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Genda Ki Kheti: गेंदा की खेती की सम्पूर्ण जानकारी

गेंदा (Marigold) एक प्रमुख फूल वाली फसल है, जिसे मुख्य रूप से भारत में सजावटी फूलों के रूप में उगाया जाता है। इसका उपयोग विशेष रूप से धार्मिक, सांस्कृतिक और सजावटी अवसरों पर किया जाता है। गेंदा के फूलों का रंग, सुगंध, और आकार इसे एक लोकप्रिय फूल बनाते हैं। यह फसल कम लागत और कम मेहनत में अधिक उत्पादन देने वाली फसल मानी जाती है। गेंदा की खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा प्राप्त होता है, और यह बाजार में हमेशा मांग में रहने वाला फूल है।


भारत में गेंदा की खेती: 

गेंदा की खेती पूरे भारत में की जाती है, लेकिन विशेष रूप से महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में इसका व्यापक उत्पादन होता है। इसके अलावा, हरियाणा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में भी गेंदा की खेती की जाती है। यह फसल विभिन्न प्रकार की जलवायु परिस्थितियों में सफलतापूर्वक उगाई जा सकती है।


गेंदा की खेती का समय: 

गेंदा की खेती का सबसे उपयुक्त समय गर्मी और मानसून के मौसम में होता है। इसकी बुवाई फरवरी-मार्च और जून-जुलाई एवं सितंबर-अक्टूबर के महीनों में की जाती है। फूल आने का समय बुवाई के 60-70 दिन बाद होता है।


मौसम और जलवायु: 

गेंदा की खेती के लिए समशीतोष्ण जलवायु सबसे उपयुक्त मानी जाती है। यह फसल 18°C से 30°C तापमान में अच्छी तरह से पनपती है। ज्यादा ठंड और पाला इसके विकास के लिए हानिकारक होते हैं।


खेत की तैयारी और मिट्टी : 

गेंदा की खेती के लिए खेत की अच्छी तैयारी जरूरी होती है। सबसे पहले खेत को 2-3 बार जोतकर मिट्टी को भुरभुरा बना लें। इसके बाद खेत में गोबर की खाद या कम्पोस्ट डालकर मिट्टी की उर्वरकता बढ़ाई जाती है। खेत की अंतिम तैयारी के समय पाटा लगाकर इसे समतल कर लें।

गेंदा की खेती के लिए दोमट, बलुई दोमट और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। मिट्टी का pH मान 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए। जलभराव वाली मिट्टी इसके लिए अनुकूल नहीं होती।


गेंदा की बेस्ट किस्म:

किस्म का नाम 

किस्म की विशेषताएं 

शाइन बोल्ट एफ1 नारंगी गेंदा 

इस किस्म के गेंदे का फूल नारंगी रंग का होता है, पौधों की ऊंचाई 3.5 से 4.5 फीट होती है, फूलों की पहली तुड़ाई 55 से 60 दिनों में कर सकते है।  

टी जी वेदा नारंगी गेंदा 

इस किस्म की बुवाई आप तीनो मौसम में कर सकते है यह वायरस और रोगों के प्रति सहनशील किस्म है, पौधों की ऊचाई 2.5 से 4 फीट तक होती है और इस किस्म के फूल आकर्षक नारंगी रंग के होते है।  

जेंटेक्स फायरबॉल एफ1 नारंगी गेंदा 

इस किस्म की उत्पादन क्षमता ज्यादा होती है, फूलों की अच्छी गुणवत्ता के कारण इसकी मांग ज्यादा होती है यह किस्म रोगों के प्रति अत्यधिक सहनशील होती है।  

इंडस स्वीट ऑरेंज गेंदा का बीज 

इस किस्म की अंकुरण क्षमता 70 से 80% होती है, इसके फूल गहरे नारंगी रंग के होते है इसकी खेती आप सभी प्रकार के मिट्टी में कर सकते है।  

टीजी एमरल्ड पीले गेंदे के बीज 

इस किस्म की खेती आप सभी प्रकार के मौसम और मिट्टी में कर सकते है, इसके फूल आकर्षक पीले रंग के साथ अत्यधिक गुणवत्ता युक्त होते है जिससे फूलों की मांग बाजार में ज्यादा होती है।  

जेंटेक्स स्प्लेंडर GN-521 एफ1 हाइब्रिड गेंदे का बीज 

इस किस्म के पौधों की ऊंचाई 4 फीट तक होती है, फूलों की पहली तुड़ाई 60 दिनों के अंदर के सकते है और फूलों का रंग गहरा पीला होता है।  

इंडस पुष्पक पीले गेंदे का बीज 

इस किस्म की अंकुरण क्षमता 70 से 80% होती है, इसके फूल गहरे पीले रंग के होते है इसकी खेती आप सभी प्रकार के मिट्टी में कर सकते है


बीज दर प्रति एकड़ अनुसार: 

गेंदा की खेती के लिए बीजदर 60 से 100 ग्राम प्रति एकड़ लगती है। उचित बीजदर से पौधों का विकास अच्छा होता है और उत्पादन में भी वृद्धि होती है। प्रति एकड़ पौधों की संख्या 6000 से 8000 पौधों की रोपाई की जाती है।  


पौधों की रोपाई और दूरी: 

गेंदा के पौधों की रोपाई जून-जुलाई (खरीफ), सितंबर-अक्टूबर (रबी) और फरवरी-मार्च (गर्मी) के मौसम में की जाती है। पौधों के बीच की दूरी 45-60 सेंटीमीटर रखनी चाहिए। पौधों की रोपाई 25-30 दिन पुराने पौधों को खेत में स्थानांतरित करके की जाती है।


खाद और उर्वरक: 

गेंदा की फसल में खाद और उर्वरक का सही उपयोग आवश्यक है। प्रति एकड़ 10-12 टन गोबर की खाद या कम्पोस्ट डालें। इसके अलावा, 60 किलोग्राम नाइट्रोजन, 30 किलोग्राम फॉस्फोरस, और 30 किलोग्राम पोटाश का उपयोग करें। नाइट्रोजन की आधी मात्रा बुवाई के समय और बाकी आधी 30 दिनों बाद डालें।


खरपतवार की समस्या और नियंत्रण: 

खरपतवार गेंदा की फसल को नुकसान पहुंचाते हैं, इसलिए समय-समय पर निराई-गुड़ाई करनी चाहिए। रोपाई के 20-25 दिन बाद पहली निराई और 45-50 दिन बाद दूसरी निराई करनी चाहिए। इसके साथ ही पेन्डिमेथालिन जैसे खरपतवारनाशी का छिड़काव भी किया जा सकता है।


फसल में कीटों की समस्या और नियंत्रण 

1. आर्मीवर्म  (Armyworm) - धानुका जैपेक कीटनाशक 80 मिली प्रति एकड़ उपयोग करें।  

2. थ्रिप्स (Thrips) - बायर रीजेंट कीटनाशक 400 मिली प्रति एकड़ उपयोग करें।  

3. माहू (Aphids) - धानुका अरेवा कीटनाशक 100 ग्राम प्रति एकड़ उपयोग करें।  

4. सफेद मक्खी (Whitefly) - टाटा मानिक कीटनाशक 100 ग्राम प्रति एकड़ उपयोग करें।  

5. मकड़ी (Mites) - धानुका ओमाइट कीटनाशक  300 मिली प्रति एकड़ उपयोग करें।  

6. पत्ती खाने वाली इल्ली (Caterpillars) - क्रिस्टल प्रोक्लेम कीटनाशक 80 ग्राम प्रति एकड़ उपयोग करें।  

7. मिली बग  (Mealybugs) - यूपीएल लांसर गोल्ड कीटनाशक 400 ग्राम प्रति एकड़ उपयोग करें 


फसल में प्रमुख रोगों की समस्या और नियंत्रण 

1. पत्तों पर धब्बे (Black Spot) - यूपीएल साफ फफूंदनाशी 400 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें।  

2. पाउडरी मिल्ड्यू (Powdery Mildew) - बायर नेटिवो फफूंदनाशी 80 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें।  

3. बॉट्रिटिस (Botrytis) - सुमिटोमो कीटोशी फफूंदनाशी 300 मिली प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें।  

4. रस्ट (Rust) -  क्रिस्टल टिल्ट फफूंदनाशी 150 मिली प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें।  

5. जड़ों में सड़न (Root Rot) - बायोस्टेड रोको फफूंदनाशी 300 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें।  

6. उखटा रोग  (Fusarium Wilt) - सिजेंटा रिडोमिल गोल्ड फफूंदनाशी 300 ग्राम प्रति एकड़ अनुसार छिड़काव करें।  


फूलों की तुड़ाई : 

गेंदा की तुड़ाई फूलों के पूर्ण रूप से खिलने पर की जाती है। आमतौर पर बुवाई के 60-70 दिनों बाद पहली कटाई होती है। इसके बाद हर 3-4 दिनों में फूलों की तुड़ाई की जाती है।


प्रति एकड़ उत्पादन: 

गेंदा की फसल का उत्पादन प्रति एकड़ 8-10 टन तक हो सकता है, जो किस्म और जलवायु पर निर्भर करता है।


सारांश: 

गेंदा की खेती कम लागत और अधिक मुनाफा देने वाली फसल मानी जाती है। यह फसल भारत के सभी प्रमुख हिस्सों में उगाई जाती है। 

गेंदा की खेती के लिए सही समय, मौसम, मिट्टी, खाद, और उर्वरक का सही उपयोग अत्यधिक आवश्यक होता है। इस फसल में कीट और रोगों की सही पहचान और नियंत्रण से उत्पादन बढ़ाया जा सकता है। 

गेंदा के फूलों की बाजार में अधिक मांग होती है, जिससे यह किसानों के लिए एक लाभकारी फसल बनती है।


अक्सर पूछे जानें वाले प्रोडक्ट 

1. गेंदा की खेती किन राज्यों में होती है?

उत्तर - महाराष्ट्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, और पश्चिम बंगाल में होती है।

2. गेंदा की बुवाई का सही समय क्या है?

उत्तर - फरवरी-मार्च, जून-जुलाई, और सितंबर-अक्टूबर में बुवाई होती है।

3. गेंदा की खेती के लिए उपयुक्त तापमान क्या है?

उत्तर - 18°C से 30°C तापमान उपयुक्त होता है।

4. गेंदा की खेती के लिए कौन सी मिट्टी सबसे अच्छी है?

उत्तर - दोमट और बलुई दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है।

5. गेंदा की बेस्ट किस्म कौन सी है?

उत्तर - शाइन बोल्ट एफ1, टी जी वेदा, जेंटेक्स फायरबॉल एफ1 प्रमुख किस्में हैं।

6. गेंदा की खेती के लिए बीज दर कितनी होनी चाहिए?

उत्तर - 60 से 100 ग्राम बीज प्रति एकड़ उपयोग करना चाहिए।

7. गेंदा के पौधों के बीच कितनी दूरी होनी चाहिए?

उत्तर - पौधों के बीच 45-60 सेंटीमीटर दूरी होनी चाहिए।

8. गेंदा की फसल में कौन-कौन से प्रमुख कीट होते हैं?

उत्तर - आर्मीवर्म, थ्रिप्स, माहू, सफेद मक्खी और मिली बग प्रमुख कीट होते हैं।

9. गेंदा की फसल में कौन-कौन से प्रमुख रोग होते हैं?

उत्तर - पाउडरी मिल्ड्यू, ब्लैक स्पॉट, बॉट्रिटिस, रस्ट और जड़ों की सड़न प्रमुख रोग होते हैं।

10. गेंदा की फसल से प्रति एकड़ कितना उत्पादन हो सकता है?

उत्तर - प्रति एकड़ 8-10 टन उत्पादन हो सकता है।


लेखक

BharatAgri Krushi Doctor


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