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Growing Vegetables at Home: गमले में उगाई जाने वाली टॉप १० सब्जियों

आजकल के व्यस्त जीवन शैली में ताजे और स्वास्थ्यवर्धक आहार की तलाश एक चुनौती बन गई है। ऐसे में, घर के गमले में सब्जियां उगाना (Growing Vegetables at Home) न केवल आपके आहार को ताजगी और पोषण प्रदान करता है, बल्कि यह एक संतोषजनक और मजेदार गतिविधि भी हो सकती है। इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप अपने घर के गमलों में आसानी से सब्जियां उगा सकते हैं। हम आपको टॉप 10 सब्जियों की सूची देंगे, जिनकी उगाने की विधियाँ साझा करेंगे और इन फसलों के फायदे भी समझाएंगे।


सब्ज़ियाँ उगाने के लिए गमला कैसे तैयार करें - 

अपने घर के गार्डन (Home Vegetable Garden) में ताजे और पौष्टिक सब्जियां उगाने के लिए सबसे पहला कदम है सही गमला तैयार करना। आइए जानते हैं कि गमले को कैसे तैयार किया जाए ताकि आपकी सब्ज़ियाँ अच्छी तरह से उग सकें और स्वस्थ विकास कर सकें।

1. गमला चुनें: सबसे पहले, गमले का चयन करें। आप प्लास्टिक, मिट्टी, या टेराकोटा के गमले का उपयोग कर सकते हैं। गमले का आकार सब्जी की जड़ें फैलने के अनुसार होना चाहिए।

2. गमले में छिद्र बनाएं: गमले के तले में पानी निकालने के लिए छोटे छिद्र बनाएं। इससे जड़ों को ओवरवॉटरिंग से बचाया जा सकेगा।

3. सही मिट्टी का उपयोग करें: गमले में पौष्टिक और हल्की मिट्टी डालें। आप गार्डनिंग मिक्स या खुद का मिश्रण बना सकते हैं जिसमें कम्पोस्ट, खाद और बालू शामिल हो।

4. मिट्टी में खाद मिलाएं: मिट्टी में अच्छी तरह से सड़ी हुई खाद या कम्पोस्ट मिलाएं। इससे पौधों को आवश्यक पोषक तत्व मिलेंगे और मिट्टी की गुणवत्ता बेहतर होगी।

5. गमले को भरें: गमले को लगभग 2/3 तक मिट्टी से भरें। फिर पौधों को सही गहराई में रोपें और बाकी गमले को मिट्टी से भर दें।

6. पानी और देखभाल: पौधों को लगाने के बाद अच्छी तरह से पानी दें। गमले को धूप और छाँव के अनुसार स्थान दें और नियमित रूप से पानी और पोषक तत्व प्रदान करें।


गमले में उगाई जाने वाली सब्ज़ियाँ | Growing Vegetables at Home -

गमले में सब्ज़ियाँ उगाने के लिए मौसम का ध्यान रखना जरूरी है। गर्मी में आप टमाटर, शिमला मिर्च, भिंडी, चिल्ली, और ककड़ी उगाकर अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। मानसून के दौरान पालक, सलाद पत्तियाँ (लेटस), कोलार्ड ग्रीन्स, मूली, और अदरक उगाना उपयुक्त रहेगा। सर्दियों में गाजर, ब्रोकली, फूलगोभी, मटर, और बीट जैसे ठंडी जलवायु को पसंद करने वाली सब्ज़ियाँ उगाई (climbing vegetables) जा सकती हैं। पूरे साल उगाई जा सकने वाली सब्ज़ियाँ जैसे प्याज़, लहसुन, और धनिया (कोरियंडर) गमले में हर मौसम में उगाई जा सकती हैं। इन सब्ज़ियों की सही देखभाल और मौसम के अनुसार देखरेख से आप ताजे और पौष्टिक आहार प्राप्त कर सकते हैं। 


A. टमाटर - 

विधि: 

1. एक गमले 20- 25 दिनों के नर्सरी पौधे लेकर आए या प्रत्यक्ष बीज लगाए। 

2. नियमित रूप से पानी दें और गमले को 6-8 घंटे धूप में रखें।

3. पौधों को बढ़ाने के लिए स्टॉक या ट्रेलिस का उपयोग करें।

फायदे: 

1. टमाटर खाने से हमारे शरीर को विटामिन C, A, और K भरपूर मात्रा में प्राप्त होते हैं।

2. टमाटर के फल में एंटीऑक्सीडेंट्स के अच्छे स्रोत होते हैं।

3. टमाटर खाने से हृदय स्वास्थ्य में सुधार जैसे विभिन्न स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं।

4. एक टमाटर के पौधे को लगभग 25- 30 फल निकलते हैं। 


B. पालक - 

विधि:

1. बीजों को 1 सेंटीमीटर गहराई में बोएं।

2. मिट्टी की नमी जांच कर पानी दें और गमले को छायादार स्थान पर रखें।

फ़ायदे:

1. आयरन और विटामिन K का अच्छा स्रोत।

2. एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर से भरपूर।

3. हड्डियों और रक्त संचार के लिए लाभकारी।

4. एक गमले आराम से पालक 2 गड्डी मिल जाती है।

 

C. हरी मिर्च - 

विधि:

1. बीजों को 0.5 सेंटीमीटर गहराई में लगाएं।

2. मिट्टी की नमी जांच कर पानी दें और गमले को धूप में रखें।

फ़ायदे:

1. मिर्च विटामिन C से भरपूर होती है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने और त्वचा के स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद करती है।

2. मिर्च में कैप्सेसिन होता है, जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और कैलोरी जलाने में मदद करता है, जिससे वजन घटाने में सहायक होती है।

3. एक मिर्च के पौधे पर आमतौर पर 50- 75 मिर्च निकलते हैं। 


D. भिंडी (ओकरा) - 

विधि:

1. भिंडी के बीज को गमले 1 सेंटीमीटर गहराई में लगाएं।

2. मिट्टी की नमी जांच कर पानी दें और गमले को धूप में रखें।

एक भिंडी के पौधे पर आमतौर पर 25 से 35 भिंडी तक फल लग सकते हैं।

फ़ायदे:

1. भिंडी विटामिन C, A, और K, साथ ही फोलिक एसिड, मैग्नीशियम, और पोटेशियम से भरपूर होती है, जो शरीर की सामान्य सेहत के लिए महत्वपूर्ण हैं।

2. भिंडी का सेवन रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है, जिससे मधुमेह के मरीजों के लिए लाभकारी होती है।


E. गाजर - 

विधि:

1. गाजर के बीजों को 0.5 सेंटीमीटर गहराई में लगाएं।

2. मिट्टी की नमी जांच कर पानी दें और गमले को धूप में रखें।

फ़ायदे:

1. गाजर में विटामिन A और बीटा-कैरोटीन की भरपूर मात्रा होती है, जो दृष्टि को सुधारने में मदद करती है और रात की अंधापन जैसी समस्याओं को कम करती है।

2. गाजर में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो त्वचा की चमक बढ़ाते हैं और उसे स्वस्थ रखते हैं। ये उम्र बढ़ने के संकेतों को भी कम कर सकते हैं।


F. लौकी - 

विधि: 

1. गमले में लौकी के 2 बीजों को 1-2 सेंटीमीटर गहराई में बोएं। चाहें तो बाद में एक पौधा निकाल सकते हैं।

2. मिट्टी की नमी जांच कर पानी दें और गमले को धूप में रखें। 

3. आप पौधे को सपोर्ट देने के लिए घर में छोटे लकड़ी के ढांचे का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक बात ध्यान रखें, यह पौधा घर की गैलरी में रखें।

4. एक लौकी के पौधे को 7 से 15 फल निकल सकते हैं। 

फ़ायदे: 

1. लौकी में कम कैलोरी और कम सोडियम होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है और ह्रदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।

2. लौकी में विटामिन C और पानी की भरपूर मात्रा होती है, जो त्वचा को हाइड्रेटेड बनाए रखती है और त्वचा की चमक बढ़ाती है।


G. प्याज़ - 

विधि: 

1. एक गमले में आप कम से कम 10- 15 बीज लगा सकते हैं।

2. बीज 0.5 सेंटीमीटर गहराई में लगाएं।

3. मिट्टी की नमी जांच कर पानी दें और गमले को धूप में रखें।

फ़ायदे: 

1. बीज लगाने के बाद 3 महीने में ताजे प्याज मिल सकते हैं।

2. प्याज में एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे क्वेरसेटिन होते हैं, जो हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं और रक्तदाब को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।


H. हरी धनिया - 

विधि: 

1. आप एक मुट्ठी भर धनिया गमले में बुवाई कर सकते हैं। 

2. धनिया की बीज की बुवाई 0.5 सेंटीमीटर गहराई में करें। 

3. मिट्टी की नमी जांच कर पानी दें और गमले को छायादार स्थान पर रखें।

फ़ायदे: 

1. एक गमले से दो से तीन गड्डियां निकल सकती हैं। आप धनिया की कटाई 2 से 3 बार कर सकते हैं।

2. धनिया में पाचन क्रिया को बेहतर बनाने वाले गुण होते हैं। यह पेट के गैस, अपच और सूजन को कम करने में मदद करता है।


I. ककड़ी और करेला - 

विधि:  

1. गमले में ककड़ी और करले के बीजों को 1-2 सेंटीमीटर गहराई में लगाएं।

2. आप लौकी के पौधे जैसा इन पौधों को सपोर्ट देने के लिए घर में छोटे लकड़ी के ढांचे का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक बात ध्यान रखें, यह पौधा घर की बालकनी में रखें।

3. मिट्टी की नमी जांच कर पानी दें और गमले को धूप में रखें।

फ़ायदे: 

1. ककड़ी (खीरा) के एक पौधे से आमतौर पर 15 से 30 ककड़ी तक प्राप्त की जा सकती है।

2. ककड़ी में 95% पानी होता है, जो शरीर को हाइड्रेटेड बनाए रखने में मदद करता है और गर्मी के मौसम में राहत प्रदान करता है।

J. फूलगोभी - 

विधि: 

1. एक गमले में आप एक से दो बीज लगा सकते हैं या सीधे नर्सरी से पौधे भी लगा सकते हैं।

2. बीज आपको 0.5 सेंटीमीटर गहराई में लगाएं।

3. मिट्टी की नमी जांच कर पानी दें और गमले को धूप में रखें।

फ़ायदे: 

1. गमले आप ठंड के दिनों में सबसे अच्छा फूलगोभी निकलता है। 

2. फूलगोभी में विटामिन C, K, और B6, साथ ही फोलिक एसिड, पोटेशियम, और मैंगनीज जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं जो संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हैं।


सारांश - 

घर के गमले में सब्ज़ियाँ उगाना एक आसान और फायदेमंद तरीका है पौष्टिक आहार प्राप्त करने का। सही गमला, मिट्टी, और बीजों का चयन कर, आप टमाटर, पालक, मिर्च, भिंडी, गाजर, लौकी, प्याज़, धनिया, ककड़ी, और फूलगोभी जैसी सब्ज़ियाँ उगा सकते हैं। ये सब्ज़ियाँ न केवल आपके आहार को बेहतर बनाती हैं, बल्कि आपके घर के गार्डन को भी हरा-भरा बनाती हैं। गमले में सब्ज़ियाँ उगाने से आप ताजे और स्वस्थ खाद्य पदार्थों का आनंद ले सकते हैं।


अक्सर पूछे जानें वाले प्रश्न - 

1. गमले में कौन सी सब्जियां उगाना सबसे अच्छा है? 

उत्तर - गमले में टमाटर, प्याज, भिंडी, फूलगोभी, लौकी, हरी धनिया, ककड़ी और करेला, हरी मिर्च, पालक आदि सब्जियां उगा सकते हैं। 

2. सबसे जल्दी तैयार होने वाली सब्जी कौन सी है?

उत्तर - धनिया सबसे जल्दी तैयार होने वाली सब्जी है। 

3. भारत में घर पर गमलों में सब्जियां कैसे उगाएं?

उत्तर - आप गमले में मिट्टी, कोकोपीट, और कम्पोस्ट डालकर सब्जियाँ उगा सकते हैं।

4. गमले में ठंड में कौन सी सब्जियां उगा सकते हैं?

उत्तर - सर्दियों में गाजर, ब्रोकली, फूलगोभी, मटर, और बीट जैसे सब्जियां उगा सकते हैं?

5. चीनी मिट्टी के गमले में पौधे कैसे लगाएं? 

उत्तर - चीनी मिट्टी के गमले में नीचे पानी की निकासी के लिए छिद्र बनाएं, ताकि मिट्टी में उचित नमी बनी रहे। 

6. गमले का चयन कैसे करना चाहिए? 

उत्तर - आप प्लास्टिक, मिट्टी, या टेराकोटा के गमले का उपयोग कर सकते हैं।


लेखक

BharatAgri Krushi Doctor

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