बादाम (Almond) एक महत्वपूर्ण ड्राई फ्रूट है, जो अपने पोषक तत्वों और स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रसिद्ध है। यह प्रोटीन, विटामिन, और खनिजों से भरपूर होता है और दुनिया भर में इसके कई लाभकारी गुणों के कारण मांग में रहता है। भारत में भी बादाम की खेती बढ़ती जा रही है, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ की जलवायु इसके विकास के लिए अनुकूल होती है। भारतअॅग्री के माध्यम से जानें बादाम की खेती (Badam Ki Kheti) का समय, बेस्ट किस्में, बीज दर, उर्वरक, खरपतवार, कीटों और रोगों का नियंत्रण की सम्पूर्ण जानकारी के बारें में।
भारत में बादाम की खेती | Almond Cultivation in India -
भारत में बादाम की खेती मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड में की जाती है। जम्मू-कश्मीर में बादाम की सबसे अधिक खेती होती है, यहाँ की जलवायु और मिट्टी इसके लिए अनुकूल है।
बादाम की खेती का समय -
बादाम की खेती आमतौर पर सर्दियों के मौसम में शुरू होती है। बीजों को फरवरी से मार्च तक बोया जाता है, और पौधों को मई से जून तक रोपित किया जाता है। कटाई का समय आमतौर पर अगस्त से अक्टूबर के बीच होता है।
बादाम की खेती के लिए मौसम और जलवायु -
1. बादाम की खेती के लिए ठंडी जलवायु की आवश्यकता होती है ताकि प्रति बादाम के पौधों से ज्यादा उत्पादन मिल सके।
2. बादाम की फसल के लिए गर्मियों में 30 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान पौधों की वृद्धि और फल भरने के लिए महत्वपूर्ण होता है।
3. जब फूल छोटे होते हैं, तो वे 2.2 डिग्री सेल्सियस से 3.3 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को सहन कर सकते हैं। हालांकि, यदि कम तापमान लंबे समय तक बना रहे, तो यह फसल को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
खेत की तैयारी और मिट्टी -
1. बादाम की खेती के लिए खेत की तैयारी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बादाम के उत्पादन और गुणवत्ता पर असर डालती है।
2. सबसे पहले खेत की मिट्टी की जाँच कराएँ। बादाम के लिए अच्छे जल निकासी वाली, बलुई-चिकनी मिट्टी (loamy soil) सबसे उपयुक्त होती है। मिट्टी का pH 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए।
3. खेत की जुताई गहरी और अच्छी तरह से करनी चाहिए। पहली जुताई 30-40 सेंटीमीटर की गहराई में करें, और फिर दूसरी जुताई हल्की करें।
4. खेत में पानी की अच्छी निकासी के लिए उचित नालिया बनायें । ध्यान रहे कि बादाम के पौधों को अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती और पानी का ठहराव जड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है।
5. फसल के विकास के लिए सामान्यत: गोबर की खाद 5 से 6 टन या फिर वर्मी कम्पोस्ट खाद 2 से 3 टन प्रति एकड़ अनुसार उर्वरक का प्रयोग करें।
6. खेत को जुताई से समतल करें ताकि उर्वरक के फैलाव पूरे खेत में हो और पानी का सही ढंग से वितरण हो सके और पानी कहीं ठहरे नहीं।
बादाम की प्रमुख किस्म | Almond Crop Variety -
बादाम की प्रमुख वैरायटी |
बादाम की हाइब्रिड किस्म |
माम्रेल (Mammoth) |
पोरवेल्ड (Porweld) |
नॉनपरेइल (Nonpareil) |
वीटा (Vita) |
कारमल (Carmel) |
आलमो (Almo) |
विनर (Winters) |
पल्मर (Palmer) |
चालेंजर (Challenger) |
सील (Seal) |
प्रॉस्ट (Frost) |
संग्रीन (Sangreen) |
फेरेन (Ferren) |
लेस्टर (Lester) |
बडेव (Badaw) |
ज्वेल (Jewel) |
लार्ज (Large) |
लाइटनिंग (Lightning) |
डाइमंड (Diamond) |
क्लियर (Clear) |
बादाम की बीजदर प्रति एकड़ अनुसार | Almond Seed Rate -
बादाम के पौधों की रोपाई का उचित समय फरवरी से मार्च है। बादाम की खेती के लिए बीज दर लगभग 200 से 250 पौधे प्रति एकड़ होती है। पौधों की रोपाई के लिए उचित दूरी 6x6 मीटर या 8x8 मीटर रखी जानी चाहिए।
खाद और उर्वरक की प्रति एकड़ मात्रा और समय -
खाद और उर्वरक |
उपयोग मात्रा |
उपयोग समय |
गोबर की खाद |
10-15 क्विंटल प्रति एकड़ |
खेत की तैयारी के समय, जुताई के दौरान मिलाएँ। |
नाइट्रोजन (N) |
60-80 किलोग्राम प्रति एकड़ |
दो भागों में बांट कर दें: पहला भाग पौधों के रोपाई होने के बाद और दूसरा भाग फूल आने के दौरान। |
फास्फोरस (P) |
40-60 किलोग्राम प्रति एकड़ |
खेत की तैयारी के समय, जुताई के दौरान मिलाएँ। |
पोटेशियम (K) |
40-60 किलोग्राम प्रति एकड़ |
दो भागों में बांट कर दें: पहला भाग पौधों के रोपाई होने के बाद और दूसरा भाग फल आने के दौरान। |
जिंक (Zn) |
5-10 किलोग्राम प्रति एकड़ |
खेत की तैयारी के समय या पौधों की वृद्धि अवस्था में दें। |
बोरॉन (B) |
0.5-1 किलोग्राम प्रति एकड़ |
फूल आने के दौरान या फल सेट के समय में दें। |
बादाम फसल में कीटों की समस्या | Almond Crop Insect Problem -
कीटों की समस्या |
कीटनाशक का नाम |
उपयोग मात्रा |
टविंग बोरर (Twing Borer) |
80 ग्राम प्रति एकड़ |
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लाल मकड़ी (Red Mites) |
150 मिली प्रति एकड़ |
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बीटल्स (Almond Bark Beetle) |
450 ग्राम प्रति एकड़ |
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माहू (Aphid) |
80 मिली प्रति एकड़ |
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तना छेदक (Stem Borer) |
60 मिली प्रति एकड़ |
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सफेद लट (White Grub) |
200 ग्राम प्रति एकड़ |
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दीमक (Termites) |
200 मिली प्रति एकड़ |
बादाम फसल में रोगों की समस्या | Almond Crop Disease Problems -
रोगों के नाम |
फफूंदनाशक के नाम |
उपयोग मात्रा |
एन्थ्रेक्नोज (Anthracnose) |
300 ग्राम प्रति एकड़ |
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जड़ सड़न (Root Rot) |
500 ग्राम प्रति एकड़ ड्रेंचिंग |
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झुलसा रोग (Blight Disease) |
450 मिली प्रति एकड़ |
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स्कैब (Scab Disease) |
400 ग्राम प्रति एकड़ |
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बैक्टीरियल स्पॉट (Bacterial Spot) |
400 ग्राम प्रति एकड़ |
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उखटा रोग (Wilt Disease) |
500 ग्राम प्रति एकड़ |
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रस्ट रोग (Rust Disease) |
300 ग्राम प्रति एकड़ |
फसल की कटाई और समय | Almond Harvesting -
बादाम की फसल की कटाई आमतौर पर अगस्त से अक्टूबर के बीच किस्मों के अनुसार अलग-अलग की जाती है। फल को तब काटना चाहिए जब उसकी बाहरी परत सूख जाए और खोलने पर बादाम का कवच पूरी तरह से विकसित हो। काटने के बाद बादाम को छांव में सूखने के लिए रखें।
बादाम की फसल प्रति एकड़ उत्पादन | Almond Production -
बादाम की फसल से प्रति एकड़ उत्पादन औसतन 900 से 1000 किलोग्राम होता है, जो कि किस्म, मिट्टी की गुणवत्ता और खेती की तकनीक पर निर्भर करता है।
सारांश -
1. बादाम की खेती एक लाभकारी कृषि व्यवसाय हो सकता है यदि सही जलवायु, मिट्टी, और कृषि विधियों का पालन किया जाए।
2. भारत में इसकी खेती मुख्यतः ठंडी जलवायु वाले क्षेत्रों में की जाती है।
3. खेत की उचित तैयारी, सही बीज चयन, खाद और उर्वरक का उपयोग, और कीट और रोगों का नियंत्रण करके आप एक सफल बादाम की फसल उगा सकते हैं और अच्छे उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न -
1. भारत में बादाम की खेती कहां कहां की जाती है?
उत्तर: जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड में।
2. बादाम की खेती का उचित समय क्या है?
उत्तर: फरवरी से मार्च के बीच बीज बोने और मई से जून में पौधों की रोपाई का समय है।
3. बादाम की खेती के लिए किस प्रकार की मिट्टी उपयुक्त है?
उत्तर: अच्छी जल निकासी वाली बलुई-चिकनी मिट्टी (loamy soil)।
4. बादाम की प्रमुख किस्में कौन सी हैं?
उत्तर: माम्रेल, नॉनपरेइल, कारमल, आलमो, पोरवेल्ड आदि।
5. बादाम की खेती के लिए उपयुक्त तापमान क्या है?
उत्तर: गर्मियों में 30-35°C और सर्दियों में 0.5-2.2°C के बीच।
6. बादाम की फसल में बोरर की समस्या कैसे नियंत्रित करें?
उत्तर: धानुका ईएम-1 कीटनाशक का 80 ग्राम प्रति एकड़ उपयोग करें।
7. बादाम की फसल में स्कैब रोग को कैसे नियंत्रित करें?
उत्तर: बयार एंट्राकोल फफूंदनाशी का 400 ग्राम प्रति एकड़ उपयोग करें।
8. बादाम की फसल की कटाई का सही समय क्या है?
उत्तर: अगस्त से अक्टूबर के बीच जब बाहरी परत सूख जाए।
9. बादाम का प्रति एकड़ उत्पादन कितना होती है?
उत्तर: बादाम का प्रति एकड़ उत्पादन औसतन 900 से 1000 किलोग्राम।
लेखक
BharatAgri Krushi Doctor