहा जाता है। इसका इतिहास सदियों पुराना है और भारत में इसकी खेती एक महत्वपूर्ण कृषि गतिविधि है। आम केवल स्वाद और सुगंध के लिए ही प्रसिद्ध नहीं है, बल्कि इसमें पोषक तत्व भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। भारत आम उत्पादन में विश्व में सबसे अग्रणी है और यहाँ इसकी खेती मुख्य रूप से गर्म जलवायु वाले क्षेत्रों में होती है। आम की कई प्रमुख किस्में भारत में उगाई जाती हैं, जिनकी अपनी-अपनी विशेषताएं और उपयोगिता हैं। इस लेख में हम आम की खेती, उसकी प्रमुख किस्मों और उनके उत्पादन क्षेत्रों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।
आम की खेती का महत्व -
आम की खेती भारत की आर्थिक व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह फसल न केवल किसानों की आय का प्रमुख स्रोत है, बल्कि आम का निर्यात भी बड़े पैमाने पर किया जाता है। आम के फल का उपयोग ताजे फल के रूप में किया जाता है, साथ ही इसे अचार, मुरब्बा, जूस, जैम, और अन्य प्रसंस्कृत उत्पादों के रूप में भी उपयोग किया जाता है।
जलवायु और मिट्टी -
आम की खेती के लिए गर्म और शुष्क जलवायु सबसे उपयुक्त मानी जाती है। इसे अधिक ठंड पसंद नहीं होती, इसलिए इसकी खेती उन क्षेत्रों में की जाती है जहाँ गर्मियाँ लम्बी होती हैं। आम की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है, जिसमें जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो। मिट्टी का pH स्तर 5.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
आम की टॉप 10 किस्मों की जानकारी -
भारत में आम की कई किस्में उगाई जाती हैं, जिनमें से कुछ किस्में अत्यधिक प्रसिद्ध हैं और उनका बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाता है। यहाँ हम आम की 10 प्रमुख किस्मों की जानकारी देंगे, जो खेती और उत्पादन के मामले में सबसे महत्वपूर्ण हैं।
1. अल्फांसो (Alphonso) आम
आम की अल्फांसो किस्म, जिसे "हापूस" भी कहा जाता है, भारत में सबसे प्रसिद्ध और महंगी किस्मों में से एक है। यह आम विशेष रूप से महाराष्ट्र राज्य में उगाई जाती है और इसे इसके स्वाद, सुगंध और समृद्ध रंग के लिए जाना जाता है।
👉टॉप खेती वाले राज्य - महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश।
👉अल्फांसो की विशेषताएं - अल्फांसो आम का स्वाद बहुत ही मीठा और तीखा होता है, और इसकी सुगंध अत्यंत मनमोहक होती है। इसे "फलों का राजा" भी कहा जाता है। आम की अल्फांसो किस्म का रंग पीला-नारंगी होता है और इसका आकार आमतौर पर मध्यम से बड़ा होता है। इसके गूदे का मांस बहुत ही नरम और रेशेदार होता है, जो कि खाने में अत्यधिक स्वादिष्ट होता है।
👉अल्फांसो का उत्पादन - अल्फांसो आम की प्रति पेड़ उत्पादन सालाना 200-300 किलोग्राम तक हो सकता है, जो कि किस्म और खेती की परिस्थितियों पर निर्भर करता है। यह आम उच्च गुणवत्ता और स्वाद के कारण महंगे दाम पर बिकता है। इसकी मांग भारत के अलावा विदेशों में भी होती है।
2. केसर (Kesar) आम
आम की केसर किस्म, जिसे "केसर आम" भी कहा जाता है, भारत की एक प्रमुख और लोकप्रिय किस्म है। यह खासकर गुजरात राज्य में उगाई जाती है और इसके स्वाद, सुगंध और रंग के लिए प्रसिद्ध है। इसे आमतौर पर "गुजराती आम" भी कहा जाता है।
👉टॉप खेती वाले राज्य- गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक।
👉केसर की विशेषताएं - केसर आम का स्वाद मीठा और समृद्ध होता है, साथ ही इसकी सुगंध भी बहुत ही आकर्षक होती है। इस आम का रंग गहरा पीला से लेकर नारंगी होता है। इसका आकार मध्यम से छोटा होता है, और इसके गूदे की बनावट नरम और मांसल होती है। इसके गूदे का मांस बहुत ही रेशेदार और मलाईदार होता है, जिससे यह खाने में अत्यधिक स्वादिष्ट लगता है।
👉केसर का उत्पादन - केसर आम की प्रति पेड़ उत्पादन सालाना 150-250 किलोग्राम तक हो सकता है, जो कि किस्म और खेती की परिस्थितियों पर निर्भर करता है।केसर आम का स्वाद और रंग इसे बाजार में उच्च मूल्य पर बिकने योग्य बनाता है। इसकी मांग भारत के अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी होती है।
3. दशहरी (Dashehari) आम
दशहरी आम उत्तर भारत की एक प्रमुख और लोकप्रिय किस्म है। इसका मूल स्थान मलिहाबाद (लखनऊ, उत्तर प्रदेश) माना जाता है, और यह पूरे भारत में अपनी मिठास, स्वाद और सुगंध के लिए प्रसिद्ध है। दशहरी आम को विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, और पंजाब में बड़े पैमाने पर उगाया जाता है।
👉टॉप खेती वाले राज्य- उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र।
👉दशहरी आम की विशेषताएं - शहरी आम बहुत मीठा और रसीला होता है, और इसकी सुगंध ताजगी भरी और मनमोहक होती है। दशहरी आम का रंग पकने पर हल्का हरा से लेकर पीला हो जाता है। इसका आकार लंबा और थोड़ा पतला होता है। इसका गूदा मुलायम, रेशेदार और कम रसीला होता है, जो इसे काटने में आसान बनाता है।
👉दशहरी आम का उत्पादन - दशहरी आम की प्रति पेड़ उत्पादन 200-300 किलोग्राम तक हो सकता है। यह उत्पादन अच्छे कृषि प्रबंधन और जलवायु पर निर्भर करता है। दशहरी आम का बाजार मूल्य इसकी गुणवत्ता और उत्पादन के अनुसार बदलता रहता है, लेकिन यह आमतौर पर मई से जुलाई के बीच बाजार में आता है और उच्च मांग में होता है।
4. हिमसागर (Himsagar) आम
हिमसागर आम भारत में लोकप्रिय और उच्च गुणवत्ता वाली किस्मों में से एक है, जिसे विशेष रूप से पश्चिम बंगाल, बिहार और ओडिशा राज्यों में उगाया जाता है। इसे "आमों का राजा" भी कहा जाता है, खासकर पूर्वी भारत में। इसका स्वाद मीठा, मख़मली और रेशाहीन होता है, और यह आम अपने गूदे की उत्कृष्ट गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है।
👉टॉप खेती वाले राज्य - पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, झारखंड, असम, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब।
👉हिमसागर आम की विशेषताएं - हिमसागर आम का स्वाद बेहद मीठा और अत्यधिक सुगंधित होता है। इसमें रेशे नहीं होते, जो इसे बेहद मख़मली और मुलायम बनाता है। यह आम बाहर से हरे रंग का होता है, और पकने के बाद भी इसका बाहरी रंग हरा ही बना रहता है। इसके अंदर का गूदा गहरा पीला या केसरिया होता है। इसका आकार मध्यम से बड़ा होता है, और इसका वजन लगभग 250-350 ग्राम होता है।
👉हिमसागर आम का उत्पादन - एक परिपक्व हिमसागर आम का पेड़ 200-300 किलोग्राम तक फल उत्पादन कर सकता है। यह मई से जून के बीच फल देता है। हिमसागर आम का बाजार मूल्य इसकी उच्च गुणवत्ता और स्वाद के कारण काफी अच्छा होता है। यह आम भारत के अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी निर्यात किया जाता है, विशेषकर यूरोप और खाड़ी देशों में।
5. चौसा (Chaunsa) आम -
चौसा आम (Chaunsa Mango) भारत और पाकिस्तान में बेहद प्रसिद्ध आम की किस्म है। यह अपनी मिठास, सुगंध और रसीलेपन के कारण अत्यधिक लोकप्रिय है। चौसा आम को "सर्वश्रेष्ठ आमों" में से एक माना जाता है और यह आमतौर पर गर्मियों के अंत में उपलब्ध होता है।
👉टॉप खेती वाले राज्य - उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, ओडिशा।
👉चौसा आम की विशेषताएं - चौसा आम का स्वाद बहुत मीठा और रसीला होता है, साथ ही इसमें एक हल्की सुगंध होती है जो इसे और भी आकर्षक बनाती है। चौसा आम का रंग पकने पर सुनहरा पीला या हल्का हरा हो जाता है, और इसका आकार लंबाई में बड़ा तथा चौड़ा होता है। इसका गूदा मुलायम, रेशेदार और अत्यंत रसीला होता है, और इसमें रस की मात्रा बहुत होती है। इसकी गुठली पतली होती है, जिससे खाने के लिए अधिक गूदा उपलब्ध होता है।
👉चौसा आम का उत्पादन -चौसा आम का उत्पादन प्रति पेड़ 150-200 किलोग्राम तक हो सकता है, जो कि खेती की परिस्थितियों पर निर्भर करता है। चौसा आम अपने उच्च गुणवत्ता और स्वाद के कारण बाजार में अच्छा मूल्य प्राप्त करता है। इसका व्यापार भारत और अन्य देशों में भी किया जाता है, और इसका निर्यात भी होता है।
सारांश -
भारत में आम की खेती एक समृद्ध और लाभकारी कृषि प्रक्रिया है। देश के विभिन्न हिस्सों में उगाई जाने वाली विभिन्न किस्में अपने-अपने क्षेत्रों में विशेष महत्व रखती हैं। चाहे अल्फांसो हो या दशहरी, हर किस्म की अपनी विशेषताएं और महत्व है। आम की खेती से न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है, बल्कि यह देश की कृषि क्षेत्र की उन्नति में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न -
1. आम की प्रमुख किस्में कौन-कौन सी हैं?
उत्तर - अल्फांसो, केसर, दशहरी, हिमसागर, चौसा, बादामी, सफेदा, लंगड़ा, तोतापुरी, और मुल्गोआ प्रमुख किस्में हैं।
2. भारत में आम की खेती के लिए सबसे उपयुक्त जलवायु क्या है?
उत्तर - गर्म और शुष्क जलवायु आम की खेती के लिए सबसे उपयुक्त है।
3. आम की किस्में कौन-कौन सी हैं जो विशेष रूप से महंगी होती हैं?
उत्तर - अल्फांसो और हिमसागर आम विशेष रूप से महंगे होते हैं।
4. आम के उत्पादन के लिए सबसे उपयुक्त मिट्टी कौन सी है?
उत्तर - बलुई दोमट मिट्टी आम के उत्पादन के लिए उपयुक्त होती है।
5. आम की किस्मों में से कौन सी किस्म सबसे ज्यादा रेशेदार होती है?
उत्तर - दशहरी आम की किस्म में गूदा अपेक्षाकृत अधिक रेशेदार होता है।
6. केसर आम की विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर - केसर आम का रंग गहरा पीला से नारंगी होता है और इसका गूदा नरम और मलाईदार होता है।
7. भारत में आम का सबसे अधिक उत्पादन कौन से राज्यों में होता है?
उत्तर - महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, और आंध्र प्रदेश में आम का सबसे अधिक उत्पादन होता है।
8. आम की खेती से किसानों को किस प्रकार का लाभ होता है?
उत्तर - आम की खेती से किसानों को उच्च मुनाफा और अतिरिक्त आय प्राप्त होती है, खासकर निर्यात और प्रसंस्करण से।
लेखक
BharatAgri Krushi Dukan