आद्र गलन रोग (Damping-off disease) का नियंत्रण और उपाय
किसान भाइयों आर्द्र गलन (Damping-off) रोग राइजोक्टोनिया सोलेनाई नामक कवक या फंगस के माध्यम से फैलता है और इस रोग का प्रकोप अधिकतर नर्सरी क्षेत्र में देखा जाता हैं। यह रोग बीजजनित और मृदाजनित होता हैं। आर्द्र गलन रोग का अधिकतर प्रभाव 10-15 दिन के पौधों में ज्यादा देखने को मिलता है। इस रोग के लक्षण अधिकतर सब्जीवर्गीय फसल में देखने को मिलता हैं, जैसे-टमाटर, मिर्च, बैगन, फूलगोभी, पत्तागोभी, लौकी, गिलकी, करेला, तरबूज, खरबूज, सरसों और भी कई अन्य फसलों में दिखाई देता हैं। डंपिंग-ऑफ आमतौर पर तब होता है जब पुराने बीज की बुवाई गीली मिट्टी, कम तापमान में की जाए और मिट्टी में जल निकास की सुविधा न हो तथा उच्च आर्द्रता का स्तर, ठंडी मिट्टी और बीज बहुत गहराई से रोपण जैसी पर्यावरणीय परिस्थितियाँ भी इसके विकास को प्रोत्साहित करती हैं।
आर्द्र गलन रोग के पौधों पर लक्षण | Symptoms Of Damping Off Disease In Hindi
आइये जानते हैं आद्र गलन रोग (Damping-off disease) के पौधों (Seedlings) पर लक्षण कैसे पहचान सकते हैं -
- आद्र गलन रोग से पौधों के तने गलने लगते हैं।
- इस रोग से ग्रषित पौधों की जड़ें सड़ने लगती हैं।
- आद्र गलन से पौधों के तने पतले होने लग जाते हैं।
- पौधों के पत्ते मुरझाने लगते हैं।
- इस रोग की समस्या ज्यादा होने पर पौधों की पत्तिया पीली हो कर सूखने लगती हैं।
- पौधे जमीन या मिट्टी के ऊपर गिरने लग जाते हैं या फिर लेटे हुए नजर आते हैं।
- प्रभावित हुए पौधों पर या मिट्टी की सतह पर सफ़ेद रंग के कवक या फंगस दिखाई देते हैं।
- रोपाई के दौरान जब पौधे घनी मात्रा में निकलते हैं तो यह बीमारी अधिक तीव्रता से फैलती है।
बाविस्टिन फफूंदनाशक से करें आद्र गलन रोग नियंत्रण | Control Damping-off disease with Bavistin fungicide
आइये जानते हैं कैसे करता हैं क्रिस्टल बाविस्टिन (Crystal Bavistin Fungicide), आद्र गलन रोग पर नियंत्रण -
- क्रिस्टल बाविस्टिन (कार्बेन्डाजिम 50% डब्ल्यूपी) एक व्यापक स्पेक्ट्रम प्रणालीगत कवकनाशी है जो फसलों के रोगों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करता है।
- यह खेत की फसलों और सब्जियों में रोगों के नियंत्रण के लिए उपचारात्मक और निवारक दोनों के रूप में उपयोग किया जाता है।
- यह सुरक्षात्मक और उपचारात्मक कार्रवाई के साथ एक व्यापक स्पेक्ट्रम प्रणालीगत कवकनाशी है।
- क्रिस्टल बाविस्टिन पौधे के भीतर स्थानांतरित हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप बाद में फंगीटॉक्सिक बन जाता है।
- जब जड़ों पर उपयोग किया जाता है तो सक्रिय संघटक जाइलम वाहिकाओं में अंतरकोशिकीय रूप से गुजरता है और सैप धारा द्वारा पर्णसमूह की ओर बह जाता है।
- पत्ते पर उपयोग करने से, कवकनाशी जाइलम में जाता है और पत्ती के दूरस्थ भागों में फैल जाता है।
- यह मुख्य रूप से जर्म ट्यूब के विकास, एप्रेसोरिया के गठन और माइसेलिया के विकास को रोकता है।
Bavistin (Carbendazim 50% WP) Fungicide के उपयोग करने के फ़ायदे -
बाविस्टिन (कार्बेन्डाजिम 50% WP) Fungicide के उपयोग करने के फ़ायदे निम्न हैं -
- बाविस्टिन ब्रॉड-स्पेक्ट्रम कवकनाशी, जो बड़ी संख्या में बीमारियों को अपनी मजबूत क्रिया के साथ नियंत्रित करता है।
- बाविस्टिन अन्य कवकनाशी की तुलना में बेहतर सुरक्षा देता हैं और प्रति एकड़ लागत को कम करता हैं।
- बाविस्टिन पौधों द्वारा तेजी से अवशोषित होता है।
- बाविस्टिन सुरक्षात्मक और उपचारात्मक क्रियाओं के साथ एक प्रणालीगत कवकनाशी है।
- बाविस्टिन विभिन्न फसलों में रोगजनक कवक की एक विस्तृत श्रृंखला के खिलाफ प्रभावी है।
- बाविस्टिन का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जाता है, जैसे पौधों में ड्रेंचिंग, फसल पर छिड़काव, बीज उपचार, और ड्रिप के माध्यम से भी उपयोग किया जाता हैं।
- आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले एग्रो केमिकल्स के साथ बाविस्टिन की बहुत अच्छी अनुकूलता है।
- क्रिस्टल बाविस्टिन अन्य कवकनाशी और कीटनाशकों के साथ संगत है।
- भारतॲग्री कृषि दुकान में बाजार से कम मूल्य पर आप (Bavistin Price) Bavistin fungicide की खरीदी कर सकते हो।
फसल - सेब, जौ, गेहूं, बेर, बैंगन, कपास, ककड़ी, अंगूर, मूंगफली, जूट, धान, मटर, गुलाब, चुकंदर, साबूदाना, अखरोट, गेहूं और भी अधिक फसलों में उपयोग कर सकते हैं |
नियंत्रण - एन्थ्रेक्नोज, ब्लास्ट, डाउनी लीफ स्पॉट, फ्रूट रोट, लीफ स्पॉट, लूज स्मट, पाउडरी मिल्ड्यू, स्कैब, सीडलिंग ब्लाइट, सेट रोट, शीथ ब्लाइट, टिक्का लीफ स्पॉट और अन्य रोगो पर भी नियंत्रण करता हैं।
मात्रा - 480-500 ग्राम/एकड़
किसान भाइयों आप से निवेदन है की अगर आप को ये आर्टिकल अच्छा लगा होगा तो कमेंट में अपनी राय देना न भूले और आगे आप को फसल संबंधित कोई और जानकारी चाहिए तो कमेंट में सुझाव दे।