मिर्च की फसल में इस रोग के नियंत्रण से होगा लाखो रूपए का फ़ायदा।

मिर्च की फसल में इस रोग के नियंत्रण से होगा लाखो रूपए का फ़ायदा।

मिर्च के इन रोगों के नियंत्रण से होगा 4 लाख रूपए का फ़ायदा | Mirch Ki Kheti 

किसान भाइयों मिर्च की फसल की खेती पूरी दुनिया में एक खाद्य पदार्थ के रूप में की जाती है। मिर्च की खेती से आप औसतन 15 लाख रूपए प्रति एकड़ के हिसाब से कमाई कर सकते हैं। मिर्च की खेती आप दुनिया के किसी भी कोने में कर सकते हो। मिर्च की खेती से पैसे कमाना आसान है, क्योकि इसकी मांग बाजार में सालभर रहती है।  मिर्च काफी तीखी होने से इसका उपयोग सब्जी, आचार, मसाले, औषधीय और सॉस आदि  बनाने में किया जाता है।  

भारत में मिर्च की खेती करने वाले राज्य | Chilli growing states in India

किसान भाइयों भारत में हरी मिर्च (Green Chilli) और लाल मिर्च (Red Chilli) के अधिक उत्पादन देने वाले राज्य जैसे - राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, उडीसा, तमिलनाडु और उत्तरप्रदेश हैं। बताये गए राज्य के किसान मिर्च की विभिन्न किस्मों (Chilli Varieties) की खेती कर के प्रति एकड़ 250 - 300 क्विंटल का उत्पादन ले रहे हैं। मिर्च के प्रकार (Types of chilli) जैसे लाल मिर्च, हरी मिर्च. पीली मिर्च, काली मिर्च, शिमला मिर्च इसी के साथ कश्मीरी मिर्च (kashmiri chilli), गुंटूर मिर्च (guntur chilli), कश्मीरी लाल मिर्च (kashmiri red chilli) आदि।  

मिर्च की खेती के लिए जलवायु | Climate for Chilli Cultivation 

किसान भाइयों मिर्च की खेती विभिन्न जलवायु में कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए गर्म और आर्द्र जलवायु सबसे उपयुक्त रहती है। गर्मी के मौसम में मिर्च की खेती और सर्दी के मौसम में मिर्च की खेती आप आसानी से कर सकते हो और अच्छा उत्पादन ले सकते हो।  

मिर्च की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी  | Suitable soil for chilli cultivation

मिर्च की खेती या फसल आप सभी प्रकार की मिट्टी या मृदा में कर सकते हो। लेकिन फसल से अच्छी पैदावार या उत्पादन के लिए हल्की उपजाऊ दोमट या बलुई मृदा या मिट्टी जिसमें जल निकास अच्छा होता हो, और मिट्टी का pH मान 6 से 7 के बीच हो,  इसकी खेती के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है।  

मिर्ची की खेती करने का समय | Chilli cultivation time

किसान भाइयों मिर्ची की खेती अधिकतर किसान खरीब के मौसम में ज्यादा करते हैं, लेकिन आप मिर्ची की खेती (Chilli crop) साल में तीनों मौसम कर सकते हो जैसे खरीब मौसम, रबी मौसम, और जायद मौसम।   

मिर्ची की खेती करने का उपयुक्त समय निम्न हैं - 

खरीब मौसम में मिर्ची की खेती | Chilli cultivation in Kharif season 

किसान भाइयों आप के लिए खरीब के मौसम में मिर्ची की खेती करने का सही समय जून-जुलाई है।  इस मौसम में आप आसानी से खेती करके अच्छा उत्पादन ले सकते हो।  

रबी मौसम में मिर्ची की खेती | Chilli cultivation in Rabi season 

किसान भाइयों आप के लिए रबी के मौसम में मिर्ची की खेती करने का सही समय सितम्बर-अक्टूबर  है। इस मौसम आप आसानी से खेती करके अच्छा उत्पादन ले सकते हो।  

जायद मौसम में मिर्ची की खेती | Chilli cultivation in Zaid season 

किसान भाइयों आप के लिए जायद या गर्मी के मौसम में मिर्ची की खेती करने का सही समय फरवरी-मार्च है।  इस मौसम आप आसानी से खेती करके अच्छा उत्पादन ले सकते हो।  

नोट - बताये गए तीनों मौसम के महीनों में आप को मिर्च की बुवाई कर देनी चाहिए।  

मिर्च की उन्नत किस्में  | Varieties of chilli 

किसान भाइयों आप को बता दें की मिर्च की खेती के लिए अच्छी किस्मों (Chilli Best variety) की जरुरत होती है जिसे उगाकर अच्छी मिर्च की पैदावार ले सकते हो। देखा जाये तो अलग-अलग जलवायु के अनुसार या हिसाब से मिर्च की किस्मों (Chilli variety) की खेती जाती हैं, लेकिन हो सके तो आप अपने क्षेत्र के अनुसार और बाजार मांग के अनुसार प्रचलित मिर्ची की किस्मों की बुवाई कर सकते हैं, जिससे अच्छा उत्पादन मिले।  

मिर्च की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग | Major diseases of chilli crop

जैसे की आप को पता ही है, कि आप अगर मिर्ची की खेती करते हो तो विभिन्न प्रकार के कीट और रोगों की समस्या आती हैं, जिसके कारण फसल उत्पादन में कमी देखने को मिलती है।तो चलिए आगे बढ़ें और मिर्च की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग एवं उनके नियंत्रण के बारे में विस्तृत विवरण जानें। 

  • मिर्च का  आर्द्र गलन  रोग | Chilli Damping off disease 

  • मिर्च की फसल में लगने वाला आर्दगलन रोग एक कवक या फंगस के माध्यम से होता है।  

    मिर्च का आर्द्र गलन रोग के लझण | Symptoms of Chilli Damping off disease 

    इस रोग के लझण निम्न हैं - 

    1. किसान भाइयों आप को बता दे की मिर्च में आर्दगलन रोग (Damping off disease) Pythium aphanidermatum नामक फंगस के कारण होता है।  
    2. बीज के अंकुरण के समय से ही फसल में आर्द्र गलन (Damping off disease) का प्रकोप दिखाई देने लगता है।
    3. आर्द्र गलन (Damping off disease) बीजजनित और मृदाजनित रोग होता है।  
    4. आर्द्र गलन (Damping off disease) जब मिट्टी में अधिक नमी हो या फिर मिट्टी का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस हो तब इस रोग का पौधों में प्रकोप दिखाई देता है।  
    5. इस रोग के कारण बीज की अंकुरण झमता कम हो जाती है।  
    6. क्यारियों में बीज की बुवाई करने के बाद इस रोग के लक्षण दिखाई देते हैं।  
    7. यह रोग नए पौधों के तने को प्रभावित करते हैं।  
    8. प्रभावित रोग के कारण पौधों के तने हल्के भूरे रंग के दिखाई देते हैं।  
    9. इस रोग के कारण पौधों का आकार छोटा होता है, जमीन की सतह पर स्थित तने का भाग काला पड़ कर कमजोर होने लगता है।  
    10. आर्द्र गलन रोग (Damping off disease) की समस्या ज्यादा होने पर पौधे सूख कर मरना शुरू कर देते हैं।  

    मिर्च आर्द्र गलन रोग का निवारक उपचार | Preventive treatment of chilli rot disease

    मिर्च की फसल में आर्द्र गलन रोग का प्रारंभिक उपचार निम्न हैं - 

    1. बीज की बुवाई के पहले खेत की गहरी जुताई करें।  
    2. मिर्च के बीज की बुवाई के पहले बीजो को उपचारित करके बुवाई करें । 
    3. मिर्च बीज उपचार के लिए धानुका कंपनी का वीटा वेक्स पावर (Vitavax Power) जिसके अंदर रासायनिक संरचना (Carboxin 37.5% + Thiram 37.5% DS) होती है, इसे हमें 2 से 3 ग्राम प्रति किलो बीज के अनुसार उपचारित करना है।  
    4. जैविक बीजोपचार के लिए आंनद एग्रो कंपनी का डर्मस (Dermus) जैविक फफूंदनाशक जिसके अंदर (Trichoderma viride) पाया जाता हैं, इसे हमें 4 से 5 मिली प्रति किलो बीज के अनुसार उपचारित करना है।  
    5. मिर्च की रोपाई के पहले हमें Seedling treatment UPL कंपनी के साफ़ (Saaf Fungicide) जिसके अंदर रासायनिक संरचना (Carbendazim 12% and Mancozeb 63% WP) पाई जाती हैं, इसे हमें 2 से 3 ग्राम पानी में डाल कर पौधों को उपचारित करना हैं। 

    मिर्च के आर्द्र गलन रोग का उपचार  Treatment of chilli Damping off disease

    मिर्च में आर्द्र गलन  (Damping off disease) रोग का नियंत्रण निम्न रूप सेभी  कर सकते हैं - 

    1. धानुका कंपनी का सिक्सर फफूंदनाशक (Sixer Fungicide) जिसके अंदर रासायनिक संरचना (Carbendazim 12% and Mancozeb 63% WP) पाई जाती है, इसे हमें 2 से 3 ग्राम पानी में डाल कर पौधों की ड्रेंचिंग करना चाहिए। या फिर 
    2. धानुका कंपनी का Dhanustin Fungicide जिसके अंदर रासायनिक संरचना (Carbendazim 50% WP) पाई जाती है, इसे हमें 2 से 3 ग्राम पानी में डाल कर पौधों की ड्रेंचिंग करना चाहिए। या फिर 
    3. सिंजेंटा कंपनी का रिडोमिल गोल्ड फफूंदनाशक (Ridomil gold Fungicide) जिसके अंदर रासायनिक संरचना  (Metalaxyl 8% WP + Mancozeb 64% WP) पाई जाती है, इसे हमें 2 से 3 ग्राम पानी में डाल कर पौधों की ड्रेंचिंग करना चाहिए। 
    4. रोग की समस्या ज्यादा होने पर बायोस्टैड  कंपनी का रोको फफूंदनाशक (Roko fungicide) जिसके अंदर रासायनिक संरचना  Thiophanate-methyl 70 % WP पाई जाती है, इसे हमें 2 से 3 ग्राम पानी में डाल कर पौधों की ड्रेंचिंग करना चाहिए।  
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