पत्तागोभी में तना गलन और जड़ गलन रोग का नियंत्रण। Control of stem rot and root rot disease in cabbage
नमस्कार किसान भाइयों आज के लेख में हम पत्तागोभी की खेती (cabbage farming) के बारे में बात करने वाले हैं। पत्ता गोभी की खेती प्रमुख रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, असम, हरियाणा और महाराष्ट्र राज्यों में की जाती है। आज हम पत्ता गोभी को नुकसान पहुंचाने वाले प्रमुख रोगों तना गलन (stem rot) और जड़ गलन (root rot) की पहचान और उनके नियंत्रण के बारे में विस्तार से जानेंगे।
पत्तागोभी में तना गलन रोग की पहचान | Green cabbage stem rot disease
पत्ता गोभी में लगने वाला यह रोग मृदाजनित रोग है, यह रोग अधिकतर नर्सरी में लगता है। लेकिन यदि ज्यादा बारिश हो या जलजमाव की समस्या जहाँ पर ज्यादा होती है, वहाँ पर तना गलन की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। अगर तने की बात करें तो जब पौधा जमीन से बाहर आता है तो जमीन से सटे हुए भाग से टूटकर गिर जाता है। तना जहाँ से टूटकर गिरता है वहाँ पर भूरे या काले रंग के नरम धब्बे बन जाते हैं। रोगी भाग टूट कर नीचे गिरकर टूट जाता है, इस रोग से ग्रसित पत्तियाँ पीला पड़कर सूख जाती हैं।
पत्तागोभी में तना गलन रोग नियंत्रण | Green cabbage stem rot disease control
अब हम निम्न बिन्दुओं के माध्यम से तना गलन रोग नियंत्रण के बारे में जानेंगे -
- रोग से बचाव के लिए बाविस्टिन कवकनाशी (bavistin fungicide) से 3 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से बीज उपचार करना चाहिए।
- रोग से बचाव के लिए साफ़ कवकनाशी (saaf fungicide uses) का 1.5 से 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकार पौधे के जड़ों के पास छोड़ें।
- इस रोग के नियंत्रण के लिए रोको कवकनाशी (roko Fungicide) को 2-4 ग्राम/लीटर में मिलाकार ड्रिप या मिट्टी को भिगोना चाहिए।
- यदि रोग का प्रकोप ज्यादा हो तो साफ़ कवकनाशी (saaf fungicide uses) का 2 ग्राम + कासु-बी (कासुगामासीन 3% SL) 2 मिली/ लीटर में मिलाकार ड्रिप या मिट्टी को भिगोना चाहिए।
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यदि अधिक संक्रमण हो तो धानुका कंपनी के कोनिका कवकनाशी (conika fungicide) को 300 ग्राम प्रति एकड़ पानी में मिलाकार ड्रिप या मिट्टी को भिगोना चाहिए।
पत्तागोभी में जड़ गलन रोग पहचान | Green cabbage root rot disease control
पत्ता गोभी में लगने वाला यह रोग मृदाजनित रोग है, इस रोग से ग्रसित पौधे जड़ से गलने लगते हैं। इस रोग की समस्या सबसे ज्यादा जलजमाव की स्थिति में देखने को मिलती है, इस रोग से ग्रसित पौधों की जड़ें गलकर ख़त्म हो जाती हैं।
पत्तागोभी में जड़ गलन रोग नियंत्रण | Green cabbage root rot disease control
अब हम निम्न बिन्दुओं के माध्यम से जड़ गलन रोग नियंत्रण के बारे में जानेंगे -
- रोग से बचाव के लिए धानुस्टिन कवकनाशी (Dhanustin fungicide) से 3 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से बीज उपचार करना चाहिए।
- रोग से बचाव के लिए ट्राइकोडर्मा विरिडी कवकनाशी (trichoderma viride) का 5 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकार पौधे के जड़ों के पास छोड़ें।
- इस रोग के नियंत्रण के लिए रोको कवकनाशी (roko Fungicide) को 2-4 ग्राम/लीटर में मिलाकार ड्रिप या मिट्टी को भिगोना चाहिए।
- धानुकोप (copper oxychloride 50% wp) कवकनाशी को 500 ग्राम प्रति एकड़ 150-200 लीटर पानी में मिलाकर ड्रेंचिंग करें।
- रोग से बचाव के लिए सिंजेन्टा एमिस्टार टॉप फफूंदनाशी (Syngenta Amistar Top Fungicide) को 0.5-1 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर ड्रेंचिंग करें।
- इस रोग के नियंत्रण के लिए रिडोमिल गोल्ड (ridomil gold fungicide) कवकनाशी हमें 250 - 300 ग्राम 150 से 200 लीटर पानी में घोल कर प्रति एकड़ के अनुसार या फिर 1.5 से 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में डाल कर फसल में ड्रेंचिंग करना चाहिए।
किसान भाइयों पत्तागोभी में तना गलन और जड़ गलन रोगों के पहचान तथा उनके नियंत्रण के बारे में यह लेख पढ़कर कैसा लगा हमें कमेंट में बताना न भूलें और इस लेख को अपने अन्य किसान मित्रों के साथ भी शेयर करें। धन्यवाद!