kesar ki kheti kaise karen

Kesar ki kheti: केसर की खेती कैसे करें? A to Z जानकारी

दोस्तों नमस्कार, आज भारतअ‍ॅग्री के माध्यम से जानें केसर की खेती जिसे ‘सैफ्रॉन’ भी कहा जाता है, दुनिया का सबसे महंगा और कीमती मसाला है। इसे धरती का सोना कहा जाता है क्योंकि इसकी कीमत सोने जैसी ही होती है। आज हम केसर की खेती कैसे करें इस बारे में सखोल जानकारी प्राप्त करेंगे। 


मुख्य उत्पादक क्षेत्र -

भारत में, केसर की खेती मुख्य रूप से जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में की जाती है। विशेष रूप से, कश्मीर का पांपोर क्षेत्र केसर उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। यहां की मिट्टी और जलवायु केसर की खेती के लिए आदर्श मानी जाती है।


मिट्टी और जलवायु -

केसर की खेती के लिए बंजर और रेत, गाद और चिकनी मिट्टी  सबसे उपयुक्त होती है। जलभराव वाले खेत केसर की खेती के लिए सही नहीं होते, क्योंकि जलभराव से कंद सड़ सकते हैं। केसर के पौधे को हल्की सिंचाई की जरूरत होती है और ठंडे मौसम में इसे विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। इसके लिए दिन में 17°C और रात में 10°C तापमान आदर्श माना जाता है।


केसर खेती के लिए मिट्टी की तैयारी -

आइए नीचे पॉइंट में जानते हैं केसर बुवाई (kesar cultivation) के लिए मिट्टी की तैयारी कैसे करें: 

1. मिट्टी की अच्छी तैयारी के लिए गहरी जुताई करें और कुछ दिनों के लिए खेत को खुला छोड़ें ताकि धूप से हानिकारक जीवाणु नष्ट हो सके।

2. जुताई के बाद, खेत में 20-25 टन प्रति हेक्टेयर अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाकर मिट्टी की उर्वरकता और केसर की जड़ों को पोषक तत्व प्रदान करें।

3. खेत को हल या लकड़ी के पटरे से समतल करें ताकि सिंचाई के समय पानी का समान वितरण हो और जलभराव न हो।

4. खेत में 15-20 सेंटीमीटर ऊंची क्यारियाँ बनाएं। क्यारियों की चौड़ाई 1-1.5 मीटर और लंबाई आवश्यकता अनुसार रखें। क्यारियों के बीच में 30-40 सेंटीमीटर की दूरी छोड़ें ताकि सिंचाई और देखभाल में आसानी हो।


रोपाई का समय -

केसर की रोपाई (kesar cultivation) का उचित समय अगस्त से सितंबर के बीच होता है, जब मौसम ठंडा और शुष्क होता है।


केसर की खेती के लिए प्रमुख किस्में -

आइए जानते हैं केसर की खेती से ज्यादा उत्पादन प्राप्त करने के लिए कुछ प्रमुख किस्में देखते हैं

1. कश्मीरी केसर

2. ईरानी केसर 

3. स्पैनिश केसर 

4. अफगानी केसर 

5. तुर्की केसर


कंद रोपाई का तरीका -

1. रोपाई के लिए 15-20 सेमी की गहराई पर कंद को लगाएं।

2. कंदों के बीच की दूरी 10-15 सेमी और कतारों के बीच की दूरी 20-25 सेमी रखें।


कंद रोपने की विधि -

1. कंदों को हाथ से लगाएं या हल्के फावड़े का उपयोग करें।

2. कंदों को रोपने के बाद मिट्टी से ढक दें और हल्का सा दबा दें।


सिंचाई -

1. पहली सिंचाई: रोपाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें।

2. अन्य सिंचाई: मिट्टी के सूखने पर नियमित सिंचाई करें।


केसर के प्रमुख रोग और कीट -

हम नीचे दी गई टेबल में केसर के प्रमुख रोगों और कीटों के नियंत्रण के बारे में जानेंगे

रोगों के नाम 

बेस्ट फफूंदनाशी 

उपयोग मात्रा/ 15 लीटर 

कंद सड़न 

एम- 45 

30 ग्राम 

बैक्टीरियल रॉट

ब्लू कॉपर 

30 ग्राम 

टर्निप मोजेक वायरस

नीम आइल 10000 ppm 


चिपचिपे जाल

30 मिली 


4-5/ एकड़ 

कीटों के नाम 

बेस्ट कीटकनाशक 

उपयोग मात्रा/ 15 लीटर 

चूहा

रेटोल 

2-5 ग्राम सूखे खाद पर लगाए। 

मकड़ी 

ओमाइट 

30 मिली 


घर में केसर की खेती कैसे कर सकते हैं?

केसर की खेती एक कमरे में भी की जा सकती है, लेकिन इसके लिए कमरे का तापमान कश्मीर के बड़गाम या हिमाचल प्रदेश के उन क्षेत्रों के समान बनाए रखना होगा जहां केसर की खेती होती है। तापमान को नियंत्रित करने के लिए तकनीक का उपयोग किया जा सकता है।

कमरे में केसर उगाने के लिए, एरोपोनिक तकनीक का प्रयोग करने के बाद एक उचित ढांचा तैयार करना होगा। इसके साथ ही, कमरे में हवा का सही प्रबंधन भी जरूरी है।


घर में केसर की खेती करते समय इन बातों पर ध्यान दें 

1. कमरे की आदर्श ह्यूमिडिटी 80–90% के बीच होनी चाहिए।

2. एरोपोनिक ढांचा तैयार करने के बाद, मिट्टी को भुरभुरा करें और डालें।

3. मिट्टी बलुई, चिकनी, रेतीली या दोमट होनी चाहिए।

4. सुनिश्चित करें कि मिट्टी में पानी का जमाव न हो।

5. जलभराव पौधों को नुकसान पहुंचा सकता है।

6. केसर के लिए हल्की सिंचाई पर्याप्त होती है।

7. मिट्टी में फास्फोरस, पोटाश, नाइट्रोजन और गोबर की खाद मिलाना फायदेमंद होता है।


कटाई

केसर की हार्वेस्टिंग अक्टूबर और नवंबर में करते हैं। एक बार रोपाई करने के बाद किसान दूसरे साल भी केसर के फसल की उपज ले सकते हैं.केसर  बैंगनी पंखुड़ियों वाला साधारण फूल है। लेकिन यह उन गणनाओं के अंदर है - लाल, तीन कलंक। केसर के फूलों को तोड़ा जाता है, लाल धागे एकत्र किए जाते हैं और सुखाए जाते हैं। इस प्रकार यह वह बन जाता है जिसे हम केसर के रूप में जानते हैं।


उत्पादन

केसर के एक फूल (kesar ka phool) 00.09 -0.012 mg केसर होता है और एक एकड़ 8 से 10 पाउंड सूखा केसर मिल जाता है। 


मार्केट में केसर फूल की कीमत - 

मार्केट में केसर फूल की कीमत (kesar ka price) लगभग 250000-300000 रुपये/ किलो है। 


सारांश -

मिट्टी की अच्छी तैयारी, गहरी जुताई, और गोबर की खाद का प्रयोग केसर की खेती के लिए महत्वपूर्ण है। खेत को समतल करना और क्यारियाँ बनाना सिंचाई और देखभाल को आसान बनाता है। सही विधियों का पालन करके उच्च गुणवत्ता वाली केसर की फसल प्राप्त की जा सकती है।


अक्सर पूछे जानें वाले प्रश्न - 

👉1 किलो केसर के लिए कितने पौधे चाहिए? 

उत्तर - 1 किलो केसर के लिए 100000- 120000 पौधे चाहिए। 

👉1 ग्राम केसर की कीमत क्या है?

उत्तर - 500- 600 रुपये/ ग्राम केसर की कीमत है। 

👉केसर कितने दिन में तैयार हो जाता है?

उत्तर - केसर 5.5 से 6 माह में तैयार हो जाता है। 

👉केसर का बीज कैसे मिलेगा?

उत्तर - केसर का बीज (kesar ka bij) आपको हिमालय में सीएसआईआर-जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान मिल जाता है। 



लेखक

BharatAgri Krushi Doctor


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