chilli wilt disease

chilli wilt disease: मिर्च उकठा रोग नियंत्रण कि संपूर्ण जानकारी

किसान दोस्तों नमस्कार, मै सूर्यकांत। आप सभीका स्वागत करता हूँ BharatAgri Krushi Dukan वेबसाईट के इस नए ब्लॉग (लेख) में। आज हम देखेंगे मिर्च की फसल में उकठा रोग आने के कारण, लक्षण और उपाय के बारें में। अगर आपके पास मिर्च की फसल है तो खास कर आपके लिए ये वाली जानकारी बहोत ही महत्वपूर्ण है। मेरी आपसे रीक्वेस्ट है की जानकारी पूरी पढे और जानकारी अच्छी लगने पर इसे आपके अन्य मिर्च उत्पादक किसानों के साथ शेयर जरूर करें। चलिए फिर बिना किसी देरी के शुरू करते है ....


मिर्च में उकठा रोग आने के कारण | reasons behind chilli wilt disease -

1. उकठा रोग का कारण है कि यह एक पौधों की बीमारी है जिसका कारण फफूंद (फ्यूजेरियम ऑक्सीस्पोरम)  होते हैंये फफूंद मिट्टी में काफी दिनों तक जीवित रह सकते हैं।  

2. यह मृदा तथा बीज जनित बीमारी है। मौसम में होने वाले बदलाव, जैसे कि बर्फबारी और बरसात की अधिकतम मात्रा, इस रोग के विकसन को बढ़ावा देते हैं। 

3. उकठा रोग का आक्रमण ठंडे और गीले मौसम में अधिक होता है, जो मिर्च की पौधों पर बुरा प्रभाव डालता है।

4. इसके अलावा, बारिश के दौरान पानी का जल संचरण और अधिक बर्फबारी के कारण भी यह बीमारी प्रसारित हो सकती है।


मिर्च में उकठा रोग के लक्षण | symptoms of chilli wilt disease -

1. रोग का फैलाव: उकठा रोग के लक्षण शुरूआत में खेत में छोटे-छोटे हिस्सों में दिखाई देते हैं, और धीरे-धीरे पूरे खेत में फैल जाते हैं। 

2. पत्तियों का मुरझाना: शुरुआत में, पौधों की ऊपरी पत्तियां मुरझने लगती हैं, जिसके कारण पत्तियों की ऊपरी सतह प्रभावित होती है। 

3. पत्तियों का झुकना: इस रोग से प्रभावित पौधों की पत्तियां नीचे की ओर झुकने लगती हैं, जिससे पौधों का संरचन अव्यवस्थित दिखता है। 

4. पत्तियों का पीला होना: कुछ समय बाद, पत्तियां पीली होकर सूखने लगती हैं, जिससे पौधों का रंग बदलता है। 

5. पूरा पौधा का पीला होना: अगर समय रहते नियंत्रण नहीं किया जाता है, तो पूरा पौधा पीला होकर सूखने लगता है। 

6. पौधे की सुखापन: इस रोग में पौधे के पत्तियाँ सुख जाती हैं और उसके बाद पूरा पौधा पीला होकर सूख जाता है। 

7. काली संरचना: ग्रसित पौधे की जड़ के पास चिरा लगाने पर वहाँ काली काली संरचना दिखाई पड़ती है। 


मिर्च उकठा रोग के उपाय | how to control wilt in chilli -

1. गहरी जुताई: पौधों को लगाने से पहले, खेत की एक बार गहरी जुताई करें। इससे खेत में पहले से मौजूद फफूंद तेजी से नष्ट हो सकते हैं। 

2. भूमि शोधन: खेत को तैयार करते समय प्रति एकड़ खेत में 40 किलोग्राम सड़ी हुई गोबर की खाद में 1.5 से 2 किलोग्राम ट्राइकोडर्मा विरिडी मिला कर प्रयोग करें।

3. बीज प्रक्रिया: बुवाई से पहले, प्रति किलोग्राम बीज को 2 ग्राम धानुका विटावेक्स से उपचारित करें।

4. संक्रमित पौधों का प्रबंधन: खड़ी फसल में रोग के लक्षण दिखने पर, संक्रमित पौधों को सावधानी पूर्वक खेत से बाहर निकालकर नष्ट कर दें।

5. जैविक रोपण: फसल के लक्षणों के प्रसार को रोकने के लिए ट्राइकोडर्मा विरिडी को 2 मिली/प्रति लीटर पानी में डालकर फसल की पौधों में ड्रेंचिंग करें।


मिर्च की फसल में उखटा रोग नियंत्रण के बेस्ट फफूंदनाशी | best fungicide for chilli wilt disease -

कवकनाशी का नाम

सामग्री

उपयोग की मात्रा

धानुस्टिन

कार्बेन्डाजिम 50% डब्ल्यूपी

1 ग्राम/लीटर

साफ

कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोजेब 63% WP

2 ग्राम/लीटर

कोनिका

कासुगामाइसिन 5% + कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 45% डब्ल्यूपी

2 ग्राम/लीटर

रिडोमिल गोल्ड

मेटालैक्सिल 8% + मैनकोजेब 64% डब्ल्यूपी

2 ग्राम/लीटर

रोको

थियोफानेट मिथाइल 75% WP

2 ग्राम/लीटर

ज़ेनेट

थियोफानेट मिथाइल 44.8% + कासुगामाइसिन 2.6% एससी

2.5 मिली/लीटर


ऊपरी छिड़काव के लिए कुछ जरूरी सूचना - 

1. छिड़काव सुबह 11 से पहले या फिर श्याम को 4 बजे के बाद लें। 

2. छिड़काव लेते व्यक्त जमीन में हल्की सी नमी हो। 

3. छिड़काव के साथ चिपकू का इस्तेमाल जरूर करें। 

4. कड़ी धूप में छिड़काव ना लें। 

5. किसी भी प्रकार की अन्य दवा को इस घोल में मिलाने से पहले कृषि डॉक्टर की राय जरूर लें।

 

FAQ | बार - बार पूछे जाने वाले सवाल -


1. सवाल - मिर्ची में कौन सी दवाई डालनी चाहिए?

जवाब - मिर्च में उकठा रोग नियंत्रण के लिए आप धानुस्टिन, साफ, कोनिका, रिडोमिल गोल्ड, रोको या फिर ज़ेनेट का उपयोग कर सकते हो।

2. सवाल - मिर्च में यूरिया कब डालें?

जवाब - मिर्च में युरीया को काफी संभालकर इस्तेमाल करना है। जैसे आप इसका इस्तेमाल शूरवाती अवस्था में बेसल डोस के साथ कर सकते हो। इसकी मात्रा मिट्टी परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर तय करें।

3. सवाल - मिर्च का पौधा सूख रहा हो तो क्या करना चाहिए?

जवाब - अगर मिर्च का पोधा सुख रहा है तो - धानुस्टिन, साफ, कोनिका, रिडोमिल गोल्ड, रोको या फिर ज़ेनेट कवकनाशी का ड्रेंचिंग के साथ इस्तेमाल करें।

4. सवाल - मिर्ची के पौधे में क्या डालना चाहिए?

जवाब - मिर्च के पोधों में आप आवश्यकता अनुसार उर्वरक या फिर कवकनाशी डाल सकते हो।

5. सवाल - मिर्च के पौधों को कीड़ों से कैसे बचाएं?

जवाब - मिर्च की फसल को कीड़ों से बचाने के लिए आपको कीड़ों की पहचान कर जरूरी किटनाशी का इस्तेमाल करना चाहिए।

6. सवाल - आप मिर्च के पौधों का इलाज कैसे करते हैं?

जवाब - मिर्च के पोधों का इलाज करने के लिए, मै मेरी मिर्च की फसल का फोटो BharatAgri App में कृषि डॉक्टर को भेज देता हूँ। वो मुझे मेरी फसल अवस्था और जरूरत के अनुसार दवा बता देते है जिसे मै BharatAgri से ही खरेदी करता हूँ।


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लेखक -


BharatAgri Krushi Doctor

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