किसान भाइयों नमस्कार, स्वागत है BharatAgri Krushi Dukan वेबसाइट पर। आज हम जानेंगे कपास की फसल में गुलाबी सुंडी या पिंक बॉलवर्म (Cotton pink bollworm insect) की सम्पूर्ण जानकरी जैसे - कपास की फसल में गुलाबी इल्ली की समस्या, लक्षण (pink bollworm insect symptoms in cotton crop), कपास की गुलाबी सुंडी का नियंत्रण (control pink bollworm insect), गुलाबी इल्ली के नियंत्रण की बेस्ट दवाई (Best Insecticide for pink bollworm insect) की सम्पूर्ण जानकारी और स्मार्ट टिप्स।
भारत के विभिन्न क्षेत्रों में कपास पर गुलाबी इल्ली (सुंडी) नामक एक प्रमुख कीट का प्रकोप हो रहा है। आजकल, कपास के बड़े दुश्मन के रूप में पिंक बॉल वार्म (Pink Bollworm) यानी गुलाबी सुंडी कीट का प्रकोप सबसे बढ़ गया है। इस कीट के आक्रमण से कपास के बीजों को नुकसान होता है जिससे आर्थिक हानि होती है। गुलाबी इल्ली का प्रकोप फसल के विकास के दौरान और फलों के परिपाक की अवस्था में होता है। यह कीट फलीय अंगों में छुपकर प्रकाश से दूर रहकर नुकसान पहुँचाती है, जिससे नुकसान की पहचान करना कठिन होता है और फसल को अधिक नुकसान होता है।
कपास, भारतीय कृषि का महत्वपूर्ण हिस्सा है और हमारे देश के किसानों के लिए आर्थिक विकल्प का स्रोत है। हालांकि, इस महत्वपूर्ण फसल को गुलाबी सुंडी (Pink Bollworm) की समस्या से निपटना मुश्किल होता जा रहा है। इस ब्लॉग में, हम आपको गुलाबी सुंडी की समस्या की विस्तारपूर्ण जानकारी और इसके नियंत्रण के तरीके बताएंगे।
गुलाबी सुंडी (Pink Bollworm) क्या है? -
अक्सर हम देखते हैं कि जून-जुलाई के महीनों में कपास के पौधों पर गुलाबी सुंडी वाले कीट आक्रमण कर लेते हैं। ये कीट कपास की फसल के फूलों को नुकसान पहुंचाते हैं जब वे फूलने की प्रक्रिया में होते हैं, और इससे फसल की क्वालिटी पर बुरा असर पड़ता है। जबकि कपास की फसल में फूल नहीं होते, लेकिन इन फूलों पर बैठकर गुलाबी सुंडी वाली मादा तितली अपने अंडे देती हैं। इन अंडों से 60 दिनों के अंदर धीरे-धीरे कीट बाहर आते हैं, जो पूरी फसल पर व्याप्त होकर उसकी गुणवत्ता को कम कर देते हैं। इस समस्या का समाधान पाने के लिए, हमें समय पर कीट नियंत्रण करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे फसल को किसी भी प्रकार की हानि नहीं पहुंचेगी और कीटों को समय पर समाप्त किया जा सकेगा।
कपास की फसल में गुलाबी सुंडी का कैसे पता लगाएं | Pink bollworm insect identification -
कपास की फसल में गुलाबी सुंडी यह एक प्रौढ़, गहरे स्लेटी चमकीले रंग के, 8 से 9 मि.मी. के आकार वाले फुर्तीला कीट है। इसके अंडे हल्के गुलाबी और बैंगनी रंग के होते हैं, जो कि प्रायः नए विकसित पत्तियों और कलियों पर पाए जाते हैं। प्रारंभिक अवस्था में लटों का रंग सफेद होता है, जो बाद में गुलाबी हो जाते हैं। पूर्ण विकसित लटों की लम्बाई 10 से 12 मि.मी. तक होती है।
गुलाबी सुंडी से कपास में नुकसान | Cotton damage by pink bollworm -
फसल के अंदर आर्थिक हानि का स्तर तब तक संकेतित करता है जब फसल के फलीय भागों में 10 प्रतिशत नुकसान दिखाई देते हैं, या जब 20 पौधों पर औसतन 20 लटें दिखाई देती हैं, या जब फसल की अवस्था में हर फेरोमोन ट्रैप में सप्ताह के भीतर 5 से 8 नर पतंगे दिखाई देते हैं।
फसल के अंदर पौधों की निगरानी का तरीका इस प्रकार है कि आप खेत के प्रत्येक कोने, हिस्से और मध्य से पौधों की निगरानी करें। प्रत्येक पौधे के ऊपर और नीचे गिरे हुए फलीय भागों (कलियाँ, फूल और टिंडे) की जांच करके प्रतिशत नुकसान का पता लगाया जा सकता है। इन 20 पौधों पर मौजूद लटों की कुल संख्या के साथ, प्रति पौधे औसतन लट संख्या के साथ प्रति पौधे औसतन लटों की संख्या निर्धारित की जा सकती है।
गुलाबी सुंडी का कपास में हमला | Pink bollworm attack in cotton -
जब कपास की फसल में गुलाबी सूंडी कीट का प्रकोप होता है, तो सूंडी 10 दिनों तक फूलों की डोडी पर हमला करती है, जिससे फूल टूटकर नीचे गिरने लगते हैं। सूंडी या उसके लार्वा फूलों की कलियों को खुलने नहीं देते, और वे बंद ही रहती हैं, जिनसे दूर से देखने पर वे गुलाब की तरह दिखती हैं।
गुलाबी सूंडी के लार्वा कपास के हर टिण्डे में प्रवेश करके कपास के बीजों को खाते हैं, और बड़े होने पर टिण्डों में गोल छेद बनाकर बाहर आते हैं। इनके प्रकोप से कपास की रुई अंदर से धब्बेदार हो जाती है, और फसल की गुणवत्ता बिगड़ जाती है।
गुलाबी सुंडी (Pink Bollworm) के नियंत्रण के उपाय -
1. बायोकंट्रोल का उपयोग: प्राकृतिक दुश्मन कीटों का प्रयोग करके गुलाबी सुंडी को नियंत्रित करें, जैसे कि ट्रिचोग्रामा चिल्डोरमा और ट्रिचोग्रामा ब्रसिकूर।
2. फेरोमोन ट्रैप का उपयोग - गुलाबी इल्ली की शुरुआती अवस्था में नियंत्रण के लिए फेरोमोन ट्रैप 5 नग प्रति एकड़ अनुसार लगाएं।
3. जैविक उपचार: नीम ऑइल (IFC नीम ऑइल 10000 PPM) - 250 मिली प्रति एकड़ 150 लीटर में डाल कर फसल में छिड़काव करें।
4. पौधों की संरक्षण: स्वस्थ पौधों को बनाए रखने के लिए उचित खाद, पानी प्रबंधन और सही फसल संरक्षण तकनीकों का उपयोग करें।
5. खेत की मॉनिटरिंग: खेत में सचेत रहें और गुलाबी सुंडी के प्रकोप की निगरानी के लिए नियमित मॉनिटरिंग करें।
6. फसल की सभी अवस्थाओं में सचेत रहें: फसल के विभिन्न चरणों में सचेत रहकर गुलाबी सुंडी के आक्रमण को पहचानने में मदद करें।
7. फसल के अंतिम अवधि में प्रबंधन: फसल के अंतिम अवधि में सचेत रहें और गुलाबी सुंडी की वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए उपाय अपनाएं।
8. प्रतिरोधी किस्मों का उपयोग - कपास की फसल में गुलाबी इल्ली की समस्या के नियंत्रण के लिए गुलाबी इल्ली के प्रति प्रतिरोधी किस्मो का चयन जरूर करें।
9. जैविक खेती के तरीके का उपयोग: जैविक खेती के तरीकों का अपनान करके गुलाबी सुंडी को नियंत्रित करने में मदद करें।
10. कपास की बुवाई - कपास की खेती और कपास की बुवाई समय पर करें जिससे गुलाबी सुंडी की समस्या फसल पर न आएं।
गुलाबी सुंडी के नियंत्रण के बेस्ट कीटनाशक | Best insecticide to control pink bollworm -
1. सिंजेंटा अलिका कीटनाशक (थियामेथोक्साम 12.6% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5% ZC) - 80 मिली प्रति एकड़ 150 लीटर पानी में डाल कर छिड़काव करें।
2. धानुका ईएम1 कीटनाशक (एमेमेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी) - 80 ग्राम प्रति एकड़ 150 लीटर पानी में डाल कर छिड़काव करें।
3. बायर सोलोमन कीटनाशक (बीटा-साइफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड 300 ओडी )- 150 मिली प्रति एकड़ 150 लीटर पानी में डाल कर छिड़काव करें।
4. सिंजेंटा एम्प्लिगो कीटनाशक (क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 09.30% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 04.60% ZC) - 100 मिली प्रति एकड़ 150 लीटर पानी में डाल कर छिड़काव करें।
5. FMC कोराजेन कीटनाशक (क्लोरैंट्रानिलिप्रोल, 18.5% w/w) - 60 मिली प्रति एकड़ 150 लीटर पानी में डाल कर छिड़काव करें।
6. DOW डेलिगेट कीटनाशक (स्पिनटोरम 11.7% एससी) - 180 मिली प्रति एकड़ 150 लीटर पानी में डाल कर छिड़काव करें।
FAQ | बार - बार पूछे जाने वाले सवाल -
1. गुलाबी सुंडी की रोकथाम के लिए क्या करें?
गुलाबी सुंडी की रोकथाम के लिए: सचेती, जैविक उपचार, और सही खेती प्रबंधन के उपायों का पालन करें।
2. कपास में कौन सी दवा का छिड़काव करना चाहिए?
कपास में पिंक बॉलवर्म के नियंत्रण के लिए धानुका EM 1 कीटनाशक या FMC कोराजेन कीटनाशक दवा का छिड़काव करें।
3. कपास में गुलाबी सुंडी के नियंत्रण के उपाय क्या हैं?
गुलाबी सुंडी को नियंत्रित करने के लिए बायोकंट्रोल, जैविक उपचार, और सचेती का उपयोग किया जा सकता है।
4. गुलाबी सुंडी के नियंत्रण के लिए किस प्रकार के जैविक उपचार का उपयोग किया जा सकता है?
गुलाबी सुंडी के नियंत्रण के लिए नीम ऑइल 300 मिली प्रति एकड़ और पिंक बॉलवर्म फेरोमोन ट्रैप 5 नग प्रति एकड़ उपयोग करें
5. कपास का प्रमुख कीट कौन सा है?
कपास का प्रमुख कीट है - गुलाबी सुंडी (पिंक बॉलवर्म) और सफ़ेद मक्खी ।
Conclusion | निष्कर्ष -
इस ब्लॉग में हमने देखा कि कपास की फसल में गुलाबी सुंडी (पिंक बॉलवर्म) की समस्या एक महत्वपूर्ण चुनौती है जिससे किसानों को निपटना महत्वपूर्ण है। इस कीट के आक्रमण से फसल की गुणवत्ता में हानि होती है और आर्थिक नुकसान होता है। इस समस्या का समाधान पाने के लिए हमें नियमित मॉनिटरिंग करना, जैविक उपचार, और कीटनाशकों का सही उपयोग करना आवश्यक है। इसके अलावा, खेती की उचित देखभाल, बायोकंट्रोल और जैविक खेती के तरीकों का भी उपयोग करके हम गुलाबी सुंडी को नियंत्रित कर सकते हैं। इसे नियंत्रित करने के लिए उपयुक्त दवाइयों का प्रयोग करना भी महत्वपूर्ण है। किसानों को इन उपायों का सही तरीके से अपनाकर गुलाबी सुंडी की समस्या का समाधान करने में मदद मिलेगी और उनकी फसल की पैदावार और आय में सुधार हो सकेगा।
लेखक
भारतअॅग्री कृषि डॉक्टर