बायर एंट्राकोल (प्रोपीनेब 70% डब्लू पी) फफूंदनाशी (1+1 कॉम्बो)
बायर एंट्राकोल (प्रोपीनेब 70% डब्लू पी) फफूंदनाशी (1+1 कॉम्बो)
Dosage | Acre |
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बायर एंट्राकोल (प्रोपीनेब 70% डब्ल्यूपी) फफूंदनाशी की जानकारी -
बायर एंट्राकोल रासायनिक संरचना प्रोपिनेब 70% डब्ल्यूपी से बना सर्वश्रेष्ठ फफूंदनाशी है यह फसलों को प्रभावित करने वाले सभी प्रकार के रोगों को ख़त्म करता है तथा फसलों को सम्पूर्ण सुरक्षा प्रदान करता है और रोगों से दूर रखता है। एंट्राकोल पोषक तत्वों की कमी के दौरान फसलों को महत्वपूर्ण जिंक की कमी को पूर्ण करता है।
प्रोडक्ट का नाम | एंट्राकोल |
प्रोडक्ट कंटेंट | प्रोपीनेब 70% डब्ल्यूपी |
कंपनी का नाम | बायर |
प्रोडक्ट का वर्ग | फफूंदनाशी |
कार्यविधि | संपर्क |
उपयोग मात्रा | 2.5 ग्राम/लीटर. 40 ग्राम/पंप (15 लीटर पंप) 400 ग्राम/एकड़ छिड़काव |
एंट्राकोल फफूंदनाशी का कंटेंट/रासायनिक संरचना -
एंट्राकोल फफूंदनाशी में कंटेंट प्रोपिनेब 70% डब्ल्यूपी पाया जाता है यह सभी प्रकार के रोगों की ख़त्म करने का काम करता है। यह फसलों को रोगों से सम्पूर्ण सुरक्षा प्रदान करता है जिससे फसल उत्पादन प्रति एकड़ अनुसार बढ़ता है।
प्रोडक्ट की कार्यविधि -
एंट्राकोल फफूंदनाशी रोगों के कई चरणों में उनके चयापचय (मेटाबॉलिज्म) को बाधित करके काम करता है, जिसमें श्वसन श्रृंखला, कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन चयापचय, और कोशिका झिल्ली शामिल हैं। यह एक साथ एक से अधिक रोगों को तुरंत नियंत्रित करता है और फसल के विकास में मदद करता है।
प्रोडक्ट की विशेषताएं और लाभ -
➔ यह फफूंदनाशी धान, मिर्च, अंगूर, आलू और कई सब्जियों और फलों जैसी फसलों में विभिन्न प्रकार की बीमारियों को नियंत्रित करता है ।
➔ यह पौधों के लिए जिंक रिलीज करता है जिससे पौधों में जिंक की कमी दूर होती है और फसलों के विकास को बढ़ावा मिलता है।
➔ जिंक (Zn) मिलने से न केवल पौधों की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, बल्कि सम्पूर्ण फसल की वृद्धि में भी सुधार होता है।
➔ यह रोगों के प्रभाव को ख़त्म करके फसल की गुणवत्ता में सुधार करता है, जिससे अधिक पैदावार और बेहतर उत्पादन होता है।
➔ यह कई प्रकार की बीमारियों के खिलाफ मजबूत प्रतिरोध प्रदान करता है और रोगों को नियंत्रित करता है।
➔ यह एक अपेक्षाकृत कम विषाक्तता वाला एक फफूंदनाशी है, जो मनुष्यों, जानवरों और पर्यावरण के प्रति सुरक्षित है ।
फसल में रोगों का नियंत्रण और उपयोग मात्रा -
फसल का नाम | रोगों का नियंत्रण | मात्रा/एकड़ |
सेब | स्कैब रोग | 600 ग्राम |
अनार | लीफ और फ्रूट स्पॉट रोग | 600 ग्राम |
आलू | अगेती झुलसा और पछेती झुलसा रोग | 600 ग्राम |
मिर्च | डाई बैक रोग | 600 ग्राम |
टमाटर | बुक्क आई रॉट रोग | 600 ग्राम |
अंगूर | डाउनी मिल्ड्यू | 600 ग्राम |
धान | ब्राउन लीफ स्पॉट और नैरो लीफ स्पॉट | 600 ग्राम |
उपयोग मात्रा | मात्रा/एकड़ |
500 किग्रा × 2 | 2 एकड़ |
500 किग्रा × 4 | 4 एकड़ |
500 किग्रा × 6 | 6 एकड़ |
प्रोडक्ट का उपयोग कैसे करें ?
➔ लेबल पढ़ें: उपयोग मात्रा, सुरक्षा सावधानियों और प्राथमिक चिकित्सा पर महत्वपूर्ण जानकारी के लिए प्रोडक्ट लेबल और सुरक्षा डेटा शीट का अध्ययन करें।
➔ सुरक्षात्मक सुरक्षा किट पहनें: लेबल पर अनुशंसित अनुसार दस्ताने और फेस शील्ड सहित उचित पीपीई किट छिड़काव के समय पहनें।
➔ मिश्रण और घोल : दवा को सटीक रूप से माप कर और इसे पानी की निर्दिष्ट मात्रा के साथ मिक्स करके एक समान घोल तैयार करें।
➔ उपयोग का समय: लेबल पर बताए अनुसार फसल चरण के दौरान उपयोग करें।
➔ उपयोग मात्रा : अति प्रयोग को रोकने और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए अनुशंसित उपयोग मात्रा का पालन करें।
➔ पर्यावरण संबंधी बातें: तेज़ हवाओं या आसन्न बारिश से बचते हुए, अनुकूल मौसम की स्थिति में उपयोग करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न -
प्रश्न- एंट्राकोल का कंटेंट क्या है?
उत्तर- एंट्राकोल का मुख्य घटक प्रोपीनेब 70% डब्ल्यूपी है।
प्रश्न- एंट्राकोल किन फसलों के रोगों को नियंत्रित करता है?
उत्तर- एंट्राकोल धान, मिर्च, अंगूर, आलू, टमाटर, सेब, और अनार जैसे फसलों के विभिन्न रोगों को नियंत्रित करता है।
प्रश्न- एंट्राकोल की उपयोग मात्रा क्या है?
उत्तर- एंट्राकोल की सिफारिशित मात्रा 2.5 ग्राम/लीटर या 400 ग्राम/एकड़ छिड़काव है।
प्रश्न- क्या एंट्राकोल पौधों के लिए कोई पोषक तत्व प्रदान करता है?
उत्तर- हाँ, एंट्राकोल पौधों को जिंक प्रदान करता है।
प्रश्न- एंट्राकोल का कार्यविधि क्या है?
उत्तर- एंट्राकोल रोगों के चयापचय को बाधित करके काम करता है।
प्रश्न- कौन-कौन सी बीमारियों के लिए एंट्राकोल प्रभावी है?
उत्तर- एंट्राकोल स्कैब, लीफ और फ्रूट स्पॉट, अगेती झुलसा, डाई बैक, बुक्क आई रॉट, डाउनी मिल्ड्यू, और ब्राउन लीफ स्पॉट जैसी बीमारियों के लिए प्रभावी है।
प्रश्न- एंट्राकोल का असर किस प्रकार के रोगों पर होता है?
उत्तर- एंट्राकोल का असर विभिन्न प्रकार के फफूंद जनित रोगों पर होता है।