js 335 soybean variety

JS 335 Soybean Variety: जेएस-335 सोयाबीन किस्म की सम्पूर्ण जानकारी

किसान भाइयों नमस्कार, स्वागत है BharatAgri Krushi Dukan वेबसाइट पर। सोयाबीन एक महत्वपूर्ण फसल है जो दुनिया भर में प्रोटीन और तेल का प्रमुख स्रोत है। भारत में सोयाबीन की खेती व्यापक रूप से की जाती है और इसमें जेएस-335 सोयाबीन (JS 335 Soybean Variety) की किस्म है जो कम लगात में ज्याद उत्पादन देती  है।  इस ब्लॉग में, हम जेएस-335 सोयाबीन किस्म की विशेषताओं, खेती के तरीकों और प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानेंगे।


जेएस-335 सोयाबीन किस्म की विशेषताएं | JS 335 Soybean seeds information 

1. जेएस-335 सोयाबीन की एक प्रसिद्ध और उपयोगी किस्म है।
2. यह किस्म भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित की गई है।
3. यह किस्म उच्च उत्पादन देने के लिए जानी जाती है।
4. पौधे की ऊँचाई: लगभग 40-50 सेंटीमीटर।
5. पत्तियों का रंग: हल्का हरा रंग।
6. फली का आकार: मध्यम, गोल और चमकीला।
7. अवधि: यह किस्म 95-100 दिनों में तैयार हो जाती है।
8. उत्पादन क्षमता: प्रति एकड़ लगभग 10 क्विंटल।
9. प्रतिरोधक क्षमता: यह किस्म विभिन्न रोगों और कीटों के प्रति सहनशील है।
10. वायरस के प्रति प्रतिरोधी : यह किस्म पीला मोजेक वायरस के प्रति अच्छी प्रतिरोधक क्षमता रखती है।


जेएस-335 सोयाबीन बुवाई अनुसंशित राज्य | JS 335 Cultivation State 

इस किस्म की बुवाई आप मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान कर सकते है।  बताएं गए राज्यों में अगर आप इस किस्म की  बुवाई करते है तो आप को प्रति एकड़ उत्पादन ज्यादा प्राप्त होगा 


सोयाबीन के बुवाई का समय | Soybean Sowing time 

1. जेएस-335 सोयाबीन की बुवाई का सही समय जून के मध्य से जुलाई के अंत तक होता है। मानसून के आगमन के साथ ही बुवाई करना उत्तम माना जाता है, ताकि पर्याप्त नमी मिल सके।

2. महत्वपूर्ण सूचना - सोयाबीन के बुवाई के पहले खरपतवार के नियंत्रण के लिए आप यूपीएल दोस्त सुपर पेंडीमेथालिन 38.7% सीएस खरपतवार नाशक का उपयोग करना बिल्कुल न भूले।  

 

सोयाबीन के लिए खेत की तैयारी | Field preparation for soybean crop 

1. जुताई: खेत की गहरी जुताई करें ताकि मिट्टी में वायु संचरण अच्छा हो सके।

2. समतल करना: जुताई के बाद खेत को समतल करें और बुवाई के लिए तैयार करें।

3. उर्वरक का प्रयोग: जैविक और रासायनिक उर्वरकों का संतुलित प्रयोग करें। नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, और पोटाश का संतुलित अनुपात (20:60:40) उपयोग करें।


प्रति एकड़ सोयाबीन बीज की मात्रा | Soybean seed rate per acre 

जेएस-335 सोयाबीन की प्रति एकड़ 30-35 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। बीज को सही मात्रा में उपयोग करने से पौधों की संख्या संतुलित रहती है और उत्पादन में वृद्धि होती है। 


सोयाबीन बुवाई की विधि | Soybean sowing method 

1. लाइन से बुवाई: लाइन से बुवाई करना उत्तम होता है। 30-45 सेंटीमीटर की दूरी पर लाइनें बनाएं और 3-5 सेंटीमीटर की गहराई में बीज डालें।

2. सीड ड्रिल मशीन: आधुनिक मशीनों का प्रयोग करके भी बुवाई की जा सकती है, जिससे बीज समान गहराई और दूरी पर गिरते हैं।


जेएस-335 सोयाबीन के बीजों का बिजोचार | Soybean Seed treatment 

आप निचे दिये गये टैबले में जैविक और रासायनिक कीटनाशक और फफूंदनाशक के अनुसार किसी एक का कीटों और रोगों के नियंत्रण के लिए निम्न प्रोडक्ट का उपयोग कर सकते है - 

प्रोडक्ट का नाम 

प्रोडक्ट कंटेंट 

जैविक/रासायनिक 

उपयोग मात्रा 

आईएफसी ट्राइको शील्ड फफूंदनाशी 

ट्राइकोडर्मा विरिडी 2 × 10^6 C.F.U./ml

जैविक 

10 ग्राम/किलों बीज 

डॉ. बैक्टोज़ मेटा, जैव कीटनाशक

मेटाराइजियम अनिसोप्लिया

जैविक 

5 - 6 मिली/किलों बीज 

बीएएसएफ जेलोरा फफूंदनाशी 

थायोफनेट मिथाइल 45% + पायराक्लोस्ट्रोबिन 5% एफएस

रासायनिक 

2-3 मिली/किलों बीज 

यूपीएल साफ फफूंदनाशी 

कार्बेन्डाजिम 12% और मैन्कोजेब 63% डब्लूपी

रासायनिक 

2-3 ग्राम/किलों बीज 

धानुका विटावॅक्स पॉवर फफूंदनाशी 

कार्बोक्सिन 37.5% + थिरम 37.5% WS

रासायनिक 

2-3 ग्राम/किलों बीज 


नोट - किसान भाइयों आप से निवेदन है की सोयाबीन की बुवाई बीजों के बीजोपचार करने के बाद है करें जिससे आप को बीजों की अंकुरण क्षमता बढ़ेगी और मिट्टी एवं बीज जनित रोगों और कीटो से फसल को लम्बे समय तक सुरक्षा मिलेगी जिससे आप को प्रति एकड़ उत्पादन ज्यादा मिलेगा।  


Conclusion | सारांश - 

जेएस-335 सोयाबीन (JS 335 Soybean Variety) एक उन्नत किस्म है जो भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित की गई है। यह किस्म उच्च उत्पादन देने वाली, 95-100 दिनों में तैयार होने वाली, और विभिन्न रोगों एवं पीला मोजेक वायरस के प्रति प्रतिरोधक क्षमता रखती है। मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, और राजस्थान में इसकी बुवाई विशेष रूप से लाभकारी होती है। प्रति एकड़ 30-35 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है और बीजोपचार करने से उत्पादन में वृद्धि होती है। आशा करते है की आपको सारी जानकारी पसंद आई है और आपको आने वाला मौसम मे इसका फायदा भी होगा जानकारी अच्छी लगी हो तो आप अपने किसान साथियों को जरूर शेयर करें। अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे BharatAgri App को विज़िट करें । धन्यवाद !


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न |  people also ask - 


1. जेएस-335 सोयाबीन किस्म का उत्पादन क्षमता कितनी है?

प्रति एकड़ लगभग 10 क्विंटल।

2. जेएस-335 सोयाबीन की फसल कितने दिनों में तैयार हो जाती है?

95-100 दिनों में।

3. जेएस-335 सोयाबीन किस राज्यों में बुवाई के लिए उपयुक्त है?

मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान।

4. सोयाबीन की बुवाई का सही समय क्या है?

जून के मध्य से जुलाई के अंत तक।

5. जेएस-335 सोयाबीन के पौधों की ऊँचाई कितनी होती है?

लगभग 40-50 सेंटीमीटर।

6. सोयाबीन के लिए खेत की तैयारी कैसे करनी चाहिए?

गहरी जुताई, समतल करना और संतुलित उर्वरक का प्रयोग करें।

7. जेएस-335 सोयाबीन की प्रति एकड़ बीज की मात्रा कितनी होनी चाहिए?

30-35 किलोग्राम।

8. जेएस-335 सोयाबीन की बुवाई की विधि क्या है?

लाइन से बुवाई या सीड ड्रिल मशीन का प्रयोग करें।

9. जेएस-335 सोयाबीन किस वायरस के प्रति प्रतिरोधी है?

पीला मोजेक वायरस।

10. जेएस-335 सोयाबीन बीजों का बीजोपचार कैसे किया जाना चाहिए?

जैविक या रासायनिक कीटनाशक और फफूंदनाशी का प्रयोग करें।

 


Author | लेखक

BharatAgri Krushi Doctor

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